School Timing Change: रेवाड़ी में इस बार गर्मी ने अपने तेवर खूब दिखाए हैं। गर्म हवाओं और तेज धूप ने लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। बुधवार का दिन इस गर्मी का सबसे अधिक तपता हुआ दिन रहा, जब तापमान 45.5 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। वहीं न्यूनतम तापमान भी 26 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो यह बताता है कि रात में भी ठंडक नहीं मिली। ऐसे मौसम में सुबह से ही तेज गर्मी और लू ने आम जनजीवन को काफी प्रभावित किया है। इस कारण शिक्षा विभाग ने कक्षा 1 से 8 तक के स्कूलों के लिए स्कूल टाइमिंग में बड़ा बदलाव किया है।
रेवाड़ी में गर्मी की बढ़ती परेशानी
गर्मी के इस मौसम में बुधवार को सूरज की तपिश और तेज हवा ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया। सुबह से ही आसमान साफ था और हवा की गति बहुत कम थी, जिससे लू चलने के पूरे हालात बन गए। दोपहर के समय तापमान इतना बढ़ गया कि घरों में लगे पंखे, कूलर और एसी भी गर्म हवा देने लगे। लोग घरों से बाहर निकलने से कतरा रहे थे क्योंकि बाहर की गर्म हवा असहनीय थी।
गर्मी की वजह से स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने भी कई जरूरी चेतावनियां दी हैं। खासकर बुजुर्ग, बच्चे और बीमार लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। पानी पीते रहना और शरीर को हाइड्रेट रखना बहुत जरूरी बताया गया है। सबसे ज्यादा सावधानी बरतने की सलाह दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक दी गई है, क्योंकि इस दौरान गर्मी अपने चरम पर होती है।
कक्षा 1 से 8 तक की स्कूल टाइमिंग में बदलाव
गर्मी की इस प्रचंड स्थिति को देखते हुए रेवाड़ी जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग ने एक अहम फैसला लिया है। अब जिले के सभी सरकारी और निजी स्कूलों में कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों के लिए स्कूल का समय बदल दिया गया है।
नई टाइमिंग के अनुसार, अब ये कक्षाएं सुबह 7 बजे से शुरू होकर दोपहर 12 बजे तक चलेंगी। यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू कर दिया गया है। इस कदम से बच्चों को दोपहर की तेज धूप और गर्मी से बचाने में मदद मिलेगी और वे सुरक्षित वातावरण में पढ़ाई कर सकेंगे।
शिक्षकों के लिए अलग नियम और खास निर्देश
स्कूल समय में बदलाव के साथ ही शिक्षकों और स्कूल स्टाफ के लिए भी नियम बनाए गए हैं। जिला शिक्षा अधिकारी सुभाषचंद सांभरिया ने बताया कि सभी शिक्षक और कर्मचारी अब स्कूल में दोपहर डेढ़ बजे तक रहेंगे। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि स्कूल में बच्चे सुरक्षित रहें और उनकी देखरेख सही तरीके से हो।
स्कूल प्रमुखों को विशेष निर्देश भी दिए गए हैं जिनका पालन करना जरूरी होगा। हर स्कूल में बच्चों के लिए ओआरएस (ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन) के पैकेट उपलब्ध रखना अनिवार्य होगा ताकि जरूरत पड़ने पर बच्चे को दिया जा सके। इसके अलावा, छुट्टी से पहले बच्चों को पानी पिलाना और हाइड्रेटेड रखना प्राथमिकता होगी।
गर्मी के कारण बच्चों को धूप में कोई शारीरिक गतिविधि नहीं कराई जाएगी। साथ ही उन्हें हमेशा सिर ढककर रखने और टोपी या किसी अन्य माध्यम से सूर्य की तेज किरणों से बचाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। यह सभी कदम बच्चों की सेहत और सुरक्षा को ध्यान में रखकर उठाए गए हैं।
मई की बारिश से राहत नहीं मिली
मई की शुरुआत में कुछ इलाकों में अंधड़ और हल्की बारिश हुई थी, जिससे थोड़ी राहत की उम्मीद जगी थी। इस महीने अब तक लगभग 11.80 मिमी बारिश दर्ज की गई है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है। बावजूद इसके, तापमान में कोई खास गिरावट नहीं आई और मौसम फिर से गर्म होता दिख रहा है।
इस वजह से लोग अभी भी तेज गर्मी और लू से परेशान हैं और विशेष सावधानी की जरूरत बनी हुई है। गर्मी की वजह से सामान्य जनजीवन प्रभावित हो रहा है, खासकर बाहर काम करने वाले और बच्चे ज्यादा मुश्किलों का सामना कर रहे हैं।
गर्मी से बचाव के लिए जरूरी सुझाव
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि लोगों को दोपहर के समय ज्यादा बाहर नहीं निकलना चाहिए। अगर बहुत जरूरी हो तो सिर को ढककर रखें और पानी साथ लेकर चलें। बच्चों को बार-बार पानी पिलाएं और उनके स्वास्थ्य पर खास ध्यान दें। बुजुर्गों और बीमार लोगों को ठंडी जगह पर रहना चाहिए और तेज धूप से बचना चाहिए।
स्कूल समय में बदलाव भी इसी दिशा में एक कदम है, जिससे बच्चे दोपहर की गर्मी से बच सकें और बेहतर तरीके से पढ़ाई कर सकें।
निष्कर्ष
गर्मी की बढ़ती तीव्रता को देखते हुए रेवाड़ी प्रशासन द्वारा स्कूलों का समय सुबह 7 बजे से दोपहर 12 बजे तक कर देना एक सराहनीय कदम है। इससे बच्चों की सेहत बनी रहेगी और वे तेज धूप व गर्मी से बचेंगे। साथ ही, शिक्षकों और स्टाफ के लिए भी उचित व्यवस्था की गई है ताकि स्कूलों में सुरक्षा और देखभाल बेहतर हो सके।
यह बदलाव बच्चों, अभिभावकों और स्कूल स्टाफ सभी के हित में है। गर्मी के इस कठिन मौसम में सुरक्षित और संरक्षित वातावरण में शिक्षा को जारी रखना आवश्यक है, और इस नए टाइम टेबल से यह संभव हो सकेगा।
अस्वीकरण: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है। स्कूल समय या अन्य संबंधित जानकारी के लिए संबंधित स्कूल अथवा जिला प्रशासन से संपर्क करें। गर्मी से संबंधित स्वास्थ्य समस्या होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।