Rajasthan Storm Warning: राजस्थान में गर्मी और प्री-मॉनसून गतिविधियों का मिला-जुला असर दिखने लगा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने ताज़ा बुलेटिन जारी करते हुए राज्य के अलग-अलग इलाकों में दो विपरीत मौसम स्थितियों के लिए चेतावनी दी है। पूर्वी व दक्षिणी जिलों में आज आंधी के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है, जबकि पश्चिमी रेतीले ज़िलों में तेज लू का प्रकोप बना रह सकता है। आइए विस्तार से जानें किस जिले में कैसा रहेगा मौसम, तापमान के ताज़ा आँकड़े क्या कहते हैं, और आपको किन सावधानियों का पालन करना चाहिए।
किन जिलों में आंधी-बारिश का अलर्ट?
मौसम विभाग के अनुसार, बांसवाड़ा, बारां, भीलवाड़ा, बूंदी, चित्तौड़गढ़, डूंगरपुर, झालावाड़, कोटा और प्रतापगढ़—इन 9 जिलों में बादल छाने के साथ तेज हवा (30-50 किमी/घंटा) चलने और बिजली चमकने की संभावना है। स्थानीय रूप से तापमान में 2-3 डिग्री तक गिरावट आ सकती है।
बिजली गिरने का जोखिम: खुली जगहों, खेतों या ऊँचे पेड़ के नीचे खड़े होने से बचें।
तेज़ हवाएँ: कच्चे मकानों, पुराने पेड़ों और निर्माणाधीन ढाँचों के आसपास न रहें; वाहन सावधानी से चलाएँ।
कृषि पर असर: तेज़ हवा से खड़ी फसल और पॉलिहाउस को नुकसान हो सकता है; किसान फसलों को ढकने अथवा बँधाने का इंतज़ाम करें।
किन जिलों में लू चलने की आशंका?
पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर, हनुमानगढ़, जैसलमेर और श्रीगंगानगर जिलों में अधिकतम तापमान 45-46 °C तक पहुँच सकता है। आसमान साफ़ और नमी कम होने के कारण दोपहर में हीटवेव (लू) की स्थिति बन रही है।
बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए सलाह: 12 बजे से 4 बजे के बीच घर से न निकलें।
जल-संकट वाले क्षेत्र: पर्याप्त पानी पिएँ, ओआरएस घोल या छाछ‐नींबू पानी लें।
कामकाजी लोगों के लिए: सिर ढँक कर रखें, हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें, साथ में पानी की बोतल रखें।
20 जिलों में मौसम सामान्य
राजधानी जयपुर समेत लगभग 20 जिलों में आइंदा 24 घंटों के दौरान आसमान साफ़ या आंशिक बादलों वाला रह सकता है। हालांकि तापमान 42-44 °C के बीच बने रहने की संभावना है, इसलिए सामान्य-सी गर्मी से राहत की उम्मीद कम ही है।
तापमान का ताज़ा हाल: अधिकतम और न्यूनतम आंकड़े
जिला | अधिकतम (°C) | न्यूनतम (°C) |
---|---|---|
अजमेर | 41.9 | 28.9 |
अलवर | 43.6 | 29.6* |
जयपुर | 43.0 | 30.6 |
सीकर | 41.8 | 27.0 |
कोटा | 43.8 | 30.8 |
चित्तौड़गढ़ | 42.7 | 27.2 |
बाड़मेर | 44.4 | 30.5 |
जैसलमेर | 44.6 | 29.1 |
जोधपुर | 42.4 | 28.2 |
बीकानेर | 45.2 | 30.8 |
चूरू | 45.6 | 27.7 |
श्रीगंगानगर | 45.9 | 29.2 |
माउंट आबू | 31.0 | 19.0 |
*अलवर के न्यूनतम तापमान में सुधार: विभागीय आंकड़े के अनुसार 29.6 °C।
ऊपर के आँकड़े दर्शाते हैं कि पश्चिमी जिलों में अधिकतम तापमान 45 °C से ऊपर पहुँच चुका है, जो लू की स्थिति को पुख्ता करता है, जबकि माउंट आबू जैसी पर्वतीय जगहों पर मौसम अपेक्षाकृत सुहावना बना हुआ है।
क्यों होता है राजस्थान में ऐसा मौसमी विपर्यास?
भौगोलिक विविधता
अरावली श्रेणी पूर्व-पश्चिम में मौसम पर स्पष्ट विभाजन बनाती है।
अरावली के पूर्व व दक्षिण में नमी युक्त हवाएँ घुसती हैं, जिससे प्री-मॉनसून वर्षा होती है।
पश्चिम में खुले थार मरुस्थल की गरम, शुष्क हवाएँ लू की वजह बनती हैं।
प्री-मॉनसून ट्रफ
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आने वाली हवाएँ मध्य भारत में ट्रफ रेखा बनाती हैं।
ट्रफ के पास नमी संगठित होकर बादल बनाती है, जिससे बूंदाबांदी या धूलभरी आँधी आती है।
हीटडोम प्रभाव
खुले रेतीले इलाकों में दिनभर सूर्य-ताप जमा होता है। रात को तेजी से गर्मी निकलती नहीं, परिणामस्वरूप तापमान लगातार उच्च रहता है।
सावधानी ही सुरक्षा
आंधी-बारिश वाले इलाके
बिजली चमकते समय मोबाइल/धातु वस्तुएँ न रखें।
टू-व्हीलर पर हेलमेट के साथ रेनकोट भी रखें।
कच्चे मकान या जर्जर छत वाले घरों में अस्थायी मरम्मत करवाएँ।
लू प्रभावित क्षेत्र
प्रति घंटे कम से कम 200-250 मि.ली. पानी पिएँ।
तेज़ धूप में शराब, चाय-कॉफ़ी, मीठे कार्बोनेटेड ड्रिंक से बचें।
पशुओं के लिए भी छायादार स्थान और पानी की व्यवस्था करें।
किसानों के लिए विशेष सुझाव
स्थिति | फसल/पशु | उपाय |
---|---|---|
आंधी-बारिश | खरीफ पूर्व रोपाई | छाया जाल/नेट हाउस लगाएँ, टपक सिंचाई के पाइप सुरक्षित करें |
लू | गेहूँ भंडारण | अनाज को सांस लेने वाली बोरियों में भरकर ठंडे कमरे में रखें |
डेयरी पशु | भैंस/गाय | दोपहर बाद ठंडे पानी से स्नान कराएँ, गुनगुना गुड़‐पानी खिलाएँ |
लंबी अवधि का पूर्वानुमान
अगले 48 घंटे: पूर्वी राजस्थान में प्री-मॉनसून सक्रिय रह सकता है; पश्चिम में लू का दौर जारी।
एक सप्ताह: ट्रफ रेखा उत्तर की ओर सरकते ही बादल-वर्षा की गतिविधि घट सकती है, जबकि तापमान फिर बढ़ने की आशंका है।
मॉनसून प्रवेश: सामान्यतः जून के तीसरे सप्ताह तक दक्षिण-पूर्वी राजस्थान से मानसून दस्तक देता है; इसलिए तब तक गर्मी से राहत सीमित रहेगी।
निष्कर्ष
राजस्थान का मौसम इन दिनों चरित्र में दोराहे पर है—एक ओर आंधी-बारिश, दूसरी ओर चटकती लू। यदि आप बांसवाड़ा से कोटा के मध्य पट्टी में रहते हैं, तो बादल-बिजली से सावधान रहें; और यदि आप जैसलमेर या बीकानेर क्षेत्र के निवासी हैं, तो लू से बचाव को अपनी प्राथमिकता बनाएं। मौसम विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन कर आप न सिर्फ स्वयं को बल्कि अपने परिवार, पशु-पक्षी और फसलों को भी सुरक्षित रख सकते हैं। याद रखें, बदलते मौसम में सावधानी ही सबसे अच्छी तैयारी है।