Free Tarbandi Yojana 2025: देश के किसानों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए केंद्र एवं राज्य सरकारें समय-समय पर विभिन्न योजनाएं लागू करती रहती हैं। इन्हीं योजनाओं में से एक है “कांटेदार तारबंदी योजना” (Free Tarbandi Scheme)। इस योजना का उद्देश्य किसानों को खेतों की सुरक्षा के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि वे अपने खेतों के चारों ओर तारबंदी करके आवारा पशुओं से अपनी फसल की रक्षा कर सकें।
आवारा पशु किसानों के लिए लंबे समय से एक बड़ी समस्या बने हुए हैं। फसल को चबाकर या रौंदकर ये जानवर भारी नुकसान पहुंचाते हैं। खासकर छोटे और सीमांत किसान, जिनकी आर्थिक स्थिति पहले से ही कमजोर होती है, ऐसे नुकसान को सहन नहीं कर पाते। ऐसे में सरकार की यह योजना किसानों को राहत पहुंचाने के साथ-साथ उन्हें कृषि के लिए प्रेरित भी करती है।
कांटेदार तारबंदी योजना क्या है?
यह योजना विशेष रूप से उन किसानों के लिए है जो अपने खेतों की सीमाओं को सुरक्षित बनाना चाहते हैं। योजना के तहत राज्य सरकार किसानों को कांटेदार तारबंदी के लिए सब्सिडी प्रदान करती है, जिससे किसान अपने खेतों के चारों ओर मजबूत बाड़ लगवा सकें। यह बाड़ इस्पात के मजबूत और टिकाऊ तारों से बनी होती है, जिसमें नुकीले कांटे होते हैं। इन तारों की मदद से जानवरों और अवांछित लोगों को खेत में घुसने से रोका जा सकता है।
योजना के प्रमुख उद्देश्य
किसानों की फसल को आवारा पशुओं से सुरक्षा देना।
लघु एवं सीमांत किसानों को खेत की बाड़बंदी के लिए प्रोत्साहित करना।
कृषि उत्पादन में वृद्धि के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना।
ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की आय को स्थिरता प्रदान करना।
योजना का लाभ कितना मिलेगा?
राजस्थान सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना के तहत लाभ इस प्रकार दिया जाता है:
लघु एवं सीमांत किसानों को कुल लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम ₹48,000 तक की सब्सिडी मिलती है।
अन्य किसानों को कुल लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम ₹40,000 तक की सहायता दी जाती है।
यह सहायता अधिकतम 400 मीटर तक की तारबंदी के लिए प्रदान की जाती है।
यदि खेत की परिधि 400 मीटर से अधिक है, तो अतिरिक्त तारबंदी किसान को स्वयं करनी होगी।
योजना के लिए पात्रता शर्तें
लाभार्थी किसान राजस्थान राज्य का मूल निवासी होना चाहिए।
किसान के पास न्यूनतम 0.5 हेक्टेयर भूमि होनी चाहिए।
यदि दो या दो से अधिक किसान संयुक्त रूप से आवेदन करना चाहते हैं, तो उनके पास कुल मिलाकर कम से कम 1.5 हेक्टेयर भूमि होनी चाहिए।
आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए किसान को राज किसान पोर्टल पर जाकर आवेदन करना होता है। आवेदन करते समय निम्नलिखित दस्तावेज़ों की आवश्यकता होती है:
जन आधार कार्ड
आधार कार्ड
भूमि की जमाबंदी
बैंक खाता विवरण
पासपोर्ट साइज फोटो
मोबाइल नंबर
अन्य आवश्यक दस्तावेज (जैसा कि पोर्टल पर उल्लेख किया गया हो)
कांटेदार तारबंदी की विशेषताएं
इस्पात के बने होने के कारण यह बाड़ टिकाऊ होती है और जल्दी खराब नहीं होती।
ऊपर कांटे लगे होने से जानवर इसे पार नहीं कर पाते।
यह अन्य बाड़ों की तुलना में कम खर्चीली होती है।
इसे एक बार लगाने के बाद विशेष रखरखाव की आवश्यकता नहीं होती।
खेत की सुरक्षा के लिए यह एक प्रभावशाली उपाय माना जाता है।
योजना से जुड़े कुछ नुकसान भी
जहां इस योजना के कई फायदे हैं, वहीं कुछ सीमाएं भी हैं:
कांटेदार तार जानवरों को घायल कर सकते हैं, खासकर जब वे डर के कारण बाड़ से कूदने की कोशिश करते हैं।
तारबंदी कभी-कभी स्पष्ट दिखाई नहीं देती, जिससे इंसान या जानवर उसमें उलझ सकते हैं।
अत्यधिक नुकीले तार छोटे बच्चों और पशुओं के लिए खतरा बन सकते हैं।
योजना का प्रभाव
कांटेदार तारबंदी योजना से किसानों को कई तरह से लाभ मिल रहा है। आवारा पशुओं से फसल की सुरक्षा सुनिश्चित होने से किसानों में खेती के प्रति विश्वास और उत्साह बढ़ा है। इसके अलावा खेतों की बाड़बंदी होने से भूमि की सीमाएं भी स्पष्ट हो जाती हैं, जिससे भूमि विवादों में कमी आती है। यह योजना विशेषकर लघु और सीमांत किसानों के लिए बेहद कारगर साबित हो रही है।
निष्कर्ष
Free Tarbandi Scheme किसानों के लिए एक सकारात्मक पहल है। यह योजना न केवल फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित करती है, बल्कि किसानों को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी प्रेरित करती है। जो किसान अपने खेत की बाड़बंदी करना चाहते हैं, वे इस योजना के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं। सरकार की यह पहल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक सिद्ध हो रही है।
यदि आप एक किसान हैं और अपने खेत को सुरक्षित बनाना चाहते हैं, तो इस योजना का लाभ अवश्य उठाएं। सही जानकारी, समय पर आवेदन और आवश्यक दस्तावेजों के साथ आप इस योजना के अंतर्गत मिलने वाली सब्सिडी का लाभ पा सकते हैं।