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क्या मौत के बाद परिवार को भरना पड़ता है पर्सनल लोन? जानिए RBI के नियम और बैंक की पॉलिसी Loan After Death

Loan After Death: आजकल जीवन की बढ़ती जरूरतों को पूरा करने के लिए लोन लेना बहुत आम हो गया है। कोई मेडिकल इमरजेंसी हो, बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाना हो, या फिर घर की मरम्मत या खरीदारी करनी हो – लोग बिना ज्यादा सोच-विचार किए पर्सनल लोन या अन्य प्रकार के लोन ले लेते हैं। लेकिन एक सवाल जो बहुत कम लोग सोचते हैं, वह यह है कि अगर लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाए तो उस लोन का क्या होगा? क्या वह कर्ज उसके परिवार को चुकाना पड़ेगा?

यह सवाल बहुत अहम है और हर उस व्यक्ति को जानना चाहिए जो लोन ले रहा है या लेने की योजना बना रहा है। क्योंकि इससे जुड़ी जानकारी आपको और आपके परिवार को भविष्य में बड़ी परेशानी से बचा सकती है।

इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि अलग-अलग प्रकार के लोन पर मृत्यु के बाद क्या नियम लागू होते हैं और किन स्थितियों में परिवार पर कर्ज चुकाने की जिम्मेदारी आती है।

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पर्सनल लोन – क्या परिवार को चुकाना पड़ता है?

पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड लोन होता है, यानी इसके लिए कोई संपत्ति गिरवी नहीं रखी जाती। इस तरह के लोन को सिर्फ आपकी आय, क्रेडिट स्कोर और चुकाने की क्षमता के आधार पर मंजूरी दी जाती है।

अगर लोन लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को यह लोन चुकाने की कानूनी जिम्मेदारी नहीं होती। बैंक उस लोन की राशि परिवार या कानूनी उत्तराधिकारी से वसूल नहीं कर सकता। यह कानून के खिलाफ है।

हालांकि, अगर लोन लेते समय किसी गारंटर (जमानतदार) का नाम दिया गया है, तो बैंक उस व्यक्ति से कर्ज की रकम वसूल कर सकता है। इसलिए अगर आप किसी के लिए गारंटर बन रहे हैं, तो पहले यह सुनिश्चित कर लें कि वह व्यक्ति समय पर लोन चुका पाएगा।

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क्रेडिट कार्ड बकाया – क्या होगा?

क्रेडिट कार्ड से होने वाले खर्च भी दरअसल एक तरह का अनसिक्योर्ड लोन होते हैं। इसका मतलब यह है कि इसके बदले में कोई गारंटी नहीं ली जाती।

यदि कार्डधारक की मृत्यु हो जाती है और कुछ बकाया राशि रह जाती है, तो बैंक उस पैसे को जबरन परिवार से नहीं वसूल सकता। कानूनी रूप से परिवार को इसका भुगतान करना जरूरी नहीं है। हालांकि कुछ बैंक कोशिश जरूर करते हैं कि परिवार भुगतान कर दे, लेकिन यह स्वैच्छिक होता है, बाध्यकारी नहीं।


होम लोन – अलग नियम, क्योंकि यह सिक्योर्ड लोन है

होम लोन एक सिक्योर्ड लोन होता है, यानी इसके बदले में कोई संपत्ति (जैसे घर या जमीन) गिरवी रखी जाती है।

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अगर लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है और उसने को-एप्लिकेंट (सह-आवेदक) के साथ लोन लिया है, तो सह-आवेदक को वह लोन चुकाना होगा। अगर कोई सह-आवेदक नहीं है, तो बैंक उस संपत्ति को नीलाम करके अपनी बकाया राशि वसूल कर सकता है।

इस प्रक्रिया को SARFAESI Act के तहत किया जाता है। बैंक संपत्ति को कब्जे में लेकर नीलामी कर सकता है। हालांकि इससे पहले बैंक नोटिस देता है और परिवार को विकल्प भी देता है कि वह लोन चुका दे और संपत्ति बचा ले।


लोन इंश्योरेंस – मुश्किल से बचने का स्मार्ट तरीका

आजकल कई बैंक होम लोन या बड़े लोन के साथ लोन प्रोटेक्शन इंश्योरेंस की सुविधा भी देते हैं। यह एक बीमा होता है जो इस स्थिति में बेहद उपयोगी साबित होता है।

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अगर लोन लेने वाले की मृत्यु हो जाती है, तो बीमा कंपनी बैंक को लोन की बकाया राशि चुका देती है। इस तरह परिवार को न तो लोन चुकाना पड़ता है, न ही कोई संपत्ति हाथ से जाती है।

लोन इंश्योरेंस एक समझदारी भरा वित्तीय निर्णय होता है। अगर आप लोन लेने जा रहे हैं, तो यह जरूर देखें कि उस लोन के साथ इंश्योरेंस मिल रहा है या नहीं। कुछ बैंक इसे अनिवार्य बनाते हैं, जबकि कुछ इसे ऐच्छिक रखते हैं।


समझदारी से लें लोन से जुड़े फैसले

लोन लेना कोई गलत बात नहीं है, लेकिन उससे जुड़ी शर्तों, नियमों और जिम्मेदारियों को समझना बहुत जरूरी है। खासकर जब बात किसी अनहोनी की आती है, तो पहले से की गई योजना आपके परिवार को बड़ा आर्थिक झटका झेलने से बचा सकती है।

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इन जरूरी बातों का रखें ध्यान:


निष्कर्ष

अक्सर लोग लोन तो ले लेते हैं लेकिन उसके बाद उससे जुड़ी जिम्मेदारियों और संभावित जोखिमों पर ध्यान नहीं देते। खासकर मृत्यु के बाद लोन की स्थिति को लेकर बहुत से लोगों में भ्रम होता है।

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अब आप जान चुके हैं कि पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे अनसिक्योर्ड लोन की जिम्मेदारी परिवार पर नहीं आती। वहीं सिक्योर्ड लोन (जैसे होम लोन) की स्थिति में संपत्ति के नुकसान की आशंका होती है, लेकिन लोन इंश्योरेंस जैसी योजनाएं इस खतरे को काफी हद तक कम कर सकती हैं।

इसलिए जरूरी है कि लोन लेने से पहले सभी शर्तों को समझें और योजनाबद्ध तरीके से फैसला लें। इससे न सिर्फ आपकी वित्तीय स्थिति सुरक्षित रहेगी, बल्कि आपके परिवार को भी भविष्य में कोई परेशानी नहीं होगी।

Disclaimer: यह जानकारी सामान्य जानकारी पर आधारित है। किसी भी लोन लेने या बीमा से संबंधित निर्णय से पहले संबंधित बैंक, वित्तीय सलाहकार या वेबसाइट से पूरी जानकारी अवश्य लें।

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