UPI Payment Discount: डिजिटल इंडिया की दिशा में भारत ने एक लंबी छलांग लगाई है और इसके केंद्र में है UPI यानी यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस। आज देश के कोने-कोने में लोग छोटे से छोटे लेनदेन के लिए भी UPI का इस्तेमाल कर रहे हैं। दुकानदार, ठेले वाले, ऑटो-रिक्शा चालक से लेकर बड़े-बड़े मॉल्स तक अब डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता देने लगे हैं।
इसी बीच सरकार एक नई योजना पर विचार कर रही है, जिससे UPI से भुगतान करने वालों को सीधा फायदा मिलेगा। इस प्रस्ताव के मुताबिक UPI से पेमेंट करने पर उपभोक्ताओं को डिस्काउंट या कैशबैक दिया जाएगा।
क्या है सरकार की प्रस्तावित योजना?
उपभोक्ता मंत्रालय की तरफ से जो नई योजना तैयार की जा रही है, उसमें यह सुझाव है कि अगर कोई व्यक्ति UPI के माध्यम से 100 रुपये की खरीदारी करता है, तो उससे केवल 98 रुपये ही लिए जाएंगे। यानी उसे सीधे-सीधे 2 रुपये का लाभ मिलेगा।
इस योजना का उद्देश्य UPI को क्रेडिट कार्ड जैसे अन्य डिजिटल भुगतान माध्यमों की तुलना में ज्यादा फायदेमंद बनाना है। सरकार चाहती है कि आम लोग डिजिटल पेमेंट को अपनी दिनचर्या में और भी गहराई से शामिल करें।
क्यों जरूरी है यह योजना?
हालांकि आज के समय में UPI काफी लोकप्रिय हो चुका है, लेकिन अब भी बड़ी खरीदारी के समय कई लोग क्रेडिट कार्ड या कैश का ही सहारा लेते हैं।
जब कोई ग्राहक क्रेडिट कार्ड से पेमेंट करता है, तो दुकानदार को पूरी राशि नहीं मिलती। उसे केवल 97 से 98 प्रतिशत राशि ही मिलती है क्योंकि क्रेडिट कार्ड पर 2-3 प्रतिशत तक मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) काटा जाता है। वहीं UPI ट्रांजैक्शन पर दुकानदार को पूरी रकम मिलती है क्योंकि उस पर कोई MDR लागू नहीं होता।
अब सरकार इसी लाभ को ग्राहकों तक पहुंचाना चाहती है ताकि वे UPI को और अधिक प्राथमिकता दें।
UPI बन रहा है वैश्विक मॉडल
भारत ने UPI को इतनी तेजी से अपनाया है कि अब यह पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण बन गया है। दूसरे देशों में भी भारतीय UPI मॉडल को अपनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं।
सरकार का मानना है कि जिस तरह से भारत में डिजिटल लेनदेन की आदत बनी है, वह एक क्रांति है और अब समय आ गया है कि इस क्रांति का लाभ सीधे उपभोक्ताओं को मिले।
जून 2025 में लिया जाएगा अंतिम फैसला
इस योजना को लागू करने से पहले सरकार ने जून 2025 में एक अहम बैठक बुलाने का निर्णय लिया है।
इस बैठक में शामिल होंगे:
ई-कॉमर्स कंपनियां
बैंक और वित्तीय संस्थान
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI)
पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स
उपभोक्ता संगठन
इस मीटिंग के बाद योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा और फिर इसे पूरे देश में लागू किया जा सकता है।
पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया की राय
गौरतलब है कि पेमेंट्स काउंसिल ऑफ इंडिया पहले ही UPI और रूपे डेबिट कार्ड पर MDR लगाने की मांग कर चुकी है। लेकिन सरकार इस पर फिलहाल सहमत नहीं है।
सरकार की कोशिश है कि डिजिटल पेमेंट पर कोई अतिरिक्त शुल्क न लगे, जिससे आम लोगों में इसका उपयोग और बढ़े।
16 जून 2025 से UPI ट्रांजैक्शन होंगे और तेज
NPCI ने डिजिटल ट्रांजैक्शन को और बेहतर बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है।
16 जून 2025 से UPI ट्रांजैक्शन को केवल 15 सेकंड में पूरा करने का नया नियम लागू होगा। अभी तक यह प्रक्रिया लगभग 30 सेकंड तक का समय लेती है। इस बदलाव से UPI का उपयोग पहले से ज्यादा तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक हो जाएगा।
इस योजना से उपभोक्ताओं को क्या होगा फायदा?
सीधा कैशबैक: हर खरीदारी पर 2 प्रतिशत तक की छूट या कैशबैक मिलेगा।
बचत में इजाफा: महीने में अगर आप 10,000 रुपये की UPI से खरीदारी करते हैं तो आप औसतन 200 रुपये तक बचा सकते हैं।
कैश का इस्तेमाल कम होगा: लोग नकद लेनदेन से दूर होंगे जिससे देश की अर्थव्यवस्था और पारदर्शी बनेगी।
छोटे दुकानदारों को मिलेगा बढ़ावा: उन्हें बिना किसी कटौती के पूरी राशि मिलेगी।
निष्कर्ष
सरकार की यह प्रस्तावित योजना डिजिटल इंडिया को और मजबूती देने का काम करेगी। यदि UPI पर छूट या कैशबैक जैसी सुविधा शुरू होती है तो यह न केवल उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी होगा, बल्कि डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने में भी बेहद मददगार साबित होगा।
यह योजना उन लोगों के लिए खासतौर पर उपयोगी है जो रोजाना छोटे-छोटे ट्रांजैक्शन करते हैं, जैसे सब्जी खरीदना, किराना सामान, या लोकल ट्रांसपोर्ट का भुगतान।
भविष्य में जब यह योजना लागू होगी, तब हर खरीदारी पर उपभोक्ता को सीधी छूट मिलेगी और भारत एक बार फिर डिजिटल क्रांति में एक नया इतिहास रचेगा। इसलिए अब समय आ गया है कि हम सभी UPI को अपनी पहली पसंद बनाएं और डिजिटल इंडिया के इस अभियान को सफल बनाएं।