TRAI New Rule: टेलीकॉम सेक्टर को और अधिक प्रभावी और उपभोक्ताओं के लिए सुरक्षित बनाने के लिए TRAI (भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण) ने कुछ बड़े और अहम बदलावों की सिफारिश की है। इन सिफारिशों का मकसद न केवल तकनीकी व्यवस्था को बेहतर बनाना है, बल्कि उपभोक्ताओं को स्पैम कॉल्स और फर्जीवाड़े जैसी समस्याओं से राहत देना भी है। आइए विस्तार से जानते हैं कि TRAI की नई सिफारिशों में क्या बदलाव किए गए हैं और उनका आम जनता पर क्या असर होगा।
टेलीकॉम नंबरिंग के लिए नहीं देना होगा अतिरिक्त शुल्क
TRAI ने सबसे पहले टेलीकॉम ऑपरेटरों को बड़ी राहत दी है। अब उन्हें टेलीकॉम नंबरिंग संसाधनों के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा। यानी कंपनियों को अब मोबाइल या लैंडलाइन नंबर उपलब्ध कराने के लिए अलग से भुगतान नहीं करना होगा। इससे टेलीकॉम कंपनियों की लागत में कमी आएगी और इसका लाभ अंततः उपभोक्ताओं को भी मिल सकता है।
इस बदलाव के साथ ही DoT (दूरसंचार विभाग) को यह जिम्मेदारी दी गई है कि वह इन नंबरों की निगरानी करे। यदि कोई नंबर लंबे समय तक उपयोग नहीं हो रहा है, तो उसे वापस ले लिया जाएगा ताकि वह किसी अन्य उपभोक्ता को आवंटित किया जा सके। इससे नंबरों की बर्बादी रुकेगी और टेलीकॉम संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा।
लैंडलाइन के लिए नई नंबरिंग योजना
TRAI ने देश में लैंडलाइन सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए एक नई नंबरिंग योजना की सिफारिश की है। अब लैंडलाइन सेवाओं के लिए 10 अंकों वाली नंबर प्रणाली लागू की जाएगी। पहले जहां SDCA (शॉर्ट डिस्टेंस चार्जिंग एरिया) पर आधारित प्रणाली लागू थी, अब उसकी जगह LSA (लाइसेंस सर्विस एरिया) आधारित प्रणाली लाई जाएगी। इससे पूरे देश में नंबरिंग की प्रणाली एक समान हो जाएगी और नंबरों के दोहराव या बर्बादी से बचा जा सकेगा।
इसके साथ ही TRAI ने यह भी कहा है कि अब किसी भी लैंडलाइन नंबर पर कॉल करने के लिए पहले “0” लगाना अनिवार्य होगा। चाहे आप किसी भी सर्किल से कॉल करें, फिक्स्ड लाइन पर कॉल करने से पहले “0” लगाना जरूरी होगा। हालांकि मोबाइल से मोबाइल या मोबाइल से लैंडलाइन पर कॉल करने की प्रक्रिया में कोई बदलाव नहीं किया गया है। टेलीकॉम कंपनियों को इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए 6 महीने का समय मिलेगा।
स्पैम कॉल्स पर लगेगा नियंत्रण – आएगा CNAP सिस्टम
स्पैम कॉल्स आज के समय में बड़ी समस्या बन चुकी हैं। अनजान नंबरों से आने वाली कॉल्स के कारण लोग अक्सर धोखाधड़ी का शिकार हो जाते हैं। इसी समस्या से निपटने के लिए TRAI ने CNAP (कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन) सिस्टम को लागू करने की सिफारिश की है।
इस प्रणाली के अंतर्गत जब भी किसी अनजान नंबर से कॉल आएगी, तो यूजर की स्क्रीन पर कॉल करने वाले का नाम दिखाई देगा। इससे उपभोक्ता को यह पता चल जाएगा कि कॉल किस व्यक्ति या संस्था की तरफ से की जा रही है। इससे साइबर फ्रॉड और फाइनेंशियल स्कैम जैसी घटनाओं में भारी कमी आने की उम्मीद है।
CNAP सिस्टम के लागू होने से कॉलिंग सिस्टम में पारदर्शिता बढ़ेगी और यूजर को सुरक्षित अनुभव मिलेगा। यह सिस्टम मोबाइल और फिक्स्ड लाइन दोनों पर लागू होगा और भविष्य में यह एक जरूरी फीचर बन सकता है।
निष्क्रिय नंबर बंद करने के लिए नई गाइडलाइन
TRAI ने निष्क्रिय मोबाइल नंबरों को बंद करने की प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। अब तक अगर कोई नंबर कुछ समय के लिए उपयोग में नहीं लाया जाता था, तो उसे बंद कर दिया जाता था। लेकिन अब नया नियम यह है कि कोई भी मोबाइल नंबर तब तक बंद नहीं किया जाएगा जब तक वह 90 दिनों तक पूरी तरह निष्क्रिय न हो।
इसका मतलब यह है कि अगर कोई उपभोक्ता कुछ समय के लिए अपना नंबर इस्तेमाल नहीं कर पा रहा है, तो भी उसका नंबर सुरक्षित रहेगा और बिना सूचना के बंद नहीं किया जाएगा। यह बदलाव खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो किसी कारणवश कुछ समय के लिए अपना सिम इस्तेमाल नहीं कर पाते, जैसे कि बाहर यात्रा करने वाले या अस्थायी रूप से किसी सेवा से दूर रहने वाले लोग।
टेलीकॉम सिस्टम होगा और भी स्मार्ट
TRAI की इन नई सिफारिशों से यह स्पष्ट हो गया है कि टेलीकॉम सिस्टम को ज्यादा स्मार्ट, पारदर्शी और उपभोक्ता हितैषी बनाने की दिशा में गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। इन बदलावों के लागू होने से न केवल नंबरों का अधिक प्रभावी उपयोग हो सकेगा, बल्कि यूजर्स को बेहतर अनुभव भी मिलेगा।
CNAP जैसी तकनीकें सुरक्षा को बढ़ावा देंगी और फर्जी कॉल्स से लोगों को बचाएंगी। वहीं, निष्क्रिय नंबरों की वापसी, नई नंबरिंग प्रणाली और शुल्क समाप्ति जैसे निर्णयों से टेलीकॉम क्षेत्र में व्यवस्थित बदलाव आएंगे।
निष्कर्ष
TRAI की नई सिफारिशें टेलीकॉम इंडस्ट्री के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती हैं। इनसे न सिर्फ ऑपरेटरों की लागत में कमी आएगी, बल्कि उपभोक्ताओं को भी बेहतर और सुरक्षित सेवाएं मिलेंगी। स्पैम कॉल्स पर नियंत्रण, निष्क्रिय नंबरों की स्पष्ट नीति और कॉलिंग नाम प्रेजेंटेशन जैसे फीचर्स डिजिटल भारत की दिशा में एक मजबूत कदम हैं।
Disclaimer: यह लेख सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें दिए गए तथ्य TRAI की हालिया सिफारिशों पर आधारित हैं। किसी भी आधिकारिक निर्णय या सूचना के लिए TRAI या DoT की वेबसाइट जरूर देखें।