Delhi-Dehradun Expressway: भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर का लगातार विकास हो रहा है और अब इसका लाभ केवल तेज़ यात्रा तक सीमित नहीं रह गया है, बल्कि प्रकृति और रोमांच को भी इससे जोड़ा जा रहा है। दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) इसका बेहतरीन उदाहरण है। इस आधुनिक एक्सप्रेसवे का एक हिस्सा ऐसा है जहां यात्रियों को जंगल सफारी जैसा अनुभव मिलेगा — और वो भी बिल्कुल मुफ्त!
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे: जल्द होगा शुरू
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के अनुसार, दिल्ली से देहरादून तक बनने वाला यह एक्सप्रेसवे लगभग तैयार हो चुका है। अभी तक इसके करीब 90% निर्माण कार्य पूरा हो गया है। शेष कार्य जून 2025 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। इसके बाद लोग दिल्ली से देहरादून तक का सफर केवल कुछ घंटों में तय कर सकेंगे, वो भी बिना ट्रैफिक की परेशानी और किसी रुकावट के।
जंगल सफारी जैसा अनुभव, वो भी फ्री में!
इस एक्सप्रेसवे की सबसे अनोखी और आकर्षक बात यह है कि इसके कुछ हिस्से से गुजरते वक्त यात्रियों को वन्यजीवों की झलक मिल सकती है। सड़क के किनारे आपको हाथी, हिरण या यहां तक कि तेंदुआ भी दिख सकता है। लेकिन डरने की कोई बात नहीं है, क्योंकि सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं।
यह सफर सिर्फ तेज़ और आरामदायक नहीं होगा, बल्कि एडवेंचर और प्रकृति का अनुभव भी कराएगा। खास बात यह है कि इसके लिए कोई टिकट या सफारी बुकिंग की जरूरत नहीं होगी।
राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरेगा रास्ता
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का एक भाग राजाजी नेशनल पार्क से होकर गुजरता है। यह क्षेत्र प्रकृति प्रेमियों और वाइल्डलाइफ के शौकीनों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है। इस पार्क की जैव विविधता और हरियाली यात्रियों को मंत्रमुग्ध कर देती है।
प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान न पहुंचे, इसके लिए यहां 12 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाया जा रहा है। यह फ्लाईओवर जानवरों के आवागमन में बाधा नहीं डालेगा और उन्हें उनके प्राकृतिक रूट से गुजरने की पूरी आज़ादी देगा।
एशिया का सबसे लंबा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर बनेगा
राजाजी नेशनल पार्क के इस हिस्से में बन रहा यह फ्लाईओवर एशिया का सबसे लंबा वाइल्डलाइफ कॉरिडोर होगा। यह परियोजना भारत में पर्यावरण संरक्षण और आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के संतुलन की मिसाल बन रही है।
इस कॉरिडोर के बनने से एक तरफ जहां जानवरों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी, वहीं दूसरी ओर लोग अपनी कार में बैठकर ही प्राकृतिक जंगल का आनंद ले सकेंगे। यह सफर आपके लिए यादगार बन सकता है क्योंकि ऐसी सुविधा भारत में अब तक कहीं नहीं देखने को मिली है।
यात्रियों और जानवरों दोनों की सुरक्षा का पूरा ध्यान
जानवरों के मूवमेंट के लिए बनाए गए रास्ते को बाधित नहीं किया गया है।
यात्रियों के लिए सड़क के किनारे सुरक्षा रेलिंग और वॉर्निंग साइन लगाए गए हैं।
कैमरों और वॉच टावर के जरिए वन्यजीवों की निगरानी की जाएगी।
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की प्रमुख विशेषताएं
कुल लंबाई: लगभग 210 किलोमीटर
निर्माण पूरा होने की अनुमानित तिथि: जून 2025
सफर का समय: लगभग 6 घंटे से घटकर 2.5 से 3 घंटे
ईंधन और समय दोनों की बचत
पर्यावरण-अनुकूल निर्माण तकनीक का इस्तेमाल
निष्कर्ष
दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे केवल एक सड़क नहीं है, यह भारत में सस्टेनेबल ट्रांसपोर्ट और इको-टूरिज्म का नया चेहरा है। यह प्रोजेक्ट दर्शाता है कि अगर सही प्लानिंग और जिम्मेदारी के साथ काम किया जाए, तो विकास और पर्यावरण दोनों को एक साथ आगे बढ़ाया जा सकता है।
अगर आप अगली बार देहरादून जा रहे हैं, तो इस एक्सप्रेसवे का अनुभव जरूर लें। यह सिर्फ एक यात्रा नहीं होगी, बल्कि एक जंगल सफारी और नेचर ट्रेल का रोमांचक मिश्रण होगा वो भी बिना किसी अतिरिक्त खर्च के।