IMD Monsoon Forecast 2025: भारत में हर वर्ष गर्मी के बाद मानसून का आगमन लोगों के लिए राहत का संदेश लेकर आता है। इस बार मौसम विभाग (IMD) ने राहतभरी और उत्साहजनक जानकारी दी है कि वर्ष 2025 का दक्षिण-पश्चिम मानसून अपनी सामान्य तिथि से पहले दस्तक देने जा रहा है। 17 मई को जारी रिपोर्ट के अनुसार मानसून ने दक्षिण अरब सागर, मालदीव, कोमोरोस, दक्षिण बंगाल की खाड़ी, अंडमान सागर और पूर्व-मध्य बंगाल की खाड़ी के कुछ हिस्सों में समय से पहले दस्तक दे दी है।
मानसून की शुरुआत समय से पहले
भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार इस बार मानसून की गति तेज़ है और यह सामान्य से चार दिन पहले, यानी 27 मई 2025 को केरल में पहुंच सकता है। हर साल मानसून के आगमन की निगाह सबसे पहले केरल पर टिकी होती है, क्योंकि वहीं से इसका सफर देश के अन्य हिस्सों की ओर शुरू होता है। मौसम विभाग ने पहले ही 2025 के लिए मानसून के सामान्य रहने और समय से पहले केरल पहुंचने की संभावना जताई थी।
यह पूर्वानुमान किसानों, जल प्रबंधन एजेंसियों और आम नागरिकों के लिए बेहद राहत देने वाला है क्योंकि इससे खेती की शुरुआत समय पर हो सकेगी और जल संकट को भी कुछ हद तक टाला जा सकेगा।
दक्षिण भारत से होगी आगे की बढ़त
मौसम विभाग का यह भी कहना है कि आने वाले 3 से 4 दिनों में मानसून दक्षिण अरब सागर, मालदीव, कोमोरोस और दक्षिण व मध्य बंगाल की खाड़ी के अन्य हिस्सों में भी फैल जाएगा। इसके साथ ही उत्तर-पूर्व बंगाल की खाड़ी में भी मानसून के अनुकूल परिस्थितियाँ बन रही हैं, जिससे इसकी प्रगति तेज़ हो सकती है।
राजस्थान में मानसून की स्थिति
राजस्थान के लोगों को मानसून के लिए थोड़ा और इंतजार करना होगा। आमतौर पर मानसून राज्य में 25 जून के आसपास प्रवेश करता है और वह भी दक्षिण-पूर्वी हिस्सों से। इस वर्ष भी मौसम विभाग ने यही संकेत दिए हैं कि मानसून की स्थिति पर लगातार निगरानी की जा रही है और समय-समय पर पूर्वानुमान अपडेट किए जाते रहेंगे।
राजस्थान में मानसून का समय पर पहुंचना किसानों और ग्रामीण जलाशयों के लिए बहुत अहम माना जाता है। यदि बारिश समय पर और अच्छी होती है, तो इससे खरीफ की फसलों की बुवाई और उत्पादन में सुधार होता है।
किसानों और जल प्रबंधन के लिए राहत
समय पर मानसून आने की जानकारी से सबसे ज़्यादा राहत किसानों को मिलती है। देश के बड़े हिस्से में आज भी खेती वर्षा पर निर्भर करती है। यदि मानसून समय पर आता है तो बुवाई की प्रक्रिया बिना देरी शुरू की जा सकती है और इससे फसल की गुणवत्ता में सुधार आता है। इसके अलावा जलाशयों, बांधों और नहरों में जल स्तर बढ़ने से जल संकट की आशंका भी कम होती है।
मौसम विभाग का मानना है कि इस बार मानसून सामान्य रहेगा और पूरे देश में समान रूप से फैलेगा। यदि ऐसा होता है तो यह कृषि उत्पादन और देश की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है।
तत्कालिक चेतावनी: सवाईमाधोपुर और आसपास येलो अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र, जयपुर द्वारा 17 मई की रात को जारी चेतावनी के अनुसार सवाईमाधोपुर जिले और उसके आस-पास के क्षेत्रों में अगले तीन घंटे के भीतर तेज़ मेघगर्जन, बिजली गिरने और 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज़ हवाएं चलने की संभावना है। इसके चलते विभाग ने येलो अलर्ट जारी किया है और लोगों से सावधानी बरतने की अपील की गई है।
क्या करें येलो अलर्ट में?
सुरक्षित स्थानों पर शरण लें
पेड़ों के नीचे न खड़े हों
बिजली से जुड़े उपकरणों से दूर रहें
मौसम सामान्य होने के बाद ही बाहर निकलें
स्थानीय प्रशासन और मौसम विभाग की वेबसाइट से अपडेट लेते रहें
अधिक जानकारी के लिए विभाग की वेबसाइट
https://mausam.imd.gov.in/jaipur/
पर विज़िट करें।
निष्कर्ष
इस बार का मानसून समय से पहले दस्तक दे रहा है जो कि एक सकारात्मक संकेत है। दक्षिण भारत में जल्दी बारिश शुरू होने की संभावना से किसानों और आम जनता को राहत मिलेगी। हालांकि राजस्थान सहित उत्तरी भारत के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा, लेकिन मौसम विभाग की भविष्यवाणियां उम्मीद से भरी हैं। समय पर बारिश होने से न केवल खेती में सुधार होगा, बल्कि जल संकट की स्थिति भी नियंत्रित रहेगी। आने वाले दिनों में मानसून की प्रगति और इसके विस्तार को लेकर मौसम विभाग लगातार अपडेट जारी करता रहेगा, जिससे देशभर के लोग सही समय पर सही जानकारी पा सकें।
यह लेख मानसून से जुड़ी ताज़ा जानकारी और भविष्य की संभावनाओं को दर्शाता है। यदि आप किसान हैं, या खेती-बाड़ी से जुड़े हैं, तो इन पूर्वानुमानों पर नज़र बनाए रखें, क्योंकि समय पर लिए गए निर्णय आपकी फसल और आय को सीधे प्रभावित करते हैं।
