School Holiday Update: उत्तर भारत में इस समय भीषण गर्मी का प्रकोप अपने चरम पर है। तेज़ धूप, लू और गर्म हवाओं ने आम जनजीवन को खासा प्रभावित कर दिया है। इसी को देखते हुए हरियाणा सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। राज्य के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को आगामी 30 दिनों तक के लिए बंद रखने का आदेश दिया गया है। यह आदेश छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के लिए राहत लेकर आया है।
गर्मियों की छुट्टियों की यह घोषणा छात्रों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए की गई है। खासकर छोटे बच्चों के लिए यह निर्णय बेहद आवश्यक था क्योंकि तेज गर्मी में स्कूल जाना उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है।
1 जून से 30 जून तक रहेंगे स्कूल बंद
हरियाणा शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, राज्य के सभी स्कूल 1 जून 2025 से 30 जून 2025 तक पूरी तरह बंद रहेंगे। इस दौरान किसी भी तरह की कक्षा, परीक्षा या अन्य शैक्षणिक गतिविधि नहीं कराई जाएगी। स्कूलों में न तो छात्रों की उपस्थिति अनिवार्य होगी और न ही कोई शिक्षक या स्टाफ सदस्य बुलाया जाएगा।
इन छुट्टियों के दौरान स्कूल परिसर भी बंद रहेगा, जिससे स्कूल स्टाफ को भी गर्मी में राहत मिलेगी। स्कूल अब सीधे 1 जुलाई 2025 को पुनः खुलेंगे और उसी दिन से नियमित कक्षाएं आरंभ की जाएंगी।
उपायुक्तों को मिली छुट्टियां बढ़ाने की छूट
गर्मी का असर हर जिले में अलग-अलग होता है। कुछ जिलों में तापमान बेहद अधिक होता है तो कुछ में अपेक्षाकृत कम। इस अंतर को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने जिला उपायुक्तों को यह अधिकार दिया है कि वे स्थानीय मौसम की स्थिति के अनुसार गर्मियों की छुट्टियां और भी आगे बढ़ा सकते हैं।
यदि किसी जिले में जून के अंत तक भी तापमान असहनीय बना रहता है, तो वहां के उपायुक्त स्थानीय हालात के आधार पर छुट्टियों को आगे बढ़ाने का निर्णय ले सकते हैं। इस लचीलेपन का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी छात्र की सेहत को जोखिम में न डाला जाए।
बच्चों की सेहत को देखते हुए लिया गया है यह फैसला
गर्मी में बच्चों को स्कूल भेजना बेहद चुनौतीपूर्ण हो सकता है। लू, डिहाइड्रेशन, चक्कर आना, सिर दर्द और थकावट जैसी समस्याएं छोटे बच्चों में बहुत आम हो जाती हैं। खासकर प्राथमिक कक्षाओं के छात्र इन परेशानियों से जल्दी ग्रस्त हो सकते हैं।
इन्हीं कारणों को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया है कि बच्चों को चिलचिलाती धूप में स्कूल न भेजा जाए और उन्हें घर पर ही सुरक्षित और आरामदायक वातावरण में रहने दिया जाए। यह न केवल बच्चों के स्वास्थ्य के लिए सही है, बल्कि अभिभावकों के लिए भी एक राहत भरा कदम है।
अभिभावकों को भी मिली राहत
गर्मियों की छुट्टियों का ऐलान अभिभावकों के लिए भी एक सुकून की खबर है। बच्चों को अत्यधिक गर्मी में स्कूल भेजना हर माता-पिता के लिए चिंता का विषय होता है। अब जबकि सरकार ने छुट्टियों की घोषणा कर दी है, तो अभिभावकों को बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता नहीं करनी पड़ेगी।
इस समय का उपयोग परिवार एक साथ समय बिताने के लिए कर सकते हैं। कई माता-पिता इस अवसर पर बच्चों को विभिन्न रचनात्मक गतिविधियों में शामिल करा सकते हैं, जैसे कि पेंटिंग, किताबें पढ़ना, योग, खेल-कूद आदि। साथ ही गर्मियों में परिवार के साथ छुट्टियों की योजना बनाना भी अब आसान हो जाएगा।
छात्रों के लिए स्व-विकास का सुनहरा मौका
छात्रों के लिए भी यह छुट्टी एक अवसर की तरह है। इस दौरान वे अपनी पढ़ाई के साथ-साथ नए कौशल सीख सकते हैं। कई छात्र छुट्टियों के समय को रिवीजन, प्रोजेक्ट्स या नई किताबें पढ़ने में उपयोग करते हैं।
इसके अलावा, गर्मियों की छुट्टियां छात्रों की रचनात्मकता को बढ़ावा देने का भी समय होती हैं। वे पेंटिंग, म्यूजिक, डांस, कंप्यूटर स्किल्स, लेखन आदि गतिविधियों में भाग ले सकते हैं, जो उनकी सम्पूर्ण व्यक्तित्व विकास में मददगार होती हैं।
निष्कर्ष
हरियाणा सरकार द्वारा 1 जून से 30 जून 2025 तक स्कूल बंद रखने का निर्णय बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को प्राथमिकता देने वाला कदम है। यह फैसला यह सुनिश्चित करता है कि भीषण गर्मी में बच्चों को किसी प्रकार की स्वास्थ्य समस्या का सामना न करना पड़े।
उपायुक्तों को छुट्टियां बढ़ाने की छूट देना यह दर्शाता है कि सरकार स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार लचीला रवैया अपनाने को तैयार है।
इस निर्णय से छात्र, अभिभावक और शिक्षक—तीनों ही राहत महसूस कर रहे हैं। अब समय है कि इन गर्मियों की छुट्टियों का सदुपयोग किया जाए—सीखने, खेलने और परिवार के साथ खुशियों भरे पल बिताने के लिए।
अतः यह कहना गलत नहीं होगा कि यह फैसला शिक्षा से कहीं ज्यादा छात्रों के स्वास्थ्य और समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए लिया गया है, जो कि एक स्वागत योग्य कदम है।