Taxi Ride Rules 2025: महाराष्ट्र सरकार ने ऐप आधारित टैक्सी और ऑटो सेवाओं को नियमित करने के लिए एक नई एग्रीगेटर पॉलिसी को मंजूरी दी है। यह निर्णय राज्य के गृह विभाग द्वारा लिया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य यात्रियों और ड्राइवरों के हितों की रक्षा करना और इन सेवाओं में पारदर्शिता लाना है। यह नीति न केवल सेवा की गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करेगी, बल्कि इससे सुरक्षा, किराए और नियमों को लेकर कई जरूरी सुधार भी होंगे।
एग्रीगेटर पॉलिसी का उद्देश्य
वर्तमान समय में ऐप आधारित टैक्सी सेवाएं जैसे ओला, उबर और रैपिडो तेजी से लोकप्रिय हो गई हैं। लेकिन इन सेवाओं को लेकर अब तक स्पष्ट नियम नहीं थे। ड्राइवरों द्वारा राइड कैंसिल करना, अचानक किराया बढ़ना, सुरक्षा की कमी जैसी समस्याएं आम हो गई थीं। इन सभी मुद्दों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह नई नीति बनाई है। इसके लागू होने से यात्रियों को सुरक्षित, पारदर्शी और विश्वसनीय सेवाएं मिल सकेंगी, वहीं ड्राइवरों को भी एक उचित और संतुलित कार्य वातावरण प्राप्त होगा।
अब राइड कैंसिल करने पर देना होगा जुर्माना
इस नई नीति का सबसे बड़ा बदलाव यह है कि अब ड्राइवर और यात्री दोनों के लिए राइड कैंसिल करने पर जुर्माना तय कर दिया गया है। अगर कोई ड्राइवर बिना उचित कारण के राइड कैंसिल करता है, तो उसे या तो 100 रुपए या कुल किराए का 10 प्रतिशत (जो भी राशि कम हो) यात्री के वॉलेट में जमा करना होगा। इसी तरह, अगर कोई यात्री बिना वजह राइड रद्द करता है, तो उसे 50 रुपए या किराए का 5 प्रतिशत ड्राइवर को देना होगा।
इस कदम से राइड कैंसिलेशन की समस्या में कमी आने की उम्मीद है। यात्रियों को यह विश्वास मिलेगा कि उनकी बुक की गई कैब समय पर पहुंचेगी, और ड्राइवरों को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे बिना कारण बुकिंग को रद्द न करें।
किराए और छूट पर सरकार का नियंत्रण
नई नीति में किराए की भी स्पष्ट सीमा तय की गई है। अब न्यूनतम दूरी तीन किलोमीटर निर्धारित की गई है, जिससे यात्रियों को कम दूरी की यात्रा के लिए न्यूनतम शुल्क देना होगा। इसके अलावा, ड्राइवरों को किराए का कम से कम 80 प्रतिशत हिस्सा मिलेगा, जिससे उनका आर्थिक लाभ सुनिश्चित हो सके।
जब मांग कम होगी, तब अधिकतम 25 प्रतिशत तक की छूट दी जा सकेगी। जबकि अधिक मांग के समय, अधिकतम 1.5 गुना किराया वसूला जा सकेगा। इससे किराए में अत्यधिक उतार-चढ़ाव पर नियंत्रण रहेगा और ग्राहक को उचित दर पर सेवाएं मिल सकेंगी।
यात्रियों की सुरक्षा होगी प्राथमिकता
यात्रियों की सुरक्षा को इस नीति में सर्वोपरि रखा गया है। सभी एग्रीगेटर कंपनियों को अपने ड्राइवरों का पुलिस वेरिफिकेशन कराना अनिवार्य होगा। साथ ही, ड्राइवरों को विशेष प्रशिक्षण देना भी जरूरी कर दिया गया है।
हर वाहन में रियल टाइम ट्रैकिंग, इमरजेंसी बटन और शिकायत निवारण प्रणाली जैसी सुरक्षा सुविधाएं मौजूद रहनी चाहिए। महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए यह प्रावधान भी किया गया है कि महिला यात्रियों को राइड शेयरिंग का विकल्प सिर्फ महिला ड्राइवरों के साथ ही मिलेगा।
बीमा और सुरक्षा कवर
नई नीति के तहत, ड्राइवर और यात्री दोनों के लिए बीमा कवर अनिवार्य किया गया है। यह बीमा किसी दुर्घटना या आपातकाल की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान करेगा। इससे न केवल यात्रियों का विश्वास बढ़ेगा, बल्कि ड्राइवरों को भी एक सुरक्षित वातावरण मिलेगा।
कार पूलिंग पर भी लागू हुए नए नियम
कार पूलिंग सेवा को लेकर भी नीति में नया नियम जोड़ा गया है। अब कोई भी ड्राइवर या यात्री सप्ताह में अधिकतम 14 बार ही कार पूलिंग सेवा का लाभ ले सकेगा। इससे बार-बार कैब रद्द होने की समस्या में कमी आएगी और यात्रियों व ड्राइवरों दोनों को राहत मिलेगी।
क्यों जरूरी थे ये बदलाव
अब तक महाराष्ट्र में केवल काली-पीली टैक्सी और पारंपरिक ऑटो रिक्शा के लिए ही स्पष्ट नियम थे। ऐप आधारित सेवाओं को लेकर कोई ठोस नीति नहीं थी, जिससे नियमों के उल्लंघन की घटनाएं बढ़ रही थीं। यात्रियों को कभी-कभी अत्यधिक किराए चुकाने पड़ते थे या राइड कैंसिलेशन जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता था।
नई एग्रीगेटर पॉलिसी से इन सभी समस्याओं का समाधान मिलने की उम्मीद है। इससे न सिर्फ सेवाओं में सुधार आएगा, बल्कि ड्राइवरों के काम करने के माहौल को भी बेहतर बनाया जा सकेगा।
निष्कर्ष
महाराष्ट्र सरकार की यह नई एग्रीगेटर पॉलिसी एक सराहनीय कदम है, जो ऐप आधारित टैक्सी और ऑटो सेवाओं को एक व्यवस्थित ढांचे में लाने का प्रयास करती है। अब यात्रियों को अधिक सुरक्षा, उचित किराया और समय पर सेवा मिलेगी, जबकि ड्राइवरों को भी स्थायीत्व और लाभ मिलेगा।
अगर इस नीति को सही तरीके से लागू किया गया तो यह मॉडल अन्य राज्यों के लिए भी एक उदाहरण बन सकता है। यात्रियों और ड्राइवरों दोनों को चाहिए कि वे इन नए नियमों की जानकारी रखें और उनका पालन करें, ताकि सेवा का स्तर और भी बेहतर हो सके।