School Summer Vacation 2025: राजस्थान के सरकारी विद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन करने वाले लाखों विद्यार्थियों के लिए यह गर्मी का मौसम खास साबित होने जा रहा है। शिक्षा विभाग ने करीब चौदह वर्ष बाद फिर से पूरा डेढ़ महीने (45 दिन) का लम्बा ग्रीष्मावकाश घोषित किया है। आज, शनिवार से सभी स्कूल बन्द हो गये हैं और अब वे 1 जुलाई 2025 को पुनः खुलेंगे। उसी दिन शैक्षणिक सत्र 2025-26 की औपचारिक शुरुआत भी होगी। आइए विस्तार से समझते हैं कि लम्बे अवकाश का इतिहास, कारण, छात्रों व अभिभावकों पर पड़ने वाला असर और शैक्षणिक व्यवस्थाओं पर इसका क्या प्रभाव रहने वाला है।
लम्बे अवकाश का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य
राजस्थान में 2010 से पहले तक हर वर्ष मई-जून में 40-45 दिन की छुट्टियाँ सामान्य बात थी, क्योंकि राज्य का तापमान प्रायः 45 डिग्री सेल्सियस के पार पहुँच जाता है। मगर पिछली एक-दशक में प्रशासनिक कारणों और शैक्षणिक कैलेंडर के दबाव के कारण अवकाश घटाकर 30-32 दिन कर दिया गया। यहाँ तक कि कई वर्षों में 26 जून तक स्कूल खोल दिये गये और बीच में 21 जून—अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर विद्यालय कुछ घण्टों के लिए खोले जाने का निर्देश भी जारी होता रहा, जिससे छुट्टी का सिलसिला टूटा-फूटा-सा महसूस होता था।
वर्ष 2025 में बढ़ती गर्मी, हीटवेव और विद्यार्थियों-शिक्षकों की माँग देखते हुए विभाग ने पुनः 45 दिन का अवकाश बहाल किया है, जो लगभग 14 साल बाद की वापसी मानी जा रही है।
अवकाश से ठीक पहले हुए प्रमुख कार्य
1. परीक्षा परिणामों की घोषणा
शुक्रवार को अर्थात सत्र के अंतिम दिन, माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की मुख्य परीक्षाओं के अतिरिक्त कक्षा 1-4, 6-7, 9 तथा 11 के नतीजे भी जारी किये गये। इससे अभिभावकों को पूर्ण तस्वीर मिल गयी कि अगले सत्र में बच्चों के प्रदर्शन को कैसे सुधारना है।
2. ‘मेगा पीटीएम’ का आयोजन
परिणाम वितरण के साथ-साथ सभी स्कूलों ने मेगा पालक-शिक्षक बैठक रखी। बड़ी संख्या में माता-पिता पहुँचे और अध्यापकों से संवाद कर अपने बच्चे की प्रगति, कमजोर विषय तथा आगामी रणनीति पर चर्चा की। यह साझा सहभागिता नई शैक्षणिक सोच विकसित करने में सहायक साबित हुई।
क्यों ज़रूरी है लम्बा ग्रीष्मावकाश?
चरम तापमान से सुरक्षा
मई-जून में कई जिलों में पारा 47 °C तक पहुँचता है। लम्बी छुट्टियाँ बच्चों को हीट-स्ट्रोक, डीहाइड्रेशन और गर्म हवाओं (लू) से बचाती हैं।शैक्षणिक पुनर्चिन्तन का समय
शिक्षक पाठ्यक्रम की समीक्षा, प्रश्न-पत्र निर्माण और नवाचार की योजना बना सकते हैं। विद्यार्थी भी पिछला पाठ पुनः पढ़कर बुनियादी खाई पाट सकते हैं।परिवारिक-सामाजिक जुड़ाव
गाँव-कस्बे के विद्यार्थी अपने रिश्तेदारों से मिलते हैं, पारम्परिक तीज-त्योहार मनाते हैं, जिससे सांस्कृतिक जड़ें मजबूत होती हैं।हॉबी डेवलपमेंट
अवकाश के दौरान तैराकी, संगीत, पेंटिंग, खेल-कैम्प या लाइब्रेरी विज़िट जैसी गतिविधियाँ बच्चों की समग्र प्रतिभा को निखारती हैं।
1 जुलाई से नया शैक्षणिक सत्र: तैयारी कैसी होगी?
समय पर पाठ्यपुस्तक वितरण: शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किये हैं कि 20 जून तक सभी विद्यालय-स्तर पर किताबों का स्टॉक पहुँचा दिया जाये ताकि 1 जुलाई को क्लास बिना रुकावट शुरू हो सके।
नामांकन अभियान: ग्रीष्मावकाश के दौरान पंचायत स्तर पर ‘स्कूल चलो अभियान’ चलाया जायेगा, जिसमें विद्यालय-तोड़ बच्चों को मुख्यधारा से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।
इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार: अवकाश में इमारत-मरम्मत, पेयजल नल, पंखे-LED आदि की जांच-मरम्मत कराने का आदेश दिया गया है, जिससे खुलते ही छात्र सुविधाजनक माहौल पायें।
पाठ्येतर योजनाएँ: नये सत्र में खेलो-इण्डिया, स्काउट-गाइड और एनसीसी इकाइयों के विस्तार का एजेंडा भी तैयार किया गया है।
अभिभावकों के लिए उपयोगी सुझाव
सुरक्षित दिनचर्या: गर्मी के तीखे समय (दोपहर 12-4) में बच्चों को बाहर खेलने न भेजें; हल्के सूती कपड़े और पर्याप्त पानी पिलाएँ।
पढ़ाई से नाता न टूटे: प्रतिदिन 1-2 घण्टे सहज अध्ययन कराएँ—पहले के नोट्स दोहराएँ, गणित में बेसिक तालिका याद कराएँ।
स्किल-बिल्डिंग: अंग्रेज़ी शब्दावली बढ़ाने का खेल, विज्ञान के छोटे-छोटे प्रयोग घर पर कराएँ।
डिजिटल डिटॉक्स: मोबाइल-टीवी का समय सीमित रखें; सामूहिक कहानी-पाठ या शतरंज खेलें।
शिक्षकों के लिए कार्ययोजनाएँ
असैसमेंट विश्लेषण: रिज़ल्ट शीट का अध्ययन कर सीखने की खाई (Learning Gaps) चिन्हित करें।
माइक्रो-लेसन प्लान: जुलाई-अगस्त हेतु अध्याय-वार शिक्षण रुपरेखा अग्रिम तैयार करें।
केवलावधि प्रशिक्षण: विभाग द्वारा स्वाध्याय मॉड्यूल (DIKSHA) पर अपलोड किये गये नये कोर्स पूरे करें।
राजस्थान सरकार द्वारा 45 दिन का ग्रीष्मावकाश बहाल करना निःसंदेह विद्यार्थियों और शिक्षकों, दोनों के स्वास्थ्य और शैक्षणिक हित में बड़ा कदम है। यह निर्णय न केवल लू से बचाव सुनिश्चित करेगा, बल्कि सत्र-शुरुआत से पहले समुचित तैयारी का अवसर भी प्रदान करेगा। अभिभावकों, विद्यार्थियों और शिक्षकों को चाहिए कि इस अवधि का सर्वोत्तम उपयोग करें—जहाँ एक ओर अध्ययन-पुनरावलोकन हो, वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य, कौशल और पारिवारिक बन्धन भी सुदृढ़ हों। 1 जुलाई 2025 को जब बच्चे पुनः सम्मिलित होंगे तो वे नई ऊर्जा, स्पष्ट लक्ष्य और बेहतर अधिगम-मनोवृत्ति के साथ कक्षा में कदम रखेंगे, यही इस लम्बे अवकाश की सार्थकता है।