Delhi-Mumbai Expressway: भारत में सड़क निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि जुड़ने जा रही है। दिल्ली और मुंबई को जोड़ने वाले दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर देश की सबसे बड़ी और सबसे चौड़ी टनल का निर्माण कार्य तेज़ी से चल रहा है। यह टनल राजस्थान के कोटा जिले स्थित मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व क्षेत्र में बनाई जा रही है और इसके निर्माण से दिल्ली-मुंबई की दूरी 130 किलोमीटर तक कम हो जाएगी। यह न केवल यात्रा के समय को कम करेगी, बल्कि यात्रियों को एक स्मार्ट, सुरक्षित और सुगम यात्रा का अनुभव भी देगी।
टनल की खासियतें और तकनीक
इस परियोजना के तहत दो समानांतर टनल बनाई जा रही हैं, जिनकी कुल लंबाई 4.9 किलोमीटर है। इनमें से 3.3 किलोमीटर की टनल पूरी तरह पहाड़ के अंदर से होकर गुजरेगी, जबकि 1.6 किलोमीटर का हिस्सा ‘कट एंड कवर’ तकनीक से बनाया जा रहा है। यह तकनीक दुनिया भर में सुरंग निर्माण में प्रयोग की जाती है, जिसमें पहले एक गहरा खड्डा खोदा जाता है और फिर उसे ढंक कर टनल बनाई जाती है।
हर सुरंग में चार-चार लेन होंगे, जिससे ट्रैफिक बिना किसी बाधा के गुजर सकेगा। दोनों टनलों की चौड़ाई 38 मीटर है (प्रत्येक सुरंग 19 मीटर चौड़ी है), जबकि ऊंचाई लगभग 11 मीटर रखी गई है। यह टनल भारत में अब तक की सबसे चौड़ी और सबसे आधुनिक टनल मानी जा रही है।
कठिन परिस्थितियों के बीच पूरा हुआ खुदाई कार्य
टनल निर्माण का कार्य आसान नहीं था। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व क्षेत्र में निर्माण के दौरान कच्चे पत्थरों और प्राकृतिक जलधाराओं के कारण खुदाई कार्य में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन निर्माण एजेंसी ने सुरक्षा और गुणवत्ता को प्राथमिकता देते हुए सावधानीपूर्वक यह कार्य पूरा किया।
पहले यह टनल जनवरी 2024 तक पूरी होनी थी, लेकिन कठिनाइयों और पर्यावरणीय मंजूरी जैसे कारणों से इसमें थोड़ी देरी हुई। अब इसका लक्ष्य दिसंबर 2025 तक निर्माण कार्य को पूर्ण करना है। परियोजना निदेशक संदीप अग्रवाल के अनुसार, इस लक्ष्य को समय पर पूरा करने के लिए मिशन मोड में काम किया जा रहा है।
दूरी और समय में कमी
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 1,386 किलोमीटर है। यह एक्सप्रेसवे दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र से होकर गुजरता है। इस टनल के निर्माण से दिल्ली और मुंबई के बीच की दूरी लगभग 130 किलोमीटर कम हो जाएगी और सफर का समय घटकर मात्र 12 घंटे रह जाएगा। पहले यह यात्रा लगभग 16 से 18 घंटे में पूरी होती थी।
विश्वस्तरीय सुविधाओं से युक्त टनल
टनल को पूरी तरह से आधुनिक और तकनीकी दृष्टिकोण से सुसज्जित बनाया जा रहा है। इसमें कई ऐसी अत्याधुनिक सुविधाएं दी जा रही हैं, जो इसे भारत की सबसे सुरक्षित और स्मार्ट टनलों में से एक बनाएंगी। कुछ मुख्य सुविधाएं इस प्रकार हैं:
एआई आधारित मॉनिटरिंग सिस्टम: टनल के अंदर सुरक्षा और ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित निगरानी प्रणाली लगाई जा रही है।
वेंटिलेशन सिस्टम: ताजी हवा की आपूर्ति और प्रदूषण नियंत्रण के लिए शक्तिशाली वेंटिलेशन सिस्टम होगा।
फायर सेफ्टी सिस्टम: किसी भी आगजनी की स्थिति में तुरंत अलर्ट और नियंत्रण की सुविधा होगी।
इमरजेंसी एग्जिट: यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इमरजेंसी निकास के प्रबंध किए गए हैं।
एफएम रेडियो और मोबाइल नेटवर्क: टनल के अंदर एफएम रेडियो फ्रीक्वेंसी और मोबाइल नेटवर्क बूस्टर लगाए जाएंगे ताकि संपर्क बना रहे।
विशेष लाइटिंग: सफर को सुविधाजनक बनाने के लिए ऊर्जा दक्ष और विशेष लाइटिंग सिस्टम होगा।
निर्माण लागत और आंकड़े
कुल लंबाई: 4.9 किमी
टनल भाग: 3.3 किमी
कट एंड कवर भाग: 1.6 किमी
प्रत्येक सुरंग की चौड़ाई: 19 मीटर
कुल चौड़ाई: 38 मीटर
ऊंचाई: 11 मीटर
निर्माण लागत: लगभग ₹1,000 करोड़
निर्माण पूर्णता का लक्ष्य: दिसंबर 2025
निष्कर्ष
दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर बन रही यह अत्याधुनिक टनल भारत के बुनियादी ढांचे को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह टनल न केवल दूरी और समय की बचत करेगी, बल्कि यात्रियों को एक सुरक्षित और विश्वस्तरीय यात्रा का अनुभव भी प्रदान करेगी। मिशन मोड में चल रहे इस निर्माण कार्य से यह उम्मीद की जा रही है कि देश के ट्रांसपोर्ट नेटवर्क को इससे एक नई दिशा मिलेगी और आर्थिक विकास में भी तेजी आएगी।
यदि सब कुछ योजना के अनुसार चलता है, तो 2025 के अंत तक भारत को एक और इंफ्रास्ट्रक्चर चमत्कार देखने को मिलेगा – एक ऐसी टनल जो तकनीक, निर्माण और सुविधा के हर पैमाने पर देश का गौरव बढ़ाएगी।
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