Ration Card Update: मध्य प्रदेश में राशन वितरण व्यवस्था में बड़े बदलाव होने जा रहे हैं। राज्य सरकार ने घोषणा की है कि 1 जून 2025 से ‘स्मार्ट पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम’ (Smart PDS) को लागू किया जाएगा। यह नया सिस्टम राशन वितरण प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल और पारदर्शी बनाने के लिए बनाया गया है। हालांकि यह सिस्टम पहले 1 मई से लागू होना था, लेकिन ई-केवाईसी (e-KYC) प्रक्रिया पूरी न होने के कारण इसे एक महीने के लिए टाल दिया गया है।
इस बदलाव के साथ ही राज्य में राशन लेने वाले लाखों परिवारों की राशन संबंधी व्यवस्था पर सीधा असर पड़ेगा। आइए जानते हैं इस नए सिस्टम के बारे में विस्तार से और समझें कि इससे जनता को क्या-क्या फायदे और नुकसान हो सकते हैं।
स्मार्ट पीडीएस का उद्देश्य और महत्व
स्मार्ट पब्लिक डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम का मुख्य उद्देश्य राशन वितरण को पारदर्शी, प्रभावी और जवाबदेह बनाना है। इस सिस्टम के जरिए केंद्र सरकार सीधे खाद्यान्न वितरण की निगरानी कर सकेगी, जिससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राशन सही और पात्र लाभार्थियों तक पहुंचे। इसके अलावा, राज्य सरकारों के बीच नियमों में एकरूपता लाई जाएगी ताकि सभी राज्यों में राशन वितरण के नियम समान हों और किसी भी प्रकार की मनमानी से बचा जा सके।
इस सिस्टम के लागू होने से फर्जी राशन कार्ड धारकों और अपात्र लाभार्थियों को पहचान कर सिस्टम से बाहर किया जा सकेगा, जिससे असली जरूरतमंदों को ही लाभ मिले। स्मार्ट पीडीएस डिजिटल तकनीक का उपयोग करके राशन वितरण व्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास है।
ई-केवाईसी प्रक्रिया: आधार पर पहचान
इस नए सिस्टम का एक अहम हिस्सा है ई-केवाईसी प्रक्रिया, जिसमें प्रत्येक राशन कार्ड धारक की आधार आधारित पहचान की जाती है। अब तक मध्य प्रदेश में लगभग 87 प्रतिशत राशनकार्डधारकों की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है। बाकी 13 प्रतिशत लोगों के डेटा को 31 मई 2025 तक अपडेट करने का लक्ष्य रखा गया है। सरकार ने साफ कर दिया है कि 31 मई के बाद जिन लोगों की ई-केवाईसी पूरी नहीं होगी, उन्हें सिस्टम से बाहर कर दिया जाएगा, यानी उन्हें राशन वितरण सेवा से वंचित कर दिया जाएगा।
इसलिए सभी राशनकार्डधारकों के लिए जरूरी है कि वे अपनी ई-केवाईसी प्रक्रिया समय पर पूरी कर लें ताकि राशन वितरण में कोई बाधा न आए।
एपीएल परिवारों के लिए बड़ा बदलाव
मध्य प्रदेश में अब तक कई एपीएल (Above Poverty Line) श्रेणी के परिवारों को राज्य सरकार ने राशन दिया था। परंतु स्मार्ट पीडीएस लागू होने के बाद केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार ही राशन वितरण करना होगा। इसका मतलब है कि एपीएल परिवार अब राशन वितरण प्रणाली में शामिल नहीं होंगे, या उन्हें राशन नहीं मिलेगा। इससे राज्य स्तर पर मनमाने नियम लागू करने की छूट खत्म हो जाएगी।
यह बदलाव सीधे तौर पर लाखों परिवारों को प्रभावित करेगा, जिनका राशन लेने का अधिकार अब सीमित हो जाएगा। इसलिए जो परिवार एपीएल श्रेणी में आते हैं, उन्हें अपनी स्थिति को समझना और जरूरत पड़ने पर संबंधित अधिकारियों से जानकारी लेना जरूरी है।
‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना का सशक्त कदम
स्मार्ट पीडीएस प्रणाली, पहले से चल रही ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ (ONORC) योजना को और मजबूत करेगी। इस योजना के तहत पात्र उपभोक्ता देश के किसी भी राज्य से राशन प्राप्त कर सकते हैं। स्मार्ट पीडीएस के माध्यम से यह सुनिश्चित होगा कि राशन केवल असली और पात्र लोगों तक पहुंचे। इस डिजिटल व्यवस्था से राशन वितरण में पारदर्शिता बढ़ेगी और लाभार्थियों को परेशानी से बचाया जा सकेगा।
लाभ और जिम्मेदारी दोनों बढ़ेंगी
नई व्यवस्था से जहां पात्र परिवारों को समय पर और सही मात्रा में राशन मिलने की संभावना बढ़ेगी, वहीं नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। इस डिजिटल निगरानी प्रणाली से राशन वितरण में घोटाले और भ्रष्टाचार की गुंजाइश काफी हद तक कम हो जाएगी। सरकार के लिए भी यह व्यवस्था पारदर्शी और ट्रैक करने योग्य होगी जिससे समग्र राशन वितरण प्रणाली मजबूत बनेगी।
राशन वितरण में पारदर्शिता के साथ आने वाली चुनौतियां
हालांकि स्मार्ट पीडीएस एक बेहतर पहल है, लेकिन इससे जुड़ी कुछ चुनौतियां भी सामने आ सकती हैं। सबसे बड़ी चुनौती है ई-केवाईसी प्रक्रिया पूरी न कर पाने वाले गरीब और पिछड़े परिवारों को पहचानना और उनकी मदद करना ताकि वे राशन वितरण से वंचित न हों। कई ऐसे परिवार भी हो सकते हैं जिनके पास आधार या अन्य जरूरी दस्तावेज न हों। ऐसे लोगों के लिए सरकार को विशेष प्रावधान करने होंगे ताकि वे राशन लेने से बाहर न रह जाएं।
इसके अलावा, तकनीकी समस्याएं, इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी और डिजिटल साक्षरता की कमी भी एक बड़ी बाधा हो सकती है। इसीलिए सरकार और संबंधित विभागों को मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि हर जरूरतमंद तक राशन पहुंचे और किसी को भी भूखा न रहना पड़े।
अंतिम शब्द
मध्य प्रदेश में 1 जून 2025 से लागू होने वाला स्मार्ट पीडीएस सिस्टम राशन वितरण की प्रणाली में एक बड़ा बदलाव लेकर आएगा। यह बदलाव पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देगा, जिससे असली जरूरतमंदों को सही समय पर राशन मिल सकेगा। लेकिन इसके लिए हर राशन कार्डधारक को अपनी ई-केवाईसी पूरी करानी होगी। साथ ही राज्य सरकार को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी गरीब या वंचित परिवार राशन वितरण से बाहर न रह जाए।
इस नई व्यवस्था से जहां लाभार्थियों के अधिकार मजबूत होंगे, वहीं जिम्मेदारियां भी बढ़ेंगी। इसलिए सभी संबंधितों को इस बदलाव के लिए पूरी तैयारी करनी होगी ताकि मध्य प्रदेश में खाद्यान्न वितरण की प्रक्रिया और भी बेहतर और पारदर्शी बन सके।
यह समय है बदलाव को समझने और अपनाने का, ताकि गरीब और जरूरतमंदों तक उनका हक़ सही तरीके से पहुंचे और भूखमरी जैसी समस्याएं दूर हो सकें।