Silver Price Today: भारत में चांदी की कीमतों ने 5 जून को नया रिकॉर्ड बना दिया। गुरुवार को चांदी ₹1,04,000 प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। यह तेजी न केवल घरेलू बाजार की गतिविधियों के कारण है, बल्कि वैश्विक आर्थिक हालात और तकनीकी संकेतों ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई है।
क्या है तेजी की वजह?
इस तेजी के पीछे कई कारण हैं। सबसे बड़ी वजह है वैश्विक बाजार में चल रही अनिश्चितता। अमेरिका की कमजोर अर्थव्यवस्था, चीन के साथ व्यापारिक तनाव, यूरोप में टैरिफ को लेकर उठते सवाल और मिडिल ईस्ट में राजनीतिक अस्थिरता – ये सभी कारण निवेशकों को सुरक्षित विकल्प की तलाश की ओर ले जाते हैं, और सोना-चांदी ऐसे ही पारंपरिक और भरोसेमंद निवेश माने जाते हैं।
दूसरी ओर, घरेलू बाजार में भी ट्रेडिंग का माहौल बेहद सक्रिय हो गया है। ट्रेडर्स ने ज्यादा दांव लगाने शुरू कर दिए हैं, जिससे मांग बढ़ी और कीमतें ऊपर चली गईं। गुरुवार को भारत के वायदा बाजार में 17,560 लॉट की ट्रेडिंग हुई, जो यह दर्शाता है कि निवेशक चांदी को लेकर काफी सक्रिय हो गए हैं।
अमेरिकी अर्थव्यवस्था का असर
अमेरिका की अर्थव्यवस्था में कमजोरी के संकेत मिल रहे हैं। हाल ही में आए आंकड़े बताते हैं कि वहां के सर्विस सेक्टर में गिरावट आई है और प्राइवेट कंपनियों ने मई महीने में कम लोगों को नौकरी दी है। इससे अनुमान लगाया जा रहा है कि अमेरिकी सेंट्रल बैंक, यानी फेडरल रिजर्व, ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। जब ब्याज दरें घटती हैं तो सोने और चांदी जैसी धातुओं की कीमतों में तेजी देखी जाती है, क्योंकि निवेशक इन्हें सुरक्षित विकल्प मानते हैं।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कैसा है हाल?
जहां भारत में चांदी का भाव तेजी से बढ़ा है, वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजारों में थोड़ी गिरावट भी देखने को मिली है। न्यूयॉर्क में गुरुवार को चांदी की कीमत 0.10% गिरकर $34.46 प्रति औंस रही। हालांकि, बीते एक महीने से चांदी अंतरराष्ट्रीय बाजार में $32.5 से $34 के दायरे में कारोबार कर रही थी, लेकिन अब इस दायरे को भी पार कर चुकी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर वैश्विक संकेत सकारात्मक रहते हैं तो अगला बड़ा रेजिस्टेंस लेवल $35 प्रति औंस हो सकता है। यानी अगर कीमतें $35 से ऊपर जाती हैं, तो और भी तेज उछाल देखने को मिल सकता है।
तकनीकी विश्लेषण क्या कहता है?
Augmont Goldtech जैसी जानी-मानी कंपनियों ने पहले ही बताया था कि चांदी के लिए सपोर्ट लेवल ₹96,000 प्रति किलो और रेजिस्टेंस लेवल ₹1,01,500 है। लेकिन अब चांदी ₹1,04,000 प्रति किलो के पार पहुंच चुकी है, जो यह दर्शाता है कि बाजार में तेजी बरकरार है। इससे यह साफ है कि अगर तकनीकी स्तर पर और सकारात्मक संकेत मिलते हैं तो कीमतें और चढ़ सकती हैं।
सोने का भाव अभी स्थिर
जबकि चांदी में जबरदस्त तेजी देखी गई है, सोने की कीमतों में अभी तक कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है। इसका एक बड़ा कारण यह है कि निवेशक अमेरिका में 6 जून को आने वाले नॉन-फार्म जॉब डेटा का इंतजार कर रहे हैं। अगर यह डेटा कमजोर रहता है, तो फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और मजबूत हो जाएगी। इससे सोने के भाव में भी तेजी आ सकती है।
निवेशकों का मूड
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन की वाइस प्रेसिडेंट अक्षा कांबोज का कहना है कि बाजार फिलहाल “उम्मीद और सतर्कता” के बीच झूल रहा है। अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक तनाव, यूरोप में टैरिफ को लेकर बनी अनिश्चितता और मिडिल ईस्ट में चल रही हलचल जैसी बातें निवेशकों को सावधान कर रही हैं। ऐसे में लोग मुनाफा कमाने के बाद निकलने की सोच भी रहे हैं, जिससे बाजार में उतार-चढ़ाव बना रह सकता है।
क्या करें निवेशक?
अगर आप निवेशक हैं और चांदी में निवेश करने की सोच रहे हैं, तो मौजूदा हालात को ध्यान में रखकर फैसला लें। तकनीकी संकेत फिलहाल तेजी के पक्ष में हैं, लेकिन अंतरराष्ट्रीय बाजारों में किसी भी तरह का बदलाव तेजी को रोक सकता है। इसलिए विशेषज्ञों की सलाह और बाजार की गति पर नजर रखते हुए ही निवेश करें।
निष्कर्ष:
चांदी की कीमतों में हालिया उछाल वैश्विक आर्थिक हालात, तकनीकी संकेत और घरेलू मांग में वृद्धि के कारण है। अगर यह स्थिति बनी रहती है, तो आने वाले दिनों में चांदी और ऊंचे स्तर पर पहुंच सकती है। हालांकि, निवेशकों को सतर्क रहना चाहिए और बाजार की हलचलों पर लगातार नजर बनाए रखनी चाहिए।