Medical Courses Without NEET: हर साल लाखों छात्र मेडिकल फील्ड में करियर बनाने का सपना लेकर NEET परीक्षा में बैठते हैं। लेकिन यह परीक्षा भारत की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में से एक मानी जाती है। कई छात्र इस परीक्षा में सफल नहीं हो पाते, और फिर उन्हें लगता है कि अब मेडिकल क्षेत्र में उनके लिए कोई रास्ता नहीं बचा है। लेकिन सच्चाई यह है कि मेडिकल फील्ड में करियर बनाने के लिए केवल MBBS या BDS जैसे कोर्स ही एकमात्र विकल्प नहीं हैं।
NEET के बिना भी ऐसे कई मेडिकल और पैरामेडिकल कोर्स मौजूद हैं, जिनसे न सिर्फ एक सम्मानजनक करियर बनाया जा सकता है बल्कि अच्छी सैलरी और विदेशों में नौकरी के अवसर भी मिल सकते हैं। इस लेख में हम आपको ऐसे 6 प्रमुख कोर्स के बारे में बताएंगे जिन्हें आप 12वीं के बाद NEET के बिना कर सकते हैं और मेडिकल फील्ड में सफल करियर बना सकते हैं।
1. बीएससी नर्सिंग (B.Sc Nursing)
नर्सिंग प्रोफेशन हेल्थ सेक्टर की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। नर्सों का कार्य केवल डॉक्टरों की सहायता तक सीमित नहीं होता, बल्कि वे मरीजों की देखभाल, दवाइयों का प्रबंधन और अस्पताल के रोजमर्रा के कार्यों में भी अहम भूमिका निभाती हैं।
काम करने की जगहें:
अस्पताल
क्लिनिक
नर्सिंग होम
रिहैब सेंटर
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र
सैलरी:
प्रारंभिक स्तर पर एक रजिस्टर्ड नर्स को ₹2.5 लाख से ₹6 लाख सालाना तक की सैलरी मिल सकती है। विदेशों में नर्सों की भारी मांग होती है और वहां सैलरी कई गुना अधिक हो सकती है।
2. बैचलर ऑफ फिजियोथेरेपी (BPT)
अगर आप मानव शरीर की गतिशीलता और इलाज में रुचि रखते हैं तो फिजियोथेरेपी एक बेहतरीन विकल्प है। फिजियोथेरेपिस्ट मरीजों को चोट, सर्जरी या बीमारी के बाद उनकी शारीरिक गतिविधियों को सुधारने में मदद करते हैं।
काम करने की जगहें:
अस्पताल
स्पोर्ट्स क्लिनिक
रिहैब सेंटर
स्कूल
निजी क्लिनिक
सैलरी:
शुरुआती स्तर पर एक फिजियोथेरेपिस्ट को ₹3 लाख से ₹5 लाख सालाना तक की सैलरी मिलती है। अनुभव और विशेषज्ञता के साथ सैलरी ₹10 लाख या उससे अधिक भी हो सकती है।
3. बैचलर ऑफ फार्मेसी (B.Pharm)
फार्मेसी सेक्टर में करियर बनाना चाहते हैं तो B.Pharm एक बेहतरीन विकल्प है। फार्मासिस्ट दवाओं की जानकारी, डोज, साइड इफेक्ट्स और उनके स्टोरेज से संबंधित काम करते हैं।
काम करने की जगहें:
अस्पताल
मेडिकल स्टोर
फार्मा कंपनियां
हेल्थकेयर सेंटर
सैलरी:
भारत में एक फार्मासिस्ट की शुरुआती सैलरी ₹4 लाख से ₹6 लाख सालाना होती है। स्पेशलाइजेशन और अनुभव बढ़ने पर यह सैलरी ₹10 लाख या उससे ज्यादा भी हो सकती है।
4. बैचलर ऑफ मेडिकल लैब टेक्नोलॉजी (BMLT)
यह कोर्स उन छात्रों के लिए उपयुक्त है जो डायग्नोस्टिक और लैब संबंधी काम में रुचि रखते हैं। BMLT कोर्स के जरिए आप मेडिकल टेस्ट और रिपोर्टिंग की जिम्मेदारी संभालते हैं, जो किसी भी डॉक्टर के लिए निदान का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
काम करने की जगहें:
डायग्नोस्टिक लैब
अस्पताल
क्लिनिक
रिसर्च सेंटर
फार्मा कंपनियां
सैलरी:
प्रारंभिक स्तर पर एक लैब टेक्नोलॉजिस्ट को ₹4.5 लाख से ₹6.5 लाख सालाना तक सैलरी मिल सकती है। अनुभव के साथ यह ₹10 लाख या उससे अधिक तक पहुंच सकती है।
5. साइकोलॉजी (BA/B.Sc/M.Sc in Psychology)
साइकोलॉजी एक उभरता हुआ और अत्यंत जरूरी क्षेत्र है। आज के समय में मानसिक स्वास्थ्य को भी शारीरिक स्वास्थ्य जितनी ही प्राथमिकता दी जाती है। साइकोलॉजिस्ट मानसिक समस्याओं का निदान और परामर्श देते हैं।
काम करने की जगहें:
अस्पताल
काउंसलिंग सेंटर
स्कूल व कॉलेज
NGO
निजी क्लिनिक
सैलरी:
भारत में एक साइकोलॉजिस्ट की सैलरी ₹5 लाख से ₹15 लाख सालाना तक हो सकती है। यदि आप क्लिनिकल साइकोलॉजी या काउंसलिंग में विशेषज्ञता हासिल करते हैं तो कमाई की संभावना और भी बढ़ जाती है।
6. बीएससी बायोटेक्नोलॉजी (B.Sc Biotechnology)
बायोटेक्नोलॉजी एक नवोन्मेषी और अनुसंधान आधारित फील्ड है। इसमें जीव विज्ञान और टेक्नोलॉजी के मेल से नई दवाइयां, वैक्सीन और कृषि उत्पाद तैयार किए जाते हैं। यह कोर्स रिसर्च में रुचि रखने वालों के लिए उपयुक्त है।
काम करने की जगहें:
रिसर्च लैब्स
फार्मा इंडस्ट्री
फूड इंडस्ट्री
हेल्थकेयर सेक्टर
एग्रीकल्चर कंपनियां
सैलरी:
एक बायोटेक्नोलॉजिस्ट की शुरुआत सैलरी ₹4.5 लाख से ₹7 लाख सालाना हो सकती है। अनुभव के साथ यह ₹15 लाख या उससे ज्यादा हो सकती है।
निष्कर्ष
अगर आप NEET पास नहीं कर पाए हैं या NEET में बैठना ही नहीं चाहते, तो इसका मतलब यह नहीं है कि मेडिकल फील्ड में आपके लिए कोई रास्ता नहीं बचा। ऊपर बताए गए कोर्सेज न सिर्फ मेडिकल सेक्टर में आपके करियर को नई दिशा देंगे बल्कि आपको अच्छी सैलरी और सम्मान भी दिलाएंगे।
सही कोर्स का चयन करके आप बिना किसी दबाव के एक मजबूत और स्थिर करियर बना सकते हैं। इन कोर्सेज की खास बात यह है कि ये इंडस्ट्री में डिमांडिंग हैं और इनमें आगे बढ़ने के अवसर भी अनगिनत हैं। इसलिए बिना देर किए, अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार कोर्स चुनें और मेडिकल फील्ड में अपने करियर की नई शुरुआत करें।