Monsoon 2025 India: भारत में गर्मी का मौसम इस समय चरम पर है। खासतौर पर उत्तर भारत के राज्य जैसे उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, पंजाब और दिल्ली-एनसीआर भीषण गर्मी और लू की चपेट में हैं। दिन का तापमान लगातार बढ़ रहा है और सामान्य से 4 से 5 डिग्री सेल्सियस अधिक रिकॉर्ड किया जा रहा है। मौसम विभाग (IMD) ने फिलहाल हीटवेव से राहत की कोई संभावना नहीं जताई है। ऐसे में लोगों की दिनचर्या बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
यह लेख आपको बताएगा कि मानसून की स्थिति क्या है, दक्षिण भारत में क्या हालात हैं, उत्तर भारत में कब पहुंचेगा मानसून, और इस मौसम में किन सावधानियों की आवश्यकता है।
उत्तर भारत में गर्मी का कहर
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में इस समय सूरज आग बरसा रहा है। दिल्ली, लखनऊ, पटना और जयपुर जैसे शहरों में तापमान 44 से 46 डिग्री सेल्सियस तक जा पहुंचा है। कई स्थानों पर हीटवेव (लू) का प्रकोप देखने को मिल रहा है। लोग दिन में बाहर निकलने से बच रहे हैं और छांव की तलाश कर रहे हैं।
यह स्थिति सिर्फ मैदानी इलाकों तक सीमित नहीं है। शिमला जैसे पहाड़ी इलाके, जो आमतौर पर अपने ठंडे मौसम के लिए जाने जाते हैं, वहां भी मई महीने में अब तक का सबसे गर्म दिन दर्ज किया गया है। स्थानीय लोग और पर्यटक इस अप्रत्याशित गर्मी से हैरान हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि डिहाइड्रेशन और लू लगने की समस्या खासकर बच्चों और बुजुर्गों में ज्यादा हो सकती है।
दक्षिण भारत में मानसून की आहट
जब उत्तर भारत तप रहा है, वहीं दक्षिण भारत में मानसून की दस्तक सुनाई देने लगी है। मौसम विभाग के अनुसार, केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक और महाराष्ट्र में अगले कुछ दिनों में भारी बारिश होने की संभावना है।
24 मई से अंडमान-निकोबार, केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक में भारी वर्षा की चेतावनी दी गई है। इसके साथ ही मुंबई और अन्य तटीय इलाकों में भी मूसलधार बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि इस बार केरल में मानसून समय से पहले, यानी 27 मई से कुछ दिन पहले ही पहुंच सकता है। ऐसा अनुमान समुद्री चक्रवात और कम दबाव के क्षेत्र के कारण लगाया जा रहा है।
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में मौसमी हलचल
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में इस समय कई मौसमी प्रणालियाँ सक्रिय हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इन इलाकों में चक्रवात बनने की संभावना है। यदि चक्रवात बनता है, तो इसका सीधा असर मानसून की गति और दिशा पर पड़ेगा।
इसका मतलब यह है कि पूर्वी भारत के राज्य जैसे ओडिशा, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में मानसून पहले पहुंच सकता है। यह किसानों और आम लोगों के लिए राहत भरी खबर हो सकती है, खासकर तब जब गर्मी का असर अपने चरम पर है।
उत्तर भारत में मानसून की संभावित तिथि
फिलहाल उत्तर भारत में गर्म और शुष्क हवाओं का असर बना रहेगा। हालांकि मौसम विभाग ने यह संकेत जरूर दिए हैं कि पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आने वाले कुछ दिनों में हल्के बादल छा सकते हैं और कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है।
जम्मू-कश्मीर और हिमालयी क्षेत्रों में भी हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई गई है। लेकिन उत्तर भारत में मुख्य मानसून के पहुंचने की संभावना जून के अंतिम सप्ताह के बाद ही बताई जा रही है।
इस मौसम में क्या सावधानियां बरतें?
गर्मी और मानसून दोनों ही समय ऐसे होते हैं जब शरीर पर अधिक दबाव पड़ता है। नीचे कुछ आसान से सुझाव दिए गए हैं, जिन्हें अपनाकर आप इस मौसम में खुद को सुरक्षित रख सकते हैं:
लू से बचाव: सिर को ढककर बाहर निकलें। छाते का उपयोग करें और हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें।
हाइड्रेशन: दिन में अधिक से अधिक पानी पीएं। नींबू पानी, नारियल पानी और फल का रस पिएं।
बच्चों और बुजुर्गों का ध्यान: ये वर्ग गर्मी से जल्दी प्रभावित होते हैं। उन्हें धूप में न निकलने दें।
मानसून में सावधानी: बारिश के दौरान खुले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी बनाएं। बिजली की सप्लाई में बदलाव से दुर्घटना हो सकती है।
बीमारियों से बचाव: मानसून के समय पानी जनित रोग बढ़ जाते हैं, इसलिए साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दें।
निष्कर्ष
India Monsoon 2025 को लेकर मौसम विभाग ने जो ताज़ा अपडेट दिए हैं, वे बेहद अहम हैं। जहां दक्षिण भारत में जल्द ही मानसून दस्तक दे रहा है, वहीं उत्तर भारत के लोग अब भी भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं।
हालांकि जून के अंत तक मानसून उत्तर भारत तक पहुंच जाएगा, तब तक लोगों को सावधानी बरतने की सख्त जरूरत है।
यह लेख मौसम विभाग की सूचना पर आधारित है और आम जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। मौसम से जुड़ी सटीक जानकारी के लिए मौसम विभाग की आधिकारिक वेबसाइट या नजदीकी मौसम केंद्र से संपर्क करें।
आप सभी से अनुरोध है कि इस भीषण गर्मी और मानसून की शुरुआत में सतर्क रहें और सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।