Electricity Bill Hike: दिल्ली में रहने वाले लोगों को गर्मियों की चिलचिलाती धूप के साथ अब बिजली के बढ़े हुए बिल का भी सामना करना पड़ेगा। दिल्ली की तीनों बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (DERC) की ओर से बिजली बिल में 7 से 10.47 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी करने की मंजूरी दी गई है। यह बढ़ोतरी पावर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट (PPAC) के तहत की जा रही है।
क्या होता है पीपीएसी (PPAC)?
पावर परचेज एडजस्टमेंट कॉस्ट यानी पीपीएसी वह अतिरिक्त राशि होती है, जो बिजली उत्पादन कंपनियों की ईंधन लागत (कोयला, गैस आदि) में वृद्धि के कारण वसूली जाती है। जब उत्पादन महंगा होता है, तो उसकी भरपाई के लिए यह चार्ज उपभोक्ताओं के बिजली बिल में जोड़ा जाता है। यह चार्ज आपके बिल के फिक्स्ड और यूनिट चार्ज पर लागू होता है।
किस डिस्कॉम को कितनी मंजूरी?
दिल्ली में तीन प्रमुख बिजली वितरण कंपनियां हैं — BRPL, BYPL और टाटा पॉवर-DDL (TPDDL)। DERC ने तीनों को अलग-अलग दरों से पीपीएसी वसूलने की इजाजत दी है:
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BRPL (बवाना, दक्षिण और पश्चिम दिल्ली): 7.25%
BYPL (पूर्वी और उत्तर-पूर्वी दिल्ली): 8.11%
TPDDL (उत्तर और उत्तर-पश्चिम दिल्ली): 10.47%
इसका मतलब है कि अगर आपका बिल पहले ₹1,000 आता था, तो अब यह ₹1,072 से लेकर ₹1,105 तक पहुंच सकता है, डिस्कॉम के अनुसार।
गर्मियों में ज्यादा असर
गर्मियों के मौसम में दिल्ली में बिजली की खपत सबसे अधिक होती है। एसी, कूलर, फ्रिज और अन्य उपकरणों के कारण घरों और दफ्तरों में बिजली की मांग कई गुना बढ़ जाती है। ऐसे में पीपीएसी चार्ज की यह बढ़ोतरी सीधे तौर पर आम आदमी की जेब पर भारी पड़ने वाली है।
लोगों में नाराजगी
इस फैसले के खिलाफ यूनाइटेड रेजिडेंट्स ऑफ दिल्ली (URD) ने नाराजगी जताई है। URD ने कहा है कि यह बढ़ोतरी मनमानी है और कानूनी रूप से भी सवालों के घेरे में है। संगठन का कहना है कि जब सभी डिस्कॉम को एक जैसी परिस्थितियों में बिजली मिलती है, तो अलग-अलग पीपीएसी दरें क्यों तय की गई हैं?
URD ने यह भी तर्क दिया कि पीपीएसी को लेकर पारदर्शिता की कमी है और उपभोक्ताओं को इसकी जानकारी पहले से नहीं दी जाती।
डिस्कॉम की मजबूरी क्या है?
बिजली वितरण कंपनियों का कहना है कि अगर उन्हें पीपीएसी की राशि नहीं मिलेगी, तो उन्हें गंभीर आर्थिक संकट का सामना करना पड़ सकता है। बढ़ती फ्यूल कॉस्ट, मेंटेनेंस खर्च और अन्य तकनीकी कारणों से उनके लिए लागत निकालना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यह बढ़ोतरी उनके लिए जरूरी हो जाती है।
समाधान की उम्मीद?
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बिजली बिल में पारदर्शिता बढ़ाने और पीपीएसी जैसे चार्ज को लेकर जागरूकता फैलाने की जरूरत है। उपभोक्ताओं को यह स्पष्ट रूप से बताया जाना चाहिए कि उनका बिल क्यों बढ़ रहा है और इसके पीछे की वजह क्या है।
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सरकार से भी उम्मीद की जा रही है कि वह ऐसे समय में आम लोगों को राहत देने के लिए कोई वैकल्पिक व्यवस्था लाए, जिससे भारी गर्मी में लोगों को दोहरी मार न झेलनी पड़े।
क्या करें उपभोक्ता?
अगर आप दिल्ली में रहते हैं, तो आपको मई और जून के बिल में यह बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। ऐसे में आप निम्न उपाय अपना सकते हैं:
गैर-जरूरी बिजली उपकरणों का उपयोग सीमित करें।
ऊर्जा दक्षता वाले उपकरणों (5 स्टार रेटिंग) का प्रयोग करें।
दिन के समय प्राकृतिक रोशनी का अधिकतम उपयोग करें।
स्मार्ट मीटर से खपत पर नजर रखें।
निष्कर्ष
दिल्ली के लाखों बिजली उपभोक्ताओं को इस गर्मी में भारी बिल चुकाने के लिए तैयार रहना चाहिए। बिजली कंपनियों को मिली पीपीएसी बढ़ोतरी की मंजूरी से साफ है कि आम आदमी की जेब पर बोझ बढ़ेगा। हालांकि, अगर आप सावधानी से बिजली का उपयोग करें, तो इस असर को कुछ हद तक कम किया जा सकता है।
Disclaimer:
यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। बिजली दरों में किसी भी प्रकार के बदलाव या अद्यतन जानकारी के लिए DERC या आपकी डिस्कॉम कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट देख