Summer Vacation 2025: पंजाब सरकार ने एक ऐतिहासिक और स्वागतयोग्य निर्णय लेते हुए राज्य के आंगनबाड़ी केंद्रों में भी इस वर्ष गर्मी की छुट्टियां घोषित कर दी हैं। यह निर्णय खासतौर पर उन आंगनबाड़ी वर्कर्स के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है जो गर्म मौसम में भी पूरे समर्पण के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन करती रही हैं।
अब आंगनबाड़ी केंद्रों में भी सरकारी प्राथमिक स्कूलों की तरह ही अवकाश प्रणाली लागू की जाएगी, जिससे वर्कर्स को बराबर का लाभ मिलेगा। इस फैसले के बाद हजारों आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने राहत की सांस ली है और इसे यूनियन के लंबे संघर्ष की जीत माना जा रहा है।
पंजाब सरकार का ऐतिहासिक निर्णय
पंजाब के सामाजिक सुरक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा इस फैसले को लेकर आधिकारिक आदेश भी जारी कर दिए गए हैं। आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि 2 जून 2025 से लेकर 23 जून 2025 तक सभी आंगनबाड़ी केंद्रों में गर्मी की छुट्टियां रहेंगी।
इसका सीधा लाभ लगभग 27,000 आंगनबाड़ी केंद्रों में कार्यरत महिला कर्मचारियों को मिलेगा। विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि छुट्टियों के दौरान आंगनबाड़ी वर्कर्स को केंद्रों में शारीरिक रूप से उपस्थित होने की आवश्यकता नहीं होगी, बल्कि वे अपने नियमित कार्य जैसे पोषण ट्रैकिंग, सरकारी योजनाओं से संबंधित डेटा एंट्री आदि को ऑनलाइन माध्यम से कर सकेंगी।
यूनियन के संघर्ष का रंग लाया
इस फैसले के पीछे ऑल पंजाब आंगनबाड़ी मुलाजिम यूनियन की लंबी लड़ाई और लगातार की गई मांगों का बड़ा योगदान है। यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष हरगोविंद कौर ने इस विषय में जानकारी देते हुए बताया कि कुछ समय पहले यूनियन के एक प्रतिनिधिमंडल ने विभाग की डायरेक्टर सीना अग्रवाल से मुलाकात की थी।
इस बैठक में यूनियन ने यह प्रमुख मांग रखी थी कि आंगनबाड़ी केंद्रों में भी सरकारी स्कूलों की तरह गर्मी और सर्दी की छुट्टियां दी जाएं। विभाग ने इस मांग को गंभीरता से लिया और अब सरकार ने इस दिशा में सकारात्मक पहल करते हुए छुट्टियों की घोषणा कर दी है।
क्यों जरूरी था यह फैसला?
गर्मियों के मौसम में जब तापमान 40 डिग्री से ऊपर पहुंच जाता है, तब आंगनबाड़ी वर्कर्स को छोटे बच्चों की देखभाल, पोषण सेवाएं और अन्य प्रशासनिक कामों के लिए कठिन परिस्थितियों में कार्य करना पड़ता है।
ऐसे में यह निर्णय न केवल स्वास्थ्य और कार्य की गुणवत्ता को बेहतर बनाएगा, बल्कि वर्कर्स के मनोबल को भी बढ़ाएगा। इसके साथ ही, केंद्रों में काम करने वाली महिलाओं को अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी निभाने का अवसर मिलेगा।
अवकाश के दौरान कार्य प्रणाली
यह स्पष्ट किया गया है कि गर्मी की छुट्टियों के दौरान सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर शारीरिक रूप से उपस्थिति की अनिवार्यता नहीं होगी, लेकिन वर्कर्स को सरकारी योजनाओं से जुड़े डिजिटल काम जैसे बच्चों का पोषण डाटा, लाभार्थियों की सूची, जननी सुरक्षा योजना से जुड़ी जानकारी आदि को ऑनलाइन माध्यम से पूरा करना होगा।
इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सेवाएं प्रभावित न हों और वर्कर्स को भी काम के दौरान लचीलापन मिले।
आगे की मांगें और संभावनाएं
यूनियन ने सरकार से यह भी आग्रह किया है कि आने वाले समय में सर्दियों की छुट्टियां भी आंगनबाड़ी केंद्रों में लागू की जाएं, जिससे गर्मी की तरह सर्द मौसम में भी राहत मिल सके।
साथ ही यूनियन ने यह भी मांग की है कि आंगनबाड़ी वर्कर्स को भविष्य में अन्य सरकारी सुविधाओं जैसे पेंशन, स्वास्थ्य बीमा, स्थायी नौकरी और सेवा सुरक्षा जैसे लाभ भी दिए जाएं, ताकि उनके द्वारा दी जा रही सेवाओं का सही मूल्यांकन हो सके।
निष्कर्ष
पंजाब सरकार का यह निर्णय न केवल एक सामाजिक कल्याण की दिशा में उठाया गया कदम है, बल्कि यह कार्यरत महिलाओं के सम्मान, सुरक्षा और सुविधाओं की दिशा में भी बड़ा बदलाव है।
आंगनबाड़ी वर्कर्स वर्षों से बच्चों की पोषण, शिक्षा और स्वास्थ्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। ऐसे में उन्हें समान छुट्टियों का लाभ देना न्यायोचित है।
आशा है कि इस फैसले से अन्य राज्यों की सरकारें भी प्रेरणा लेंगी और आंगनबाड़ी वर्कर्स की स्थिति को बेहतर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाएंगी।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले महीनों में यूनियन की अन्य मांगों पर सरकार का क्या रुख होता है और आंगनबाड़ी वर्कर्स को और किन सुविधाओं का लाभ प्राप्त होता है।