Advertisement

समय से पहले घोषित हुई छुट्टियां, बच्चों के स्कूल 52 दिन रहेंगे बंद – पैरेंट्स के लिए जरूरी जानकारी School Summer Vacation

School Summer Vacation: छत्तीसगढ़ के बच्चों के लिए इस बार की गर्मी कुछ राहत लेकर आई है। राज्य में भीषण गर्मी और लगातार बढ़ते तापमान को देखते हुए शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों में समय से पहले गर्मी की छुट्टियां घोषित कर दी हैं। अब प्रदेश के सभी सरकारी और निजी स्कूल 25 अप्रैल से 15 जून 2025 तक बंद रहेंगे। यानी बच्चों को कुल 52 दिनों की लंबी छुट्टियां मिलेंगी। यह फैसला बच्चों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

तापमान 44 डिग्री के पार, बच्चों की सेहत बनी प्राथमिकता

प्रदेश के कई हिस्सों में तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका है। अप्रैल के महीने में ही लू जैसी स्थिति बन गई है, जिससे बच्चों की तबीयत बिगड़ने का खतरा बढ़ गया है। शिक्षा विभाग ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए पहले से तय गर्मी की छुट्टियों की तारीख में बदलाव करते हुए इसे 25 अप्रैल से लागू कर दिया है। आमतौर पर छुट्टियां मई महीने के मध्य में शुरू होती हैं, लेकिन इस बार मौसम की मार को देखते हुए समय से पहले स्कूलों को बंद कर दिया गया है।

सभी स्कूलों पर लागू होगा आदेश

शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश के अनुसार, यह फैसला प्रदेश के सभी शासकीय, अनुदान प्राप्त, गैर-अनुदान प्राप्त और अशासकीय स्कूलों पर समान रूप से लागू होगा। हालांकि यह आदेश सिर्फ छात्रों के लिए है। शिक्षकों के लिए पहले से जारी विभागीय आदेश ही लागू रहेंगे। यानी शिक्षकों को छुट्टियों के दौरान विद्यालयीन कार्यों से जुड़े अन्य कार्यों में उपस्थित रहना पड़ सकता है।

Also Read:
UPI New Rules 2025 1 अगस्त से बदल जाएंगे UPI के नियम, जानिए किन यूजर्स को होगी ज्यादा परेशानी UPI New Rules 2025

समर क्लास और कैंप्स पर रोक

शुरुआत में शिक्षा विभाग की योजना थी कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान समर क्लासेस और कैंप्स का आयोजन किया जाएगा। इसका उद्देश्य छात्रों को पिछली पढ़ाई की पुनरावृत्ति कराने और नए सत्र की तैयारी करवाने का था। साथ ही इन गतिविधियों से छात्रों के नेतृत्व कौशल, आत्मविश्वास और रचनात्मकता को भी बढ़ावा देने की योजना थी। लेकिन जैसे-जैसे गर्मी तेज होती गई और लू की स्थिति बनी, वैसे-वैसे इन योजनाओं को लेकर विरोध भी बढ़ता गया।

अभिभावकों और शिक्षकों का विरोध आया सामने

समर क्लासेस को लेकर सबसे पहले विरोध अभिभावकों और शिक्षक संगठनों की ओर से देखने को मिला। उनका कहना था कि इतनी तेज गर्मी में बच्चों को स्कूल बुलाना खतरनाक हो सकता है। खासकर छोटे बच्चों के लिए यह मौसम स्वास्थ्य के लिहाज से बहुत ही घातक हो सकता है। अभिभावकों का यह भी कहना था कि बच्चों को इस मौसम में धूप में बाहर निकालना किसी भी सूरत में सही नहीं है। इन सभी आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग ने समर क्लासेस और समर कैंप्स पर रोक लगाने का निर्णय लिया।

बच्चों के स्वास्थ्य को सर्वोपरि मानकर लिया गया निर्णय

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि इस निर्णय का मुख्य उद्देश्य बच्चों के स्वास्थ्य की सुरक्षा है। मौजूदा हालात में जब तापमान असामान्य रूप से बढ़ रहा है, ऐसे में स्कूल चलाना बच्चों की सेहत पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। गर्मी में अधिक देर तक धूप में रहने से बच्चों को हीट स्ट्रोक, डिहाइड्रेशन और अन्य बीमारियों का खतरा रहता है। इसलिए यह फैसला एक जिम्मेदार और संवेदनशील प्रशासनिक कदम के रूप में लिया गया है।

Also Read:
CTET Exam Cancel जुलाई CTET 2025 को लेकर बड़ी खबर: परीक्षा रद्द होने की अटकलों से छात्रों में हड़कंप CTET Exam Cancel

क्या कहते हैं विशेषज्ञ

चिकित्सकों और बाल रोग विशेषज्ञों का भी कहना है कि बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बड़ों की तुलना में कम होती है। ऐसे में अधिक तापमान में उन्हें स्कूल भेजना जोखिम भरा हो सकता है। डॉक्टरों के अनुसार, इस मौसम में बच्चों को हल्का भोजन, अधिक मात्रा में पानी और घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है। विशेषज्ञों ने भी सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है और इसे बच्चों की सेहत के लिए जरूरी कदम बताया है।

समर वेकेशन में क्या करें बच्चे

लंबी छुट्टियों के दौरान बच्चे अपनी पढ़ाई की पुनरावृत्ति के साथ-साथ किताबें पढ़ सकते हैं, नई चीजें सीख सकते हैं और शौक पूरे कर सकते हैं। माता-पिता को भी चाहिए कि वे बच्चों को घर में सुरक्षित माहौल में रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ें। टीवी और मोबाइल से दूर रखकर बच्चों को पेंटिंग, कहानियां, इनडोर गेम्स आदि में शामिल किया जा सकता है।

निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ सरकार का यह फैसला निश्चित ही स्वागत योग्य है। समय से पहले छुट्टियां घोषित करके शिक्षा विभाग ने यह साबित किया है कि छात्रों की सुरक्षा और स्वास्थ्य उसकी पहली प्राथमिकता है। यह निर्णय न केवल एक संवेदनशील प्रशासनिक कदम है, बल्कि एक जागरूक समाज के निर्माण की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। उम्मीद है कि इस फैसले से अन्य राज्यों को भी प्रेरणा मिलेगी और वे भी बच्चों की भलाई के लिए ठोस कदम उठाएंगे।

Also Read:
IMD Heavy Rain Alert IMD ने जारी किया भारी बारिश और आंधी का अलर्ट, अगले तीन दिनों तक इन इलाकों में रहेगा खराब मौसम IMD Heavy Rain Alert

Leave a Comment

सरकारी योजना, जॉब्स