Amazon Marketplace Fee: ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी Amazon India ने हाल ही में एक बड़ा बदलाव करते हुए अपने प्लेटफॉर्म से ऑर्डर करने पर ₹5 का ‘मार्केटप्लेस शुल्क’ जोड़ना शुरू कर दिया है। यानी अब जब भी कोई ग्राहक एमेजॉन से कोई सामान मंगवाएगा, उसे प्रोडक्ट की कीमत और डिलीवरी चार्ज के अलावा 5 रुपये अतिरिक्त शुल्क भी देना होगा। यह फैसला सभी ग्राहकों पर लागू होगा, चाहे वह Prime Member हों या न हों। इस कदम के बाद सोशल मीडिया पर लोगों की नाराजगी साफ नजर आ रही है।
क्यों लगाया गया Marketplace Fee?
Amazon का कहना है कि यह नया शुल्क उनके प्लेटफॉर्म को बेहतर बनाए रखने, टेक्नोलॉजी में सुधार और ग्राहकों को बेहतर अनुभव देने के लिए लिया गया है। कंपनी का दावा है कि यह मामूली फीस है, जिससे ग्राहक सेवा की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी।
लेकिन ग्राहक इस कदम से खुश नहीं हैं। कई लोगों का कहना है कि यह ‘हिडन चार्ज’ जैसा है, जिसे बिना साफ जानकारी दिए लागू किया गया है। खासकर प्राइम मेंबर्स इसे धोखा मान रहे हैं, क्योंकि उन्होंने पहले ही सालाना या मासिक फीस देकर फ्री डिलीवरी का वादा खरीदा था।
किन ऑर्डर पर लगेगा यह शुल्क?
Amazon की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक:
यह ₹5 का शुल्क लगभग सभी ऑर्डर पर लगेगा।
चाहे ग्राहक Prime सदस्य हो या न हो, शुल्क समान रहेगा।
कुछ खास कैटेगरीज जैसे डिजिटल सेवाएं, गिफ्ट कार्ड्स और कुछ प्रमोशनल प्रोडक्ट्स पर यह शुल्क नहीं लगेगा।
कंपनी ने ₹300 से कम कीमत वाले प्रोडक्ट्स पर रेफरल फीस कम की थी, लेकिन अब यह नया शुल्क जोड़ा गया है।
रिफंड की क्या पॉलिसी होगी?
Amazon ने मार्केटप्लेस शुल्क को लेकर रिफंड नीति भी स्पष्ट की है:
अगर ऑर्डर पूरी तरह से शिपमेंट से पहले कैंसिल किया जाता है, तो ₹5 की पूरी राशि रिफंड हो जाएगी।
अगर ऑर्डर का कोई हिस्सा कैंसिल होता है, तो रिफंड भी आंशिक मिलेगा।
उदाहरण के तौर पर – अगर आपने ₹1000 का ऑर्डर किया है और उसमें से ₹200 का आइटम कैंसिल कर दिया, तो सिर्फ ₹1 का शुल्क वापस मिलेगा।अगर आप प्रोडक्ट डिलीवरी के बाद रिटर्न करते हैं, तो मार्केटप्लेस शुल्क वापस नहीं किया जाएगा।
अगर डिलीवरी के समय ही सामान लौटाया जाता है (डोरस्टेप रिटर्न), तो ₹5 वापस मिल सकते हैं।
ग्राहकों पर क्या होगा असर?
देखने में ₹5 का शुल्क छोटा लग सकता है, लेकिन जो ग्राहक बार-बार ऑनलाइन शॉपिंग करते हैं, उनके लिए यह एक अतिरिक्त बोझ साबित हो सकता है। मान लीजिए कोई व्यक्ति महीने में 20 बार ऑर्डर करता है, तो उसे ₹100 का अतिरिक्त भुगतान करना होगा।
अब साल भर में यह रकम ₹1200 तक पहुंच सकती है, जो प्राइम मेंबरशिप की आधी कीमत के बराबर है। ऐसे में ग्राहक सवाल उठा रहे हैं कि जब उन्होंने पहले ही Prime के तहत फ्री डिलीवरी के लिए शुल्क चुकाया है, तो यह नया चार्ज क्यों?
सोशल मीडिया पर नाराजगी
एमेजॉन के इस फैसले के खिलाफ सोशल मीडिया पर खूब प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कई यूजर्स ने इसे “छोटे-छोटे चार्ज जोड़कर जेब काटना” बताया है।
एक यूजर राहुल बसु ने X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“Amazon India हर ऑर्डर पर चुपचाप ₹5 का मार्केटप्लेस शुल्क वसूल रहा है। यहां तक कि उन प्राइम मेंबर्स से भी जिन्हें फ्री डिलीवरी का वादा किया गया था। दिखने में ये छोटी रकम है, लेकिन इतने बड़े वॉल्यूम में देखें तो काफी बन जाती है!”
वहीं कई अन्य यूजर्स ने भी लिखा है कि यदि अब हर ऑर्डर पर चार्ज देना ही है, तो Prime मेंबरशिप का कोई मतलब नहीं रह गया। कई ग्राहक Amazon की ट्रांसपेरेंसी पर भी सवाल उठा रहे हैं।
Flipkart और Zepto भी करते हैं ऐसा
गौर करने वाली बात यह है कि एमेजॉन अकेली कंपनी नहीं है जिसने ऐसा शुल्क लागू किया है। ई-कॉमर्स की दूसरी बड़ी कंपनियां जैसे Flipkart और Zepto पहले से ही ऐसे अतिरिक्त चार्ज वसूल रही हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि Amazon भी उसी रास्ते पर चल रहा है ताकि अपनी कमाई और प्लेटफॉर्म मैनेजमेंट को संतुलित रखा जा सके।
निष्कर्ष
Amazon का ₹5 का Marketplace Fee शायद छोटा बदलाव लगे, लेकिन यह ग्राहकों की जेब पर असर डालने वाला कदम है। खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने प्राइम मेंबरशिप लेकर फ्री डिलीवरी की उम्मीद की थी, उनके लिए यह एक अप्रत्याशित और निराशाजनक निर्णय है।
इस नई व्यवस्था में ग्राहकों को पहले से ज्यादा सतर्क होकर शॉपिंग करनी होगी और हर ऑर्डर पर अतिरिक्त शुल्क को ध्यान में रखकर बजट बनाना होगा। आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि Amazon अपने इस फैसले पर ग्राहकों की प्रतिक्रिया को कैसे संभालता है।