Rajasthan New Railway Line: राजस्थान में रेलवे नेटवर्क को और मजबूत बनाने के लिए एक नई बड़ी परियोजना शुरू की गई है। धौलपुर जिले से लेकर करौली जिले तक एक नई ब्राड गेज रेलवे लाइन बिछाने का काम तेजी से चल रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल क्षेत्र के आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है, बल्कि इससे यहां के ग्रामीण और किसानों की आमदनी में भी सुधार होगा। इस रेलवे लाइन के बनने से न केवल लोगों को बेहतर यातायात सुविधा मिलेगी, बल्कि आसपास के गांवों के किसानों को भी माल ढुलाई में लाभ होगा जिससे उनकी फसलें और उत्पाद बड़े बाजारों तक पहुंच सकेंगे।
परियोजना का परिचय और महत्व
धौलपुर-सरमथुरा-करौली रेलवे लाइन पर कार्य शुरू हो चुका है। यह लाइन पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा डिवीजन से धौलपुर जिले को जोड़ने वाली है। पिछले वर्ष से धौलपुर उपखंड में छोटी रेलवे लाइन की जगह ब्राड गेज लाइन बिछाने का कार्य शुरू हो गया था। अब बाड़ी उपखंड में भी रेलवे ट्रेक बिछाने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। इसके बाद सरमथुरा उपखंड में कार्य शुरू होगा।
यह रेलवे परियोजना क्षेत्र में विकास की एक बड़ी उम्मीद जगाती है। इससे न केवल लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, बल्कि रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे। साथ ही, जमीनों की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है, जिससे स्थानीय लोगों को वित्तीय लाभ होगा।
भूमि अधिग्रहण और राशि वितरण
रेलवे प्रशासन ने बाड़ी उपखंड में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी कर ली है। अब भूमि मालिकों को अवार्ड राशि वितरित करने का काम शेष है। अनुमान है कि जल्द ही राशि वितरण का कार्य शुरू हो जाएगा। राशि सीधे भूमि मालिकों के बैंक खातों में जमा की जाएगी।
बाड़ी और धौलपुर उपखंड में भूमि के लिए करीब 113.11 करोड़ रुपए की अवार्ड राशि जारी की जाएगी। इस राशि का वितरण भूमि मालिकों को उनके हिस्से के अनुसार किया जाएगा।
सरमथुरा उपखंड में भी लगभग 100 हेक्टेयर भूमि रेलवे लाइन के लिए अधिग्रहित की जानी है। यहां नियम 20 एफ के तहत प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। एक माह की आपत्ति मंगाने की अवधि दी जाएगी, उसके बाद अधिग्रहण कार्य पूरा होगा।
परियोजना की विस्तृत जानकारी
धौलपुर उपखंड: यहां करीब 18 हेक्टेयर भूमि पर रेलवे लाइन बनेगी और लगभग 28 करोड़ रुपए की राशि बांटी जाएगी।
बाड़ी उपखंड: इस क्षेत्र में करीब 122 हेक्टेयर भूमि रेलवे के लिए अधिग्रहित होगी। यहां करीब 86.11 करोड़ रुपए की राशि का वितरण होगा।
सरमथुरा उपखंड: लगभग 100 हेक्टेयर भूमि में रेलवे ट्रेक बिछेगा। अभी अधिग्रहण की प्रक्रिया जारी है और जल्द ही इसके लिए आपत्तियां मांगी जाएंगी।
करौली जिले की स्थिति
धौलपुर और सरमथुरा तक की भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है, लेकिन पड़ोसी करौली जिले में अभी तक रेलवे लाइन और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पाई है। करौली में यह काम द्वितीय चरण में होगा। भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण पूरे प्रोजेक्ट के पूरा होने में और समय लग सकता है।
किसानों और स्थानीय लोगों के लिए फायदे
इस नई रेलवे लाइन के बनने से आसपास के कई गांवों के किसान माल ढुलाई के बेहतर अवसर पाएंगे। उनके उत्पाद बड़े बाजारों तक आसानी से पहुंच सकेंगे, जिससे उनकी आमदनी में वृद्धि होगी। रेलवे के कारण फसल, फल, सब्जियां और अन्य कृषि उत्पाद जल्दी और सुरक्षित तरीके से बेचने के लिए उपलब्ध होंगे।
इसके अलावा, जमीनों की कीमतों में वृद्धि से भी किसान और जमीन मालिक आर्थिक रूप से मजबूत होंगे। रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, जिससे यहां के युवा भी लाभान्वित होंगे।
भविष्य में विकास की उम्मीदें
नई रेलवे लाइन के बनने से क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी। बेहतर यातायात सुविधा के कारण व्यवसायियों और उद्योगों को भी फायदा होगा। लोग आसानी से दूसरे शहरों और राज्यों से जुड़ पाएंगे, जिससे सामाजिक और आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
रेलवे परियोजना के साथ-साथ सड़क, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार की उम्मीद की जा रही है। इससे क्षेत्र का समग्र विकास होगा और यहां के नागरिकों का जीवन स्तर बेहतर होगा।
निष्कर्ष
राजस्थान के धौलपुर से करौली तक बनने वाली यह नई ब्राड गेज रेलवे लाइन न केवल क्षेत्र की यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाएगी, बल्कि किसानों और स्थानीय लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएगी। भूमि अधिग्रहण के बाद राशि वितरण का कार्य जल्द शुरू होगा, जिससे प्रभावित किसान आर्थिक रूप से मजबूत होंगे।
यह परियोजना रोजगार के नए अवसर लाएगी और क्षेत्र के विकास को तेज करेगी। भविष्य में इस रेलवे लाइन के जरिए व्यापार, यातायात और ग्रामीण विकास को नई ऊँचाइयाँ मिलेंगी।
इसलिए, यह नई रेलवे लाइन राजस्थान के लिए विकास का एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाले वर्षों में क्षेत्र की समृद्धि में बड़ा योगदान देगी।