Indian Passport Update 2025: भारतीय पासपोर्ट प्रणाली में समय-समय पर सुधार होते रहते हैं, ताकि नागरिकों को बेहतर और सुरक्षित सेवाएं मिल सकें। अब देश सरकार ने इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए 2025 तक पासपोर्ट को पूरी तरह से आधुनिक बनाने की योजना बनाई है। इसके तहत पांच महत्वपूर्ण बदलाव किए जाएंगे, जो सुरक्षा, निजता और सुविधा के लिहाज से काफी उपयोगी साबित होंगे। इन बदलावों का मकसद न केवल भारत के पासपोर्ट सिस्टम को डिजिटल युग के अनुरूप बनाना है, बल्कि इसे और अधिक पारदर्शी और सरल भी बनाना है। आइए विस्तार से जानते हैं इन पांच बदलावों के बारे में।
1. ई-पासपोर्ट की शुरुआत: सुरक्षा का नया दौर
भारतीय पासपोर्ट में अब एक नई तकनीक को शामिल किया जा रहा है, जिसे ई-पासपोर्ट कहा जाता है। यह पासपोर्ट RFID (रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) चिप से लैस होगा। इस चिप में आपके बायोमेट्रिक डेटा जैसे फिंगरप्रिंट, आपकी फोटो और अन्य व्यक्तिगत जानकारी सुरक्षित रूप से संग्रहित की जाती है। इससे पहचान की चोरी और धोखाधड़ी के मामलों में काफी कमी आएगी। इसके अलावा, इस चिप के चलते विदेशों में आव्रजन प्रक्रिया भी तेज और सरल हो जाएगी।
इस तकनीक का फायदा यह है कि आपकी निजी जानकारी को ज्यादा सुरक्षित रखा जाएगा और पहचान की चोरी या फर्जीवाड़े से बचाव होगा। फिलहाल गोवा और रांची जैसे कुछ शहरों में यह ई-पासपोर्ट जारी किए जा रहे हैं, और आने वाले समय में इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। यदि आपके पास अभी भी पुराना पासपोर्ट है तो उसे तुरंत बदलने की जरूरत नहीं है, लेकिन नया पासपोर्ट बनवाते समय यह सुविधा जरूर मिलेगी।
2. जन्म प्रमाण पत्र से जुड़े नए नियम
पासपोर्ट बनवाने के लिए जन्मतिथि का प्रमाण देना जरूरी होता है। अब सरकार ने इस मामले में नए नियम लागू किए हैं। 1 अक्टूबर 2023 के बाद जन्मे सभी बच्चों के लिए जन्म प्रमाण पत्र देना अनिवार्य होगा, जो कि जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम 1969 के तहत मान्यता प्राप्त अधिकारी द्वारा जारी किया गया हो।
वहीं, 1 अक्टूबर 2023 से पहले जन्मे लोगों के लिए यह नियम थोड़ा अलग है। वे आधार कार्ड, पैन कार्ड, स्कूल प्रमाणपत्र जैसे अन्य वैकल्पिक दस्तावेज पासपोर्ट आवेदन के लिए जमा कर सकते हैं। यह बदलाव प्रक्रिया को और अधिक सुसंगत और पारदर्शी बनाने के लिए किया गया है, ताकि प्रमाणिकता सुनिश्चित की जा सके।
3. पासपोर्ट से आवासीय पता हटाना: निजता को मिलेगा बड़ा संरक्षण
अब पासपोर्ट के अंतिम पृष्ठ से आवासीय पते को हटाने का फैसला लिया गया है। इसके स्थान पर एक बारकोड दिया जाएगा, जिसे स्कैन करने पर आव्रजन अधिकारी आपके पते की जानकारी देख सकेंगे। इसका उद्देश्य आपकी निजता को प्राथमिकता देना है। इससे यह सुनिश्चित होगा कि आपकी व्यक्तिगत जानकारी केवल अधिकृत अधिकारी ही देख पाएं और आपकी प्राइवेसी बनी रहे।
यह कदम उन लोगों के लिए भी अच्छा होगा जो अपनी व्यक्तिगत जानकारी को ज्यादा सुरक्षित रखना चाहते हैं। साथ ही, इस बदलाव से पासपोर्ट के डिज़ाइन को भी ज्यादा सुरक्षित और स्मार्ट बनाया जाएगा।
4. माता-पिता के नाम हटाना: बदलती पारिवारिक संरचनाओं का सम्मान
भारत सरकार ने पासपोर्ट में माता-पिता के नाम शामिल न करने का फैसला किया है। यह बदलाव पारिवारिक संरचनाओं में हो रहे बदलावों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। आज के समय में पारिवारिक संरचनाएं विविध हो गई हैं, जैसे सिंगल पेरेंट फैमिली, अलग-अलग परिवार आदि।
इस नियम से ऐसे परिवारों के लिए पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया सरल हो जाएगी और किसी को भी असुविधा का सामना नहीं करना पड़ेगा। यह कदम पारिवारिक सम्मान और समावेशिता को बढ़ावा देगा।
5. 2030 तक पासपोर्ट सेवा केंद्रों की संख्या में वृद्धि
सरकार ने यह भी घोषणा की है कि 2030 तक पोस्ट ऑफिस पासपोर्ट सेवा केंद्रों (POPSK) की संख्या 442 से बढ़ाकर 600 कर दी जाएगी। इसका मकसद यह है कि लोगों को पासपोर्ट बनवाने के लिए लंबा इंतजार न करना पड़े और सेवा केंद्र आसानी से सुलभ हों।
खास तौर पर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को इस सुविधा का फायदा मिलेगा। इससे उनकी यात्रा और सरकारी सेवाओं का लाभ उठाना ज्यादा आसान होगा। अधिक सेवा केंद्र होने से पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया तेज और सुगम होगी।
निष्कर्ष
भारतीय पासपोर्ट प्रणाली को डिजिटल और स्मार्ट बनाने के लिए ये पांच बड़े बदलाव एक नई शुरुआत हैं। RFID चिप वाले ई-पासपोर्ट से सुरक्षा में सुधार होगा, नए नियमों से प्रक्रिया पारदर्शी और सरल होगी, और निजता का बेहतर संरक्षण होगा। साथ ही, पारिवारिक संरचनाओं का सम्मान करते हुए माता-पिता के नाम हटाना एक समावेशी कदम है। इसके अलावा, सेवा केंद्रों की संख्या बढ़ाकर सरकार ने देश के हर नागरिक तक पासपोर्ट सेवा पहुँचाने का लक्ष्य रखा है।
यह सभी सुधार भारत के पासपोर्ट सिस्टम को 2025 और उसके बाद के वर्षों में अधिक आधुनिक, सुरक्षित और सुविधाजनक बनाएंगे। ऐसे बदलाव से न केवल आम नागरिकों को लाभ मिलेगा, बल्कि देश की अंतरराष्ट्रीय पहचान भी मजबूत होगी। इसलिए यह कहना गलत नहीं होगा कि भारत अब डिजिटल और स्मार्ट पासपोर्ट की ओर बड़े कदम उठा रहा है, जो आने वाले समय में आपके पासपोर्ट अनुभव को पूरी तरह बदल देगा।