Rajasthan IMD Weather Alert: राजस्थान में एक बार फिर मौसम करवट लेने वाला है। पश्चिमी विक्षोभ के असर के चलते प्रदेश में 12 मई रविवार और 13 मई सोमवार को बादल, बारिश और तेज़ हवाओं का असर देखने को मिलेगा। इसके बाद एक बार फिर तापमान में बढ़ोतरी होने लगेगी और गर्मी जोर पकड़ सकती है।
राजस्थान मौसम विभाग (IMD) ने ताजा अपडेट में बताया है कि राज्य के कई हिस्सों में अगले 48 घंटों तक मेघगर्जन, हल्की से मध्यम बारिश और आंधी का असर बना रहेगा। इसके बाद 13 मई से पश्चिमी और 14 मई से पूर्वी राजस्थान में मौसम साफ होने लगेगा।
इन जिलों में बारिश और आंधी का येलो अलर्ट जारी
मौसम विभाग ने रविवार को राजस्थान के 25 से अधिक जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में आज हल्की बारिश के साथ तेज हवाएं (40–50 किमी प्रति घंटा) चलने की संभावना जताई गई है:
अजमेर, अलवर, बांसवाड़ा, बारां, भरतपुर, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, दौसा, धौलपुर, डूंगरपुर, जयपुर, झालावाड़, झुंझुनूं, करौली, कोटा, प्रतापगढ़, राजसमंद, सवाई माधोपुर, सीकर, सिरोही, टोंक, उदयपुर, बीकानेर, चूरू, हनुमानगढ़, जालौर, नागौर, पाली और श्रीगंगानगर।
इन क्षेत्रों में रविवार शाम तक आंधी और गरज-चमक के साथ वर्षा होने की पूरी संभावना है।
13-14 मई से तापमान में बढ़ोतरी की संभावना
बारिश और ठंडी हवाओं के कारण फिलहाल गर्मी से राहत मिली हुई है, लेकिन मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार 13 मई से पश्चिमी राजस्थान और 14 मई से पूर्वी राजस्थान में तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। यानी एक बार फिर गर्मी का दौर शुरू होगा।
विशेष रूप से पश्चिमी राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्रों जैसे बाड़मेर, जैसलमेर, गंगानगर आदि में 15 मई के आसपास अधिकतम तापमान 44-45 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। इसके साथ ही हीटवेव (लू) का एक नया दौर भी शुरू हो सकता है।
पिछले 24 घंटे का मौसम का हाल
राज्य के मौसम का हाल पिछले 24 घंटों में मिला-जुला रहा।
पूर्वी राजस्थान में कुछ जगहों पर गरज के साथ हल्की बारिश दर्ज की गई।
पश्चिमी राजस्थान में मौसम पूरी तरह शुष्क बना रहा।
सबसे ज्यादा बारिश भीलवाड़ा जिले के सहाड़ा में दर्ज की गई, जहां 16.0 मिमी वर्षा रिकॉर्ड हुई।
बाड़मेर में सबसे ज्यादा अधिकतम तापमान 40.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जो सामान्य से लगभग 1.9 डिग्री कम था।
न्यूनतम तापमान भी बाड़मेर में ही सबसे अधिक 28.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
राज्यभर में हवा में नमी की मात्रा 24% से 88% के बीच दर्ज की गई, जो मौसम की अस्थिरता का संकेत देती है।
क्या है पश्चिमी विक्षोभ?
पश्चिमी विक्षोभ एक प्रकार की मौसमी प्रणाली होती है जो भूमध्यसागर क्षेत्र से निकलकर भारत के उत्तर-पश्चिमी भागों तक पहुंचती है। यह अक्सर बारिश, बादल और हवाओं का कारण बनती है। वर्तमान में यह सिस्टम राजस्थान के ऊपर सक्रिय है, जिसके कारण अचानक बारिश और आंधी जैसी घटनाएं हो रही हैं।
आगे क्या करें?
राजस्थान के लोगों और किसानों के लिए यह समय सतर्कता बरतने का है। तेज हवाओं और बारिश से फसलों को नुकसान हो सकता है। ऐसे में कुछ सावधानियां जरूरी हैं:
खुले में पड़े अनाज और बीज को सुरक्षित रखें
पेड़-पौधों और बिजली के खंभों से दूर रहें
स्थानीय मौसम केंद्र की जानकारी पर नजर रखें
घरों में ढीली छतों, टीन शेड आदि को मजबूती से बांधें
निष्कर्ष
राजस्थान में मौसम अगले 48 घंटों में फिर से करवट ले रहा है। जहां एक ओर कई जिलों में बारिश और आंधी की संभावना है, वहीं दूसरी ओर सप्ताह के मध्य तक गर्मी दोबारा दस्तक दे सकती है। मौसम विभाग की चेतावनी को गंभीरता से लें और सुरक्षित रहें।