Bank Closure News: अगर आपका खाता किसी ग्रामीण बैंक (Regional Rural Bank – RRB) में है, तो आपके लिए यह खबर बेहद जरूरी है। केंद्र सरकार ने 20 मई 2025 से देश के 11 राज्यों में 15 ग्रामीण बैंकों के विलय (Merger) का फैसला किया है। इसका मतलब यह है कि इन बैंकों का नाम अब अस्तित्व में नहीं रहेगा और हर राज्य में केवल एक ही ग्रामीण बैंक काम करेगा।
यह फैसला केंद्र सरकार की “One State-One RRB” नीति के तहत लिया गया है। इस नीति का उद्देश्य ग्रामीण बैंकिंग सेवाओं को अधिक प्रभावी, तेज और सरल बनाना है। इस निर्णय से देशभर में मौजूद RRBs की संख्या 43 से घटकर केवल 28 रह जाएगी।
क्या है Gramin Bank Merger 2025 योजना?
सरकार की यह योजना ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सिस्टम को प्रोफेशनल, तकनीकी रूप से उन्नत और ग्राहकों के लिए ज्यादा सुविधाजनक बनाना चाहती है। ‘एक राज्य, एक ग्रामीण बैंक’ की नीति के चलते छोटे-छोटे RRBs को मिलाकर एक मजबूत और बड़ा बैंक तैयार किया जाएगा।
इससे बैंकिंग सेवाओं में एकरूपता आएगी, संसाधनों का बेहतर उपयोग होगा और ग्रामीण क्षेत्र में डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा मिलेगा।
किन राज्यों में होगा असर?
इस योजना का असर कुल 11 राज्यों पर पड़ेगा, जहां 15 ग्रामीण बैंकों का विलय किया जाएगा। ये राज्य हैं:
उत्तर प्रदेश
बिहार
आंध्र प्रदेश
पश्चिम बंगाल
गुजरात
जम्मू-कश्मीर
कर्नाटक
महाराष्ट्र
मध्य प्रदेश
ओडिशा
राजस्थान
किस राज्य में कौन-कौन से बैंक होंगे मर्ज?
उत्तर प्रदेश
Baroda UP Bank
Aryavart Bank
Pratham UP Gramin Bank
👉 नया बैंक: Uttar Pradesh Gramin Bank (मुख्यालय: लखनऊ)
बिहार
South Bihar Gramin Bank
North Bihar Gramin Bank
👉 नया बैंक: Bihar Gramin Bank
आंध्र प्रदेश
Chaitanya Godavari Gramin Bank
Andhra Pragati Gramin Bank
Saptagiri Gramin Bank
Andhra Pradesh Gramin Vikas Bank
👉 नया बैंक: Andhra Pradesh Gramin Bank (मुख्यालय: अमरावती)
पश्चिम बंगाल
Bangiya Gramin Vikas Bank
West Bengal Gramin Bank
North Bengal RRB
👉 नया बैंक: West Bengal Gramin Bank
अन्य राज्यों में भी इसी प्रकार संबंधित सभी ग्रामीण बैंकों का विलय कर एक राज्य में एक ही बैंक बनाया जाएगा।
ग्राहकों को क्या करना होगा?
ग्राहकों को इस बदलाव को लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है, लेकिन कुछ जरूरी कदम जरूर उठाने होंगे:
क्या खाता फिर से खोलना पड़ेगा? – नहीं, पहले से खुला खाता वैसा ही रहेगा।
क्या पैसा सुरक्षित रहेगा? – हां, आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहेगा।
क्या IFSC कोड बदलेगा? – जी हां, IFSC कोड बदल सकता है। नया कोड आपको संबंधित बैंक की वेबसाइट या ब्रांच से मिल जाएगा।
पासबुक और चेकबुक का क्या होगा? – बैंक का नाम बदलने के कारण पासबुक और चेकबुक को अपडेट कराना जरूरी होगा।
क्या ब्रांच बदल जाएगी? – नहीं, आपकी ब्रांच वही रहेगी, सिर्फ बैंक का नाम बदलेगा।
इस बदलाव से क्या फायदे होंगे?
सरकार का दावा है कि इस विलय से बैंकिंग सेवाएं और ज्यादा आधुनिक होंगी। इसके अलावा कई और फायदे होंगे:
बैंकिंग सेवाएं पहले से ज्यादा तेज, प्रोफेशनल और डिजिटल हो जाएंगी।
पूरे देश में 22,000 से ज्यादा शाखाओं का एक मजबूत नेटवर्क बनेगा।
ग्रामीण इलाकों में डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा मिलेगा।
बैंकों की आय में वृद्धि होगी, और एनपीए (NPA) यानी डूबत कर्ज की समस्या में कमी आएगी।
वित्तीय अनुशासन और पारदर्शिता में सुधार होगा।
वर्ष 2023-24 में RRBs ने ₹7,571 करोड़ का लाभ कमाया है, जो इस फैसले की सफलता की संभावना को दर्शाता है।
पहले भी हुए हैं ऐसे विलय
ग्रामीण बैंकों का यह विलय पहली बार नहीं हो रहा है। इससे पहले भी कई बार इनका पुनर्गठन हो चुका है:
2006 से 2010 के बीच RRBs की संख्या 196 से घटाकर 82 की गई थी।
2013 से 2015 में यह संख्या 82 से घटकर 56 रह गई।
अब 2025 में यह संख्या घटकर केवल 28 रह जाएगी।
ग्राहकों को क्या करना चाहिए?
अपने नजदीकी बैंक ब्रांच में जाकर पासबुक और IFSC कोड को अपडेट कराएं।
बैंक से जुड़े SMS और नोटिफिकेशन को ध्यान से पढ़ें और उन पर कार्रवाई करें।
यदि आपके पास चेकबुक है, तो नई चेकबुक के लिए आवेदन करें।
किसी भी समस्या या जानकारी के लिए बैंक की वेबसाइट या हेल्पलाइन नंबर से संपर्क करें।
निष्कर्ष
सरकार का उद्देश्य है कि पूरे देश में एक सशक्त, एकीकृत और तकनीकी रूप से उन्नत ग्रामीण बैंकिंग नेटवर्क तैयार किया जाए। इससे न केवल ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाएं बेहतर होंगी, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।
यदि आपका खाता इन बैंकों में है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। समय पर जानकारी लेते रहें और जरूरी दस्तावेजों को अपडेट कराएं। यह बदलाव आपकी सुविधा के लिए है और आने वाले समय में इसके लाभ आपको जरूर मिलेंगे।