Property Ownership Documents: आज के जमाने में घर या जमीन खरीदना हर इंसान का सपना होता है। लोग सालों तक मेहनत करके पैसे जमा करते हैं और फिर अपना घर खरीदते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिर्फ रजिस्ट्री करा लेने से आप उस प्रॉपर्टी के पूरे मालिक नहीं बन जाते? यह एक बड़ी गलतफहमी है जो कई लोगों के साथ होती है।
रजिस्ट्री और मालिकाना हक में अंतर
बहुत से लोग समझते हैं कि प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री हो गई तो बस, अब वे उसके पूरे मालिक हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि रजिस्ट्री सिर्फ एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें प्रॉपर्टी का ट्रांसफर सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज होता है। असली मालिकाना हक पाने के लिए आपको कई और महत्वपूर्ण दस्तावेज बनवाने होते हैं।
रजिस्ट्री के बाद अगर आपके पास सभी जरूरी कागजात नहीं हैं तो आपको आगे चलकर कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि बैंक से लोन लेने में दिक्कत, प्रॉपर्टी बेचने में परेशानी या फिर कोई कानूनी विवाद होने पर आपकी स्थिति कमजोर हो सकती है।
मुख्य दस्तावेज जो हर प्रॉपर्टी मालिक के पास होने चाहिए
सेल डीड या बिक्री विलेख
यह सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज है जो साबित करता है कि प्रॉपर्टी आपकी है। इसमें खरीदार और विक्रेता दोनों की पूरी जानकारी होती है। साथ ही प्रॉपर्टी की कीमत, पूरा पता और सभी शर्तें लिखी होती हैं। इसे रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्टर करवाना जरूरी होता है।
टाइटल डीड
यह दस्तावेज बताता है कि आप प्रॉपर्टी के वास्तविक मालिक हैं। इसमें प्रॉपर्टी का पूरा इतिहास होता है कि पहले यह किसके नाम थी और कैसे आपके नाम आई। यह दस्तावेज बैंक लोन लेने या प्रॉपर्टी बेचने के समय बहुत काम आता है।
एनकंब्रेंस सर्टिफिकेट
यह बहुत जरूरी दस्तावेज है जो बताता है कि आपकी प्रॉपर्टी पर कोई कर्ज, बंधक या कानूनी झगड़ा नहीं है। यह प्रमाण पत्र प्रॉपर्टी की साफ स्थिति दिखाता है। बैंक से लोन लेते समय यह दस्तावेज मांगा जाता है।
म्युटेशन सर्टिफिकेट
जब आप प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो सरकारी रिकॉर्ड में नाम बदलवाना पड़ता है। इसे म्युटेशन कहते हैं। यह दस्तावेज साबित करता है कि सरकारी रिकॉर्ड में प्रॉपर्टी का मालिक आप हैं।
खाता सर्टिफिकेट
यह दस्तावेज नगर निगम या पंचायत के रिकॉर्ड में आपकी प्रॉपर्टी की एंट्री का सबूत है। प्रॉपर्टी टैक्स चुकाने, बिजली-पानी का कनेक्शन लेने के लिए यह जरूरी होता है।
अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज
प्रॉपर्टी टैक्स की रसीदें
हर साल प्रॉपर्टी पर टैक्स भरना होता है। इसकी रसीदें संभालकर रखनी चाहिए क्योंकि ये भी मालिकाना हक का सबूत हैं। अगर टैक्स बकाया है तो बाद में कानूनी समस्या हो सकती है।
कंप्लीशन सर्टिफिकेट
अगर आपने नया घर खरीदा है तो यह सर्टिफिकेट जरूरी है। यह बताता है कि मकान का निर्माण सभी नियमों के अनुसार पूरा हुआ है।
ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट
यह प्रमाण पत्र बताता है कि आपका घर रहने के लिए सुरक्षित है और सभी सरकारी नियमों के अनुसार बना है। इसके बिना घर में रहना कानूनी रूप से सही नहीं माना जाता।
आम गलतफहमियां
कई लोग समझते हैं कि पैसे दे दिए और रजिस्ट्री हो गई तो वे मालिक बन गए। लेकिन यह सच नहीं है। जब तक सभी कागजात पूरे नहीं होते, तब तक आपका मालिकाना हक अधूरा रहता है।
कुछ लोग मुंह की बात पर भी भरोसा करते हैं, लेकिन कानून में सिर्फ लिखित और रजिस्टर्ड दस्तावेज ही मान्य होते हैं।
सावधानियां
प्रॉपर्टी खरीदते समय हमेशा एक अच्छे वकील या प्रॉपर्टी एक्सपर्ट की सलाह लें। सभी दस्तावेजों की जांच पड़ताल करवाएं। कभी भी जल्दबाजी में फैसला न लें।
सभी दस्तावेजों की ओरिजनल और फोटोकॉपी दोनों सुरक्षित जगह रखें। समय पर प्रॉपर्टी टैक्स भरते रहें और रसीदें संभालकर रखें।
निष्कर्ष
प्रॉपर्टी खरीदना एक बड़ा फैसला है और इसमें लापरवाही नहीं करनी चाहिए। सिर्फ रजिस्ट्री कराने से काम नहीं चलता। असली मालिकाना हक पाने के लिए सभी जरूरी दस्तावेज बनवाना और उन्हें सुरक्षित रखना जरूरी है। यह थोड़ी मेहनत का काम है लेकिन भविष्य में यही दस्तावेज आपके काम आएंगे और आपको कानूनी झंझटों से बचाएंगे।
याद रखें कि प्रॉपर्टी का सही मालिक वही होता है जिसके पास सभी सही कागजात हों। इसलिए हमेशा पूरी तैयारी के साथ प्रॉपर्टी खरीदें और अपने निवेश को सुरक्षित रखें।