Biometric E-Passport: भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अप्रैल 2024 से बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट सेवा की शुरुआत कर दी है। यह नई सुविधा न केवल भारतीय यात्रियों को विदेश यात्रा के दौरान तेज और सुरक्षित अनुभव देगी, बल्कि भारत को भी उन 120 से अधिक देशों की सूची में शामिल कर देगी जो पहले से ई-पासपोर्ट तकनीक का उपयोग कर रहे हैं। इनमें अमेरिका, जापान, यूके, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया जैसे विकसित देश शामिल हैं।
ई-पासपोर्ट क्या है?
ई-पासपोर्ट, पारंपरिक पासपोर्ट का एक उन्नत और तकनीकी संस्करण है। इसमें पासपोर्ट के पिछले कवर में एक RFID चिप और एक छोटा एंटीना लगा होता है। इस चिप में यात्री की व्यक्तिगत और बायोमेट्रिक जानकारी जैसे –
नाम
जन्मतिथि
पासपोर्ट नंबर
चेहरा (फेशियल इमेज)
फिंगरप्रिंट्स
इन जानकारियों को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा मानकों जैसे BAC (Basic Access Control), PA (Passive Authentication) और EAC (Extended Access Control) के तहत सुरक्षित और एन्क्रिप्ट किया जाता है। इसका मतलब यह है कि इन जानकारियों को न तो आसानी से कॉपी किया जा सकता है और न ही छेड़ा जा सकता है।
किन शहरों में हुई शुरुआत?
भारत में इस नई तकनीक की शुरुआत पासपोर्ट सेवा प्रोग्राम 2.0 के अंतर्गत की गई है।
पहले चरण में यह सेवा निम्न शहरों में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई:
नागपुर
भुवनेश्वर
जम्मू
गोवा
शिमला
जयपुर
चेन्नई
हैदराबाद
भारत सरकार का लक्ष्य है कि जून 2025 तक देशभर में इस सुविधा का पूर्ण विस्तार कर दिया जाए।
यात्रियों के लिए कैसे बदलेगा अनुभव?
ई-पासपोर्ट तकनीक के आने से भारतीय नागरिकों का विदेश यात्रा अनुभव पहले से काफी बेहतर और तेज़ होगा।
अब इमिग्रेशन चेकपॉइंट पर लंबी कतारों में इंतजार नहीं करना होगा।
ई-गेट्स की मदद से यात्रियों को ऑटोमेटेड और कॉन्टैक्टलेस इमिग्रेशन प्रक्रिया का अनुभव मिलेगा।
इससे न केवल समय की बचत होगी, बल्कि धोखाधड़ी की संभावनाएं भी कम होंगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की नई पहचान
ई-पासपोर्ट तकनीक अपनाकर भारत उन देशों की श्रेणी में आ गया है, जो डिजिटल और तकनीकी रूप से उन्नत पासपोर्ट सेवाएं दे रहे हैं। इससे भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि भी मजबूत होगी और भारतीय यात्रियों को विदेशों में सम्मान और सुविधा दोनों प्राप्त होगी।
कैसे करें ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन?
ई-पासपोर्ट के लिए आवेदन की प्रक्रिया लगभग पहले जैसी ही है।
पासपोर्ट सेवा पोर्टल (Passport Seva Portal) पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
आवेदन के बाद नजदीकी पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK) या डाकघर पासपोर्ट सेवा केंद्र (POPSK) पर जाकर बायोमेट्रिक जानकारी देनी होगी।
चूंकि ई-पासपोर्ट में अतिरिक्त सुरक्षा सुविधाएं हैं, इसलिए यह प्रक्रिया थोड़ी अधिक सावधानी से की जाती है।
भविष्य की संभावनाएं
ई-पासपोर्ट के बाद भारत डिजिटल यात्रा अनुभव की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। आने वाले समय में निम्न तकनीकों को इसमें जोड़ा जा सकता है:
डिजिटल वीज़ा
मोबाइल पासपोर्ट वॉलेट
आधार और डिजिलॉकर इंटीग्रेशन
पेपरलेस इमिग्रेशन सिस्टम
इन तकनीकों से न सिर्फ यात्रियों को सुविधा होगी, बल्कि सरकार और एजेंसियों के लिए डाटा प्रबंधन भी अधिक प्रभावी होगा।
निष्कर्ष
भारत में बायोमेट्रिक ई-पासपोर्ट की शुरुआत एक ऐतिहासिक कदम है। यह न सिर्फ सुरक्षा को मजबूत करता है, बल्कि डिजिटल इंडिया की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान भी है। आने वाले समय में जैसे-जैसे इसका विस्तार होगा, विदेश यात्रा करने वाले नागरिकों के लिए यह सुविधा एक वरदान साबित होगी।
अगर आपने अभी तक अपना पासपोर्ट नहीं बनवाया है या नवीनीकरण का विचार कर रहे हैं, तो ई-पासपोर्ट विकल्प को ज़रूर अपनाएं। यह आने वाले डिजिटल युग के लिए आपकी यात्रा को न केवल आसान बनाएगा, बल्कि पूरी तरह सुरक्षित भी करेगा।