EPFO Pension Hike: संगठित क्षेत्र में काम करने वाले करोड़ों कर्मचारियों और रिटायर्ड पेंशनर्स के लिए एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) अब न्यूनतम पेंशन को ₹1,000 से बढ़ाकर ₹3,000 करने की तैयारी में है। यह फैसला उन लाखों बुजुर्गों के जीवन में नया सवेरा लाएगा जो आज भी बहुत ही कम पेंशन पर अपनी जरूरतें पूरी कर रहे हैं। खासतौर पर ईपीएस-95 योजना के तहत आने वाले पेंशनधारकों के लिए यह एक बड़ी सौगात साबित होगी।
🧓 क्या है ईपीएस-95 योजना?
ईपीएस-95 (Employees’ Pension Scheme 1995) की शुरुआत वर्ष 1995 में EPFO द्वारा की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह था कि कर्मचारी जब सेवा से रिटायर हों, तो उन्हें नियमित मासिक पेंशन मिले ताकि उनका बुजुर्ग जीवन आर्थिक रूप से सुरक्षित रह सके।
जो कर्मचारी ईपीएफ (EPF) का सदस्य होता है, उसका एक हिस्सा और नियोक्ता का अंशदान मिलकर पेंशन फंड में जमा होता है। सेवा के कम से कम 10 वर्ष पूरे करने के बाद और 58 वर्ष की उम्र में कर्मचारी को पेंशन मिलनी शुरू हो जाती है।
💸 न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की क्यों पड़ी ज़रूरत?
वर्तमान में, ईपीएस-95 के तहत लाखों पेंशनर्स को केवल ₹1,000 प्रति माह पेंशन मिलती है। मौजूदा महंगाई दर और जीवन यापन की बढ़ती लागत को देखते हुए यह राशि बहुत ही कम है। पेंशनर्स लंबे समय से इस पेंशन को बढ़ाने की मांग कर रहे थे। अब सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए न्यूनतम पेंशन को ₹3,000 करने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है।
इससे लगभग 6 लाख से अधिक पेंशनर्स को सीधा लाभ मिलेगा, और वे अधिक सम्मानजनक ढंग से अपना जीवन जी सकेंगे।
🔺 उच्च पेंशन विकल्प – जानिए क्या है फायदा?
EPFO ने एक और विकल्प पेंशनर्स को दिया है – उच्च पेंशन योजना। इसके तहत कर्मचारी अपने वास्तविक वेतन के आधार पर पेंशन ले सकते हैं। वे कर्मचारी जो 31 अगस्त 2014 से पहले EPFO के सदस्य थे, इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं।
इसके लिए कर्मचारी और उनके नियोक्ता को संयुक्त रूप से आवेदन करना होता है। इस विकल्प से कर्मचारी को रिटायरमेंट के बाद अधिक पेंशन मिलने की संभावना रहती है, बशर्ते उन्होंने पूरी सेवा अवधि तक सही अंशदान दिया हो।
🧾 पेंशन के प्रकार
ईपीएफओ पेंशन योजना के अंतर्गत अलग-अलग प्रकार की पेंशन दी जाती है:
सुपरएन्यूएशन पेंशन: 58 वर्ष की आयु और 10 वर्ष की सेवा के बाद मिलती है।
कम आयु पर पेंशन: 50 वर्ष के बाद कम पेंशन लेने का विकल्प।
विकलांगता पेंशन: स्थायी रूप से विकलांग होने पर मिलती है।
विधवा पेंशन: कर्मचारी की मृत्यु पर उसकी पत्नी को मिलती है।
बाल पेंशन: मृत कर्मचारी के बच्चों को दी जाती है।
📄 कैसे करें आवेदन?
ऑनलाइन आवेदन:
ईपीएफओ की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
सदस्य पोर्टल में लॉगिन करें।
फॉर्म 10D भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।
ऑफलाइन आवेदन:
नजदीकी EPFO कार्यालय जाएं।
फॉर्म भरें और दस्तावेज जमा करें।
आवेदन के साथ ये दस्तावेज जरूरी हैं:
आधार कार्ड
पैन कार्ड
बैंक पासबुक
सेवा प्रमाण पत्र
फोटो
📊 पेंशन की गणना कैसे होती है?
पेंशन की गणना इस फॉर्मूले के आधार पर होती है:
(पेंशन योग्य वेतन × सेवा के वर्ष) ÷ 70
जहां पेंशन योग्य वेतन अभी तक अधिकतम ₹15,000 माना जाता था, लेकिन उच्च पेंशन विकल्प लेने वालों के लिए यह वास्तविक वेतन के अनुसार तय किया जाएगा।
📅 महत्वपूर्ण तिथि
सरकार ने न्यूनतम पेंशन ₹3,000 करने का प्रस्ताव रखा है और इससे संबंधित दस्तावेज अपलोड करने की अंतिम तिथि 31 जनवरी 2025 निर्धारित की गई है। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार योजना में और भी संशोधन संभव हैं।
🔚 निष्कर्ष
ईपीएफओ की पेंशन योजना में न्यूनतम पेंशन बढ़ाने का प्रस्ताव देश के लाखों बुजुर्गों के लिए उम्मीद की किरण बनकर आया है। इससे न केवल उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा, बल्कि उन्हें सामाजिक सम्मान और आत्मनिर्भरता भी मिलेगी। यदि आप इस योजना के पात्र हैं, तो समय रहते आवेदन अवश्य करें।
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। विस्तृत जानकारी के लिए EPFO की आधिकारिक वेबसाइट पर विज़िट करें या संबंधित क्षेत्रीय कार्यालय से संपर्क करें।