Advertisement

जून से सितंबर तक 106% बारिश का अनुमान, जानिए मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र पर क्या होगा असर Monsoon Forecast 2025

Monsoon Forecast 2025: देश में इस बार मानसून के मौसम को लेकर मौसम विभाग ने नया अनुमान जारी किया है। इसके अनुसार जून से सितंबर तक मानसून सामान्य से ज्यादा रहेगा और पूरे मौसम में लगभग 106% बारिश होने की संभावना है। यह अनुमान पिछले महीने जारी 105% बारिश के अनुमान से थोड़ा ज्यादा है। खास बात यह है कि जून महीने में भी सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है, जो 108% तक पहुंच सकती है। यानी इस दौरान लगभग 87 सेंटीमीटर से ज्यादा बारिश हो सकती है। इसे लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) कहा जाता है।


जून महीने में सामान्य से ज्यादा बारिश का अनुमान

भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने बताया है कि इस बार जून महीने में भी बारिश सामान्य से अधिक होगी। आमतौर पर जून में देश के कई हिस्सों में मानसून की शुरुआत होती है और इस बार यह अच्छी बारिश लाने की संभावना है। जून में 108% बारिश के आंकड़े से स्पष्ट होता है कि किसानों को इस साल सिंचाई के लिए काफी राहत मिलने वाली है। इससे फसलों की अच्छी पैदावार की उम्मीद की जा सकती है।


मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश

मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और आसपास के राज्यों में सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है। ये क्षेत्र मानसून के कोर जोन माने जाते हैं जहां की बारिश सीधे कृषि और जल संसाधनों पर प्रभाव डालती है। वहीं, पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है।

Also Read:
Agriculture Department Scholarship अब छात्राएं पा सकेंगी 25 से 40 हजार रुपये तक की छात्रवृत्ति, कृषि विभाग ने किया आवेदन शुरू Agriculture Department Scholarship

मध्य और दक्षिण भारत में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान है, जबकि उत्तर-पश्चिम भारत में बारिश सामान्य रहेगी। पूर्वोत्तर भारत में भी सामान्य से कम बारिश हो सकती है। यह जानकारी किसानों और स्थानीय प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण है ताकि वे सही समय पर तैयारियां कर सकें।


लॉन्ग पीरियड एवरेज (LPA) क्या है?

लॉग पीरियड एवरेज का मतलब होता है कि मौसम विभाग ने 1971 से 2020 की अवधि के दौरान दक्षिण-पश्चिम मानसून की औसत बारिश को आधार बनाया है। इस अवधि के आधार पर LPA 87 सेंटीमीटर (870 मिमी) तय की गई है। अगर किसी साल में बारिश 87 सेंटीमीटर से ज्यादा होती है तो इसे सामान्य से अधिक माना जाता है। वहीं यदि बारिश इससे कम हो तो इसे कमजोर मानसून कहा जाता है। इस बार बारिश 106% यानी सामान्य से काफ़ी ऊपर रहने का अनुमान है जो किसानों और आम जनता के लिए खुशखबरी है।


भारत फोरकास्ट सिस्टम (BFS) का शुभारंभ

इस मौसम के बेहतर पूर्वानुमान के लिए भारत सरकार ने नया एडवांस भारत फोरकास्ट सिस्टम (BFS) लॉन्च किया है। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस सिस्टम को देश को समर्पित किया। यह सिस्टम आपदा प्रबंधन, कृषि, जल प्रबंधन और सार्वजनिक सुरक्षा में पंचायत स्तर तक मदद करेगा।

Also Read:
Inverter Safety Tips घर में इस जगह भूलकर भी मत रखना इन्वर्टर, एक गलती आपको पड़ सकती है भारी Inverter Safety Tips

BFS सिस्टम मौसम का अनुमान पहले से कहीं ज्यादा सटीक और स्थानीय स्तर पर देगा। इसे पुणे के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेट्रोलॉजी (IITM) ने विकसित किया है। इस सिस्टम की खासियत यह है कि यह 6 किलोमीटर के छोटे क्षेत्र का भी मौसम पूर्वानुमान कर सकता है, जो दुनिया में सबसे उन्नत तकनीक है।

इससे छोटे तूफान, भारी बारिश जैसी घटनाओं का पूर्वानुमान अधिक सटीकता से किया जा सकेगा। इसके लिए नए सुपरकंप्यूटर ‘अर्का’ का इस्तेमाल होगा जो पिछले सुपरकंप्यूटर ‘प्रत्यूष’ से अधिक तेज है। इससे मौसम की जानकारी 4 घंटे में मिल जाएगी जबकि पहले इसमें 10 घंटे लगते थे। इसके अलावा BFS सिस्टम डॉप्लर रडार के जरिए मौसम की जानकारी इकट्ठा करता है और भविष्य में 100 रडार के साथ और बेहतर होगा।


मानसून के जल्दी आने की खास वजहें

इस बार मानसून सामान्य से जल्दी केरल पहुंच गया। यह 24 मई को आया, जो लगभग 8 दिन पहले था। ऐसा 16 साल बाद हुआ है। आमतौर पर मानसून 1 जून तक केरल पहुंचता है। मुंबई में भी मानसून 16 दिन पहले सक्रिय हो गया है, जो 1950 के बाद सबसे जल्दी है।

Also Read:
Airtel Laptop Scholarship Yojana 2025 Airtel की नई स्कॉलरशिप योजना से पाएं फ्री लैपटॉप, 2025 के लिए रजिस्ट्रेशन की शुरुआत हो गई Airtel Scholarship

मानसून के जल्दी आने की मुख्य वजह अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बढ़ी हुई नमी है। समुद्र का तापमान सामान्य से अधिक होने के कारण मानसूनी हवाएं तेज हो गई हैं। इसके अलावा पश्चिमी हवाओं और चक्रवातों की सक्रियता ने भी मानसून को जल्दी भारत की धरती पर पहुंचाने में मदद की है।

जलवायु परिवर्तन भी मानसून के पैटर्न में बदलाव का एक बड़ा कारण माना जा रहा है। इसलिए मानसून की गतिविधियां पहले की तुलना में अधिक अनियमित और तेज हो रही हैं।


मानसून का सामान्य समय और वापसी

दक्षिण-पश्चिम मानसून देश के ज्यादातर हिस्सों में जून के पहले सप्ताह से जून के अंत तक फैल जाता है। आमतौर पर मुंबई में मानसून 11 जून तक पहुंचता है और पूरे देश में यह लगभग 8 जुलाई तक सक्रिय हो जाता है। मानसून की वापसी उत्तर-पश्चिम भारत से सितंबर के मध्य में शुरू होती है और अक्टूबर के मध्य तक पूरी तरह खत्म हो जाती है।

Also Read:
E Shram Card Paymet ई-श्रम कार्ड की नई किस्त जारी, जानिए घर बैठे कैसे चेक करें अपना पेमेंट स्टेटस E Shram Card Paymet

निष्कर्ष

इस बार मानसून सामान्य से ज्यादा रहेगा और पूरे मौसम में 106% बारिश की संभावना है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा जैसे राज्यों में ज्यादा बारिश होगी, जबकि कुछ राज्यों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है। मानसून के जल्दी आने से किसानों को लाभ होगा और फसल उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद है। साथ ही नए भारत फोरकास्ट सिस्टम से मौसम का सटीक पूर्वानुमान मिलने से आपदा प्रबंधन में भी मदद मिलेगी।

मानसून की यह जानकारी आम जनता, किसानों और प्रशासन के लिए बेहद महत्वपूर्ण है ताकि वे अपने-अपने क्षेत्रों में उचित तैयारी कर सकें और मानसून के प्रभाव को बेहतर तरीके से समझ सकें।

Also Read:
Jio New Recharge Plans Jio यूज़र्स के लिए खुशखबरी, ₹48 में शुरू हुए 5 नए प्लान्स, जानें डेटा, कॉलिंग और एक्स्ट्रा फायदे Jio New Recharge Plans

Leave a Comment

सरकारी योजना, जॉब्स