School Summer Holidays 2025: गर्मी की छुट्टियां सभी छात्रों के लिए आराम और मौज-मस्ती का समय होती हैं। लेकिन राज्य सरकार ने इस बार इस छुट्टी को पढ़ाई और सुधार के लिए भी उपयोगी बनाने का निर्णय लिया है। सरकार ने घोषणा की है कि सरकारी स्कूलों में गर्मी की छुट्टियां 2 जून से 21 जून 2025 तक रहेंगी। यह तय समय सीमा छात्रों के लिए आराम के साथ-साथ नए सत्र की तैयारी का भी अवसर देगी।
लेकिन छुट्टियों के दौरान सिर्फ आराम नहीं, बल्कि खासतौर पर उन बच्चों के लिए जो गणित में कमजोर हैं, विशेष ध्यान दिया जाएगा। कक्षा 5वीं और 6वीं के गणित में कमजोर पाए गए विद्यार्थियों के लिए एक विशेष ‘गणितीय समर कैंप’ का आयोजन किया जाएगा। यह पहल शिक्षा सत्र 2025-26 के तहत शुरू की जा रही है, जिसका मकसद बच्चों की गणितीय समझ और सोच को मजबूती प्रदान करना है।
गणित में कमजोर बच्चों के लिए फोकस्ड समर कैंप
गणित में कमजोर बच्चे कई बार आगे की पढ़ाई में पिछड़ जाते हैं। इसलिए इस समर कैंप में मुख्य रूप से प्राथमिक विद्यालयों में पढ़ने वाले ऐसे बच्चों को शामिल किया जाएगा, जिन्हें गणित विषय में विशेष सहायता की जरूरत है। इस कैंप का उद्देश्य बच्चों की गणना करने की क्षमता, गणितीय तर्क और समझ को बढ़ावा देना है ताकि वे अपनी पढ़ाई में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
समर कैंप गांव और टोल स्तर पर
सरकार ने इस पहल को सफल बनाने के लिए समर कैंप का आयोजन गांव और टोल के स्तर पर करने का निर्णय लिया है। इससे यह फायदा होगा कि बच्चे अपने घर के नजदीक ही इस शिक्षण कार्यक्रम में भाग ले सकेंगे और उन्हें दूर जाकर पढ़ाई के लिए मेहनत नहीं करनी पड़ेगी। यह तरीका बच्चों और उनके अभिभावकों के लिए सुविधाजनक होगा।
इस समर कैंप को ‘प्रथम संस्था’ के सहयोग से चलाया जाएगा, जो कि क्षेत्रीय स्तर पर सक्रिय एक गैर-सरकारी संगठन है। यह संस्था बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए समर्पित है और इस प्रयास से वे बच्चों को बेहतर शिक्षा देने में मदद करेंगे।
कौन देंगे बच्चों को प्रशिक्षण?
समर कैंप में गणित की पढ़ाई विशेष रूप से उन छात्रों द्वारा कराई जाएगी जो इंजीनियरिंग और तकनीकी शिक्षा में अध्ययनरत हैं। इसके अलावा इस अभियान में कई स्वयंसेवक और सामाजिक कार्यकर्ता भी सक्रिय रूप से हिस्सा लेंगे। इनमें शामिल होंगे:
डायट (DIET) प्रशिक्षु
बिहार कौशल विकास मिशन के तहत कुशल युवा
एनसीसी कैडेट
शिक्षा सेवक
पॉलिटेक्निक और इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र
जीविका दीदी द्वारा प्रेरित युवक-युवतियां
नेहरू युवा केंद्र के सदस्य
प्रथम संस्था और अन्य स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्यकर्ता
समस्त स्वयंसेवकों को एक विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वे बच्चों को पढ़ाने के लिए पूरी तरह सक्षम बन सकें। यह प्रशिक्षण बच्चों की जरूरतों के अनुसार होगा जिससे वे प्रभावी और रुचिपूर्ण तरीके से गणित पढ़ा सकें।
समर कैंप के दो सत्र होंगे – सुबह और शाम
बच्चों की सुविधा का पूरा ध्यान रखते हुए, समर कैंप सुबह और शाम के दो सत्रों में आयोजित किया जाएगा। सुबह का सत्र सुबह 7 बजे से 9 बजे तक और शाम का सत्र शाम 5 बजे से 7 बजे तक चलेगा। यह समय इसलिए चुना गया है ताकि बच्चों को गर्मी से बचाने के साथ-साथ उनकी दैनिक गतिविधियों को भी ध्यान में रखा जा सके।
इस तरह बच्चों को पढ़ाई और आराम के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी। इसके अलावा सुबह-शाम के सत्रों में पढ़ाई करने से बच्चे ताजा और सक्रिय रहते हैं, जिससे सीखने की क्षमता बेहतर होती है।
बच्चों का चयन ASER टूल्स के माध्यम से
बच्चों का चयन Annual Status of Education Report (ASER) टूल्स की मदद से किया जाएगा। इस रिपोर्ट की मदद से यह पता लगाया जाएगा कि किन बच्चों को गणित में विशेष सहायता की जरूरत है। चयनित बच्चों को प्रतिदिन 1 से 1.5 घंटे का विशेष गणित प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह प्रशिक्षण गांव और टोल के स्तर पर जाकर बच्चों को उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे सभी बच्चे आसानी से इसका लाभ उठा सकें।
हर समर कैंप में 10 से 15 बच्चे शामिल
प्रत्येक समर कैंप में केवल 10 से 15 बच्चों को शामिल किया जाएगा। छोटे समूहों में पढ़ाई करने से शिक्षकों को हर बच्चे पर ध्यान देने का मौका मिलेगा और बच्चे अधिक प्रभावी तरीके से सीख पाएंगे। समूह छोटे होने से बच्चे अपनी शंकाएं खुलकर व्यक्त कर सकते हैं और शिक्षक भी उनकी समस्याओं को बेहतर समझ सकते हैं।
सफल समर कैंप के लिए जारी किए गए निर्देश
प्राथमिक शिक्षा निदेशक ने इस समर कैंप की सफलता सुनिश्चित करने के लिए सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों (डीईओ और डीपीओ) को निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों में स्वयंसेवकों की संख्या अधिक रखने की बात कही गई है ताकि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके।
इसके साथ ही कैंप के संचालन और गुणवत्ता की नियमित समीक्षा भी की जाएगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बच्चों को बेहतर परिणाम मिल रहे हैं और वे गणित में अपनी कमजोरियों को दूर कर पा रहे हैं।
समर कैंप की महत्ता और भविष्य
यह समर कैंप न केवल गणित में कमजोर बच्चों को मदद देगा, बल्कि उनकी पढ़ाई के प्रति रुचि भी बढ़ाएगा। इससे बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ेगा और वे आगामी कक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे।
छुट्टियों के समय पढ़ाई का यह खास प्रोग्राम बच्चों के शैक्षिक विकास में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। भविष्य में इस तरह की पहल अन्य विषयों में भी शुरू की जा सकती है जिससे समग्र रूप से बच्चों की शिक्षा बेहतर हो सके।
निष्कर्ष
राज्य सरकार की यह योजना बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए एक सकारात्मक पहल है। गर्मी की छुट्टियों को सिर्फ आराम का समय मानने के बजाय इसे सीखने और सुधार का अवसर बनाना इस योजना की खासियत है। सरकारी स्कूलों के छात्र, खासतौर पर जो गणित में कमजोर हैं, उन्हें इस समर कैंप से विशेष लाभ मिलेगा।
गांव-टोल स्तर पर चलने वाले यह कैंप बच्चों को उनके घर के करीब ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का अवसर देगा। इससे न केवल बच्चों की गणितीय समझ मजबूत होगी बल्कि वे पढ़ाई में आत्मनिर्भर भी बनेंगे।
इस प्रकार, यह समर कैंप बच्चों की शिक्षा में सुधार और उनकी प्रतिभा को निखारने का एक महत्वपूर्ण मंच साबित होगा। सभी अभिभावकों और शिक्षकों को चाहिए कि वे इस योजना का समर्थन करें और बच्चों को इस मौके का पूरा फायदा उठाने के लिए प्रेरित करें।