Electricity Meter Magnet Trick: आज के डिजिटल युग में लोग इंटरनेट और सोशल मीडिया से जुड़कर नए-नए जुगाड़ ढूंढते रहते हैं। इन्हीं में से एक गलतफहमी यह है कि अगर बिजली मीटर पर चुंबक (Magnet) लगा दिया जाए, तो बिजली की रीडिंग कम हो जाती है और बिल आधा आ जाता है। बहुत सारे लोग इस अफवाह में आकर ऐसा करने की सोचते हैं, लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है। यह न केवल एक भ्रांति है, बल्कि ऐसा करना कानूनन अपराध भी है।
इस लेख में हम सरल भाषा में बताएंगे कि क्या सच में चुंबक लगाकर बिजली बिल कम किया जा सकता है या यह एक झूठा भ्रम है, साथ ही जानेंगे कि ऐसा करने पर क्या कानूनी कार्रवाई हो सकती है और बिजली बचाने के सही व कानूनी उपाय क्या हैं।
क्या चुंबक बिजली मीटर को रोक देता है?
सोशल मीडिया पर तरह-तरह की पोस्ट और वीडियो वायरल होते रहते हैं जिनमें दावा किया जाता है कि मीटर पर चुंबक लगाने से रीडिंग कम हो जाती है या मीटर घूमना बंद कर देता है। यह एकदम झूठी और भ्रामक जानकारी है।
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पहले के समय में जब एनालॉग मीटर होते थे, तब चुंबकीय प्रभाव से कुछ हद तक मीटर की गति पर असर पड़ सकता था। लेकिन आजकल जो मीटर लगाए जाते हैं वे “स्मार्ट मीटर” होते हैं, जो पूरी तरह डिजिटल होते हैं और अत्याधुनिक तकनीक से लैस होते हैं। इन पर चुंबक लगाने से कोई असर नहीं होता।
स्मार्ट मीटर को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह किसी भी बाहरी चुंबकीय प्रभाव से सुरक्षित रहें। इनमें इलेक्ट्रोमैग्नेटिक शील्डिंग की जाती है जो सामान्य चुंबक के असर को पूरी तरह बेअसर कर देती है। ऐसे में मीटर से छेड़छाड़ करने की कोई संभावना नहीं रहती है।
मीटर से छेड़छाड़ है अपराध
अगर कोई व्यक्ति बिजली मीटर से छेड़छाड़ करता है, जैसे कि उस पर चुंबक लगाना, सील तोड़ना या तारों से छेड़छाड़ करना, तो यह “बिजली चोरी” की श्रेणी में आता है। भारत में बिजली अधिनियम के तहत इसे आपराधिक कृत्य माना जाता है।
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बिजली विभाग ऐसे मामलों को गंभीरता से लेता है और यदि कोई उपभोक्ता मीटर से छेड़छाड़ करता हुआ पकड़ा जाता है, तो उस पर एफआईआर दर्ज होती है। इसके अलावा, निम्नलिखित कानूनी कार्रवाई हो सकती है:
बिजली चोरी का दोगुना या उससे अधिक जुर्माना
पिछली अवधि के बकाया बिल की वसूली
6 महीने से 3 साल तक की जेल
बिजली कनेक्शन काटा जा सकता है
विशेष जांच टीम द्वारा मीटर की जांच और कोर्ट केस
सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी उपभोक्ता बिजली विभाग के उपकरणों से छेड़छाड़ न करे। ऐसी गलती भविष्य में भारी नुकसान व परेशानी का कारण बन सकती है।
स्मार्ट मीटर से जुड़े फायदे
आजकल सभी जगह स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं जो उपभोक्ता और बिजली विभाग दोनों के लिए फायदेमंद हैं। स्मार्ट मीटर से:
रीयल टाइम खपत की जानकारी मिलती है
ओवरबिलिंग की संभावना नहीं रहती
रिमोट से रीडिंग ली जा सकती है
ट्रांसपेरेंसी बनी रहती है
अगर आपके घर में अब भी पुराना मीटर लगा है और बिजली बिल अधिक आ रहा है, तो आप बिजली विभाग से संपर्क कर स्मार्ट मीटर लगवा सकते हैं।
बिजली बिल कम करने के कानूनी और आसान उपाय
अगर आप वाकई में बिजली बिल कम करना चाहते हैं तो कुछ सरल और कारगर उपाय अपनाकर ऐसा किया जा सकता है। यहां कुछ सुझाव दिए जा रहे हैं:
ऊर्जा दक्ष उपकरणों का इस्तेमाल करें
5-स्टार रेटिंग वाले उपकरण जैसे LED बल्ब, इनवर्टर एसी, ऊर्जा दक्ष पंखे और फ्रिज का इस्तेमाल करें। इससे बिजली की खपत कम होती है और बिल में बड़ी बचत होती है।अनावश्यक बिजली उपकरण बंद करें
कमरे से निकलते समय लाइट और पंखा बंद करें। मोबाइल चार्जर को सॉकेट में न छोड़ें, क्योंकि वह भी बिजली खपत करता है। टीवी या कंप्यूटर को स्टैंडबाय मोड में रखने की बजाय पूरी तरह स्विच ऑफ करें।प्राकृतिक रोशनी का उपयोग करें
दिन में खिड़कियां और रोशनदान खोलकर कमरे में रोशनी करें। इससे लाइट की जरूरत कम पड़ेगी।पुरानी वायरिंग बदलवाएं
अगर घर में पुरानी वायरिंग है, तो उसमें लीकेज से बिजली बर्बाद हो सकती है। बेहतर है कि वायरिंग सिस्टम का मेंटेनेंस कराएं या बदलवाएं।सोलर उत्पादों का उपयोग करें
सोलर वॉटर हीटर, सोलर लाइट आदि का प्रयोग करके बिजली की खपत को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
निष्कर्ष
बिजली मीटर पर चुंबक लगाने जैसी हरकतें पूरी तरह से गलत, अवैज्ञानिक और गैरकानूनी हैं। ऐसी बातों में आकर कोई भी व्यक्ति खुद को मुसीबत में डाल सकता है। सरकार और बिजली विभाग द्वारा प्रदान किए गए उपकरणों का सही और जिम्मेदारी से उपयोग करें।
अगर आप बिजली बचाना चाहते हैं तो ऊपर बताए गए स्मार्ट उपाय अपनाएं, इससे न केवल आपका बिजली बिल कम होगा बल्कि आप देश की ऊर्जा बचत में भी योगदान देंगे। झूठे उपायों के बजाय सही जानकारी अपनाएं और दूसरों को भी जागरूक करें। याद रखें, जिम्मेदार नागरिक वही होता है जो कानून का पालन करता है और संसाधनों का समझदारी से उपयोग करता है।