Low Credit Personal Loan: अगर आपका क्रेडिट स्कोर 600 के आसपास है, तो यह मानना सही होगा कि पर्सनल लोन लेना आसान नहीं है। लेकिन यह भी सच है कि यह नामुमकिन नहीं है। आज के डिजिटल युग में, जहां लोन प्रोसेसिंग आसान हो चुकी है, वहीं कम क्रेडिट स्कोर वाले लोगों को भी लोन देने वाले कई विकल्प मौजूद हैं।
पर्सनल लोन एक ऐसा फाइनेंशियल प्रोडक्ट है जो बिना किसी सिक्योरिटी यानी गारंटी के मिलता है। इसका मतलब है कि इसमें बैंक या लेंडर को कोई संपत्ति गिरवी नहीं रखनी पड़ती। इसलिए क्रेडिट स्कोर की अहमियत और भी बढ़ जाती है। आम तौर पर लेंडर्स 750 या उससे अधिक स्कोर वाले ग्राहकों को प्राथमिकता देते हैं, लेकिन 600 के स्कोर पर भी कुछ परिस्थितियों में लोन मिल सकता है।
क्रेडिट स्कोर क्या होता है और इसका महत्व
क्रेडिट स्कोर आपकी फाइनेंशियल विश्वसनीयता को दर्शाने वाला एक नंबर होता है, जो 300 से 900 के बीच होता है। इसे मुख्य रूप से आपकी लोन रीपेमेंट हिस्ट्री, क्रेडिट कार्ड उपयोग, कुल क्रेडिट लिमिट और अन्य वित्तीय गतिविधियों के आधार पर तय किया जाता है।
स्कोर के अनुसार आपकी स्थिति कुछ इस प्रकार मानी जाती है:
300-599 (कमजोर स्कोर): बहुत रिस्की माना जाता है, लोन मिलने की संभावना बहुत कम।
600-649 (औसत स्कोर): लोन मिल सकता है, लेकिन ब्याज दरें अधिक और शर्तें सख्त हो सकती हैं।
650-749 (अच्छा स्कोर): लोन मिलने की संभावना अच्छी होती है।
750-900 (बेहतरीन स्कोर): लोन आसानी से मिलता है और बेहतर टर्म्स मिलते हैं।
अगर आपका स्कोर 600 है, तो आप “Fair” कैटेगरी में आते हैं, यानी आपको लोन तो मिल सकता है लेकिन कुछ शर्तों के साथ।
600 क्रेडिट स्कोर पर पर्सनल लोन कैसे मिल सकता है?
डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म का सहारा लें: आजकल बहुत से डिजिटल प्लेटफॉर्म जैसे मनीकंट्रोल, पर्सनल फाइनेंस ऐप्स, NBFCs आदि ऐसे लोन ऑफर करते हैं जो कम क्रेडिट स्कोर वालों को भी लोन देने को तैयार रहते हैं।
इनकम पर फोकस करें: लेंडर्स केवल क्रेडिट स्कोर नहीं, आपकी मासिक आमदनी और नौकरी की स्थिरता को भी ध्यान में रखते हैं। अगर आपकी सैलरी स्थिर है और अच्छा इनकम प्रूफ है, तो लोन मिलने की संभावना बढ़ जाती है।
को-एप्प्लिकेंट या गारंटर जोड़ें: अगर आप अकेले लोन के लिए अयोग्य हैं, तो किसी भरोसेमंद व्यक्ति को को-एप्प्लिकेंट बनाएं या गारंटर लें, जिससे लोन अप्रूवल आसान हो सकता है।
छोटी राशि और कम अवधि का लोन चुनें: शुरुआत में कम रकम और छोटी अवधि का लोन चुनें ताकि लेंडर का जोखिम कम हो और आपके लिए अप्रूवल आसान हो जाए।
लोन मिल गया तो किन बातों का रखें ध्यान?
ब्याज दरें अधिक हो सकती हैं। 600 स्कोर पर लोन मिलने की स्थिति में 14% से 24% तक की ब्याज दर सामान्य हो सकती है।
प्रोसेसिंग फीस और अन्य चार्ज भी ज्यादा हो सकते हैं।
रीपेमेंट टर्म्स सख्त हो सकते हैं। समय पर EMI चुकाना जरूरी होगा वरना स्कोर और नीचे गिर सकता है।
अगर लोन नहीं मिले तो क्या करें?
अगर आपको लोन नहीं मिलता या शर्तें बहुत कड़ी लगती हैं, तो इन विकल्पों पर विचार करें:
गोल्ड लोन: यह एक सिक्योर लोन है, जिसमें आपको अपने सोने को गिरवी रखना होता है। इसमें ब्याज दरें पर्सनल लोन से कम होती हैं और अप्रूवल जल्दी होता है।
प्रॉपर्टी लोन: अगर आपके पास जमीन या घर है, तो उसके बदले लोन लेना एक सुरक्षित और सस्ता विकल्प हो सकता है।
सिक्योर क्रेडिट कार्ड: अगर आपकी क्रेडिट हिस्ट्री बहुत कम है, तो एक सिक्योर कार्ड लेकर आप स्कोर सुधार सकते हैं।
क्रेडिट स्कोर सुधारने के आसान उपाय
सभी EMI और क्रेडिट कार्ड बिल समय पर चुकाएं।
क्रेडिट कार्ड का उपयोग लिमिट में करें, 30% से अधिक उपयोग न करें।
अपनी क्रेडिट रिपोर्ट नियमित रूप से चेक करें और किसी भी गलती को सुधारें।
अगर आपके पास कोई क्रेडिट हिस्ट्री नहीं है, तो एक सिक्योर कार्ड लें और समय पर भुगतान करें।
मनीकंट्रोल जैसे प्लेटफॉर्म कैसे मदद करते हैं?
मनीकंट्रोल जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आप अलग-अलग लेंडर्स के ऑफर की तुलना कर सकते हैं। यहां पर आप ₹50 लाख तक का पर्सनल लोन 10.5% की शुरुआती ब्याज दर पर ले सकते हैं। यह प्लेटफॉर्म आपकी जानकारी के आधार पर सबसे उपयुक्त लोन ऑप्शन दिखाता है।
निष्कर्ष
600 क्रेडिट स्कोर पर पर्सनल लोन मिलना मुश्किल जरूर है, लेकिन नामुमकिन नहीं। आजकल कई डिजिटल लेंडर्स कम स्कोर वालों को भी लोन दे रहे हैं, बशर्ते आप बाकी पात्रता शर्तें पूरी करते हों। लेकिन इससे पहले कि आप लोन लें, अपनी फाइनेंशियल स्थिति का मूल्यांकन करें और यह तय करें कि आप समय पर भुगतान कर सकते हैं या नहीं।
अगर जरूरी नहीं है, तो स्कोर सुधारने के बाद लोन के लिए अप्लाई करना ज्यादा फायदेमंद रहेगा। समय पर भुगतान और सही फाइनेंशियल प्लानिंग से आप भविष्य में बेहतर स्कोर और बेहतर लोन ऑफर पा सकते हैं।