Property Buying Tips: भारत में घर खरीदना एक बड़ा और महत्वपूर्ण फैसला होता है। कई लोग जीवन में पहली बार घर खरीदते समय कई तरह की मुश्किलों का सामना करते हैं। होम लोन लेना हो, या घर की रजिस्ट्री कराना, हर कदम पर चुनौतियां होती हैं। इसके अलावा, बिल्डर की ओर से प्रोजेक्ट में देरी, अलॉटमेंट कैंसिल करना या वादे पूरे न करना भी आम समस्याएं बन गई हैं। इन समस्याओं से बचाने के लिए सरकार ने 2016 में RERA (Real Estate Regulation and Development Act) नाम का कानून बनाया है। यह कानून होम बायर्स की सुरक्षा के लिए है और उनकी शिकायतों का समाधान करवाने में मदद करता है।
लेकिन कई बार ऐसा होता है कि खरीदारों की गलतियों की वजह से RERA भी उनकी मदद नहीं कर पाता। इसलिए घर खरीदते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद आवश्यक है। आइए जानें वे 6 बड़ी गलतियां, जिनसे बचना जरूरी है ताकि आप RERA की सुरक्षा का पूरा लाभ उठा सकें।
1. एकतरफा शर्तों वाले एग्रीमेंट पर साइन करना
अक्सर बिल्डर अपने फायदे के लिए ऐसे एग्रीमेंट में शर्तें डाल देते हैं, जो खरीददार के लिए नुकसानदायक होती हैं। इनमें बिल्डर को बिना किसी सूचित किए अलॉटमेंट कैंसिल करने या प्रोजेक्ट की योजना में बदलाव करने का अधिकार दे दिया जाता है। बहुत से लोग बिना समझे या बिना पढ़े ये दस्तावेज़ साइन कर देते हैं।
RERA ऐसे एकतरफा दस्तावेज़ों को मान्यता देता है और यदि भविष्य में कोई विवाद होता है तो ये दस्तावेज़ बिल्डर के पक्ष में साबित हो सकते हैं। इसलिए, किसी भी दस्तावेज़ पर साइन करने से पहले उसे ध्यान से पढ़ें और जरूरत पड़े तो कानूनी सलाह लें।
2. बुकिंग के समय कैश ट्रांजेक्शन करना
घर खरीदते समय कई बार स्टांप ड्यूटी बचाने के लिए कैश पेमेंट की जाती है। लेकिन यह एक बड़ा जोखिम होता है। कैश में भुगतान करने पर आपका पैसा रजिस्टर नहीं होता और जब आपको रिफंड या शिकायत के लिए दस्तावेज़ चाहिए होते हैं, तो यह ट्रांजेक्शन मान्य नहीं माना जाता।
RERA भी ऐसे कैश ट्रांजेक्शन को स्वीकार नहीं करता, जिससे खरीदार की शिकायत कमजोर पड़ जाती है। इसलिए, बुकिंग और बाकी सभी पेमेंट बैंक ट्रांसफर या चेक से करें ताकि पैसों का पूरा रिकॉर्ड मौजूद रहे।
3. समय पर पेमेंट न करना
घर खरीदने के दौरान पेमेंट की समय-सीमा का पालन करना बहुत जरूरी होता है। अगर खरीदार समय पर किश्तें या भुगतान नहीं करता है तो बिल्डर को देरी के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। कोर्ट के नियमों के अनुसार, जो खरीदार पेमेंट में देरी करता है, वह मुआवजे का हकदार भी नहीं होता।
इसलिए, घर खरीदते समय अपने बजट के अनुसार ही पेमेंट शेड्यूल बनाएं और समय से भुगतान करें ताकि भविष्य में कोई विवाद न हो।
4. बिना सोचे रिवाइज पजेशन डेट स्वीकार करना
कई बार बिल्डर पजेशन यानी मकान मिलने की तारीख में देरी करता है और नई तारीख के लिए खरीदार से सहमति लेता है। लेकिन यदि आप बिना कानूनी सलाह लिए नई तारीख स्वीकार कर लेते हैं तो आपके खिलाफ केस कमजोर पड़ सकता है।
इसका मतलब है कि आप बिल्डर द्वारा देरी को मान्यता दे चुके हैं, जिससे बाद में मुआवजे का दावा करना मुश्किल हो जाता है। इसलिए, पजेशन डेट में बदलाव को स्वीकार करने से पहले पूरी जानकारी लें और वकील से सलाह जरूर करें।
5. शिकायत दर्ज करने में देरी करना
RERA में शिकायत दर्ज कराने की कोई निश्चित समय सीमा नहीं है। लेकिन अगर आप बिल्डर के खिलाफ शिकायत करने में देरी करते हैं, तो आपकी याचिका को खारिज भी किया जा सकता है।
इसलिए, जब भी आपको लगे कि बिल्डर ने वादे पूरे नहीं किए, प्रोजेक्ट में देरी हो रही है या कोई अन्य समस्या है, तो तुरंत शिकायत दर्ज करें। देर करने से आपका केस कमजोर हो सकता है और न्याय पाने में कठिनाई हो सकती है।
6. Pre-EMI या Rental Return Schemes पर भरोसा करना
आजकल कई बिल्डर प्री-EMआई या रेंटल रिटर्न की योजना बनाकर खरीदारों को लुभाते हैं। वे वादा करते हैं कि प्रोजेक्ट तैयार होने से पहले या बाद में किराया या EMI का भुगतान भी करेंगे।
लेकिन RERA ऐसी योजनाओं को कानूनी मान्यता नहीं देता। ये प्राइवेट समझौते होते हैं और अगर बिल्डर पैसे देने से मना कर दे तो RERA के पास आपकी मदद करने का कोई अधिकार नहीं होता। इसलिए केवल बिल्डर के वादों पर भरोसा न करें, हर डॉक्यूमेंट को ध्यान से पढ़ें और समझें।
घर खरीदते समय क्या करें?
सभी दस्तावेज़ पढ़ें और समझें, बिना समझे कोई भी कागजात पर साइन न करें।
सभी भुगतान बैंक के माध्यम से करें ताकि रिकॉर्ड सुरक्षित रहे।
समय से पेमेंट करें और अपनी वित्तीय योजना पहले से बनाएं।
किसी भी बदलाव को कानूनी सलाह के बिना स्वीकार न करें।
प्रोजेक्ट की प्रगति पर नजर रखें और नियमित जानकारी लेते रहें।
अगर कोई समस्या हो तो तुरंत RERA या संबंधित अधिकारी से संपर्क करें।
निष्कर्ष
घर खरीदना जीवन का बड़ा निवेश होता है और इसके साथ कई तरह की जिम्मेदारियां भी आती हैं। भारत में RERA कानून ने होम बायर्स को मजबूत सुरक्षा दी है, लेकिन यह सुरक्षा तभी पूरी तरह काम करती है जब खरीदार अपनी जिम्मेदारी समझें और पूरी सावधानी से कदम उठाएं। उपरोक्त छह गलतियों से बचकर आप न केवल अपने निवेश को सुरक्षित रख सकते हैं बल्कि जरूरत पड़ने पर RERA की मदद भी पा सकते हैं। इसलिए घर खरीदने से पहले पूरी तैयारी करें और कानूनी सलाह जरूर लें ताकि आपका सपना पूरा हो और आप बिना किसी परेशानी के अपना घर हासिल कर सकें।