IMD Alert Heavy Rainfall: भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 21 मई से 26 मई के बीच देश के कई हिस्सों में भारी से अति भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इस दौरान देश के पश्चिमी तटीय क्षेत्रों के अलावा पूर्वोत्तर और दक्षिण भारत में भी मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदला हुआ रहेगा। खासकर कर्नाटक, केरल, कोंकण, गोवा और गुजरात में तेज हवाओं के साथ मूसलाधार बारिश होने की संभावना है।
मानसून की एंट्री के लिए अनुकूल परिस्थितियां
मौसम विभाग ने कहा है कि अगले 3 से 4 दिनों में दक्षिण भारत के तटीय राज्य केरल में दक्षिण-पश्चिम मानसून के प्रवेश की अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं। यह भारत में मानसून की औपचारिक शुरुआत मानी जाती है। इसके साथ ही बारिश का सिलसिला और तेज़ हो सकता है।
अरब सागर में बन रहा है दबाव
21 मई तक उत्तरी कर्नाटक और गोवा तटों के पास पूर्व-मध्य अरब सागर में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना जताई गई है, जो 22 मई तक तीव्र दबाव में बदल सकता है। इस दबाव के उत्तर की ओर बढ़ने से पश्चिमी तटीय राज्यों में भारी बारिश की संभावना और अधिक बढ़ गई है।
किन राज्यों में रहेगा भारी बारिश का कहर?
1. कर्नाटक:
21 मई को उत्तरी आंतरिक कर्नाटक में भारी बारिश हो सकती है।
22, 25 और 26 मई को तटीय कर्नाटक में भारी से अति भारी बारिश की संभावना है।
25 और 26 मई को दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक में भी मूसलाधार बारिश हो सकती है।
2. केरल:
21 मई को केरल के तटीय और घाटी क्षेत्रों में अति भारी बारिश होने की संभावना है।
अगले कुछ दिनों तक लगातार बारिश जारी रह सकती है, जिससे जनजीवन प्रभावित हो सकता है।
3. कोंकण और गोवा:
21 मई को इन इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
21 से 24 मई तक गरज-चमक के साथ तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
4. गुजरात:
विशेष रूप से सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों में 22 और 24 मई को 50 से 70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की संभावना है।
21 से 24 मई के बीच कई इलाकों में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।
5. पूर्वोत्तर भारत:
21 से 26 मई के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा में भारी बारिश की संभावना है।
21 मई को असम और मेघालय में अति भारी बारिश हो सकती है।
अन्य राज्यों का हाल
पूर्व और मध्य भारत:
पश्चिम बंगाल, सिक्किम, मध्य प्रदेश, विदर्भ, छत्तीसगढ़, ओडिशा और बिहार में 23 मई तक गरज-चमक और तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
22 मई को पश्चिमी मध्य प्रदेश में 50 से 60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं।
उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 21 और 22 मई को भारी बारिश की चेतावनी दी गई है।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह:
24 से 26 मई के बीच भारी बारिश हो सकती है। यह क्षेत्र मानसून के शुरूआती प्रभाव में आता है और अक्सर यहां सबसे पहले बारिश शुरू होती है।
ऊपरी चक्रवात और ट्रफ लाइन का प्रभाव
मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि एक ऊपरी वायुमंडलीय चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण हरियाणा और उत्तर-पूर्वी राजस्थान पर बना हुआ है। इससे एक ट्रफ रेखा पंजाब से लेकर मध्य प्रदेश तक फैली हुई है, जो बारिश और बिजली के साथ तेज हवाओं को बढ़ावा दे सकती है।
क्या रखें सावधानी?
इन मौसमीय परिस्थितियों को देखते हुए प्रभावित राज्यों के नागरिकों को विशेष सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। प्रशासन द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करना जरूरी है। समुद्र तटीय क्षेत्रों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। साथ ही, तेज बारिश और हवा की वजह से बिजली गुल होने, पेड़ गिरने और जलभराव की समस्याएं भी हो सकती हैं।
निष्कर्ष
देश के विभिन्न हिस्सों में मौसम का मिजाज पूरी तरह से बदलने वाला है। पश्चिमी तट से लेकर पूर्वोत्तर और मध्य भारत तक भारी बारिश के चलते सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है। आने वाले दिनों में मानसून की दस्तक और अधिक व्यापक बारिश का संकेत दे रही है। ऐसे में लोगों को मौसम विभाग की चेतावनियों पर ध्यान देना चाहिए और आवश्यक सुरक्षा उपाय अपनाने चाहिए।