Wheat Price Hike: इस साल रबी फसल की कटाई के बाद मंडियों में गेहूं की नई फसल की आवक शुरू हो गई है, लेकिन इसके साथ ही गेहूं के भावों ने रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। इस समय देश के कई राज्यों की मंडियों में गेहूं की कीमतें सरकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से काफी ऊपर चल रही हैं, जिससे किसानों को जबरदस्त मुनाफा हो रहा है।
MSP से ऊपर मिल रहा है गेहूं का रेट
सरकार ने रबी मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए गेहूं का MSP 2425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। लेकिन मौजूदा समय में देश की प्रमुख अनाज मंडियों में गेहूं का भाव 2700 से 2900 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच चुका है। यानी किसान हर क्विंटल गेहूं पर 300 से 500 रुपये ज्यादा कमा रहे हैं।
क्यों बढ़ रहे हैं गेहूं के दाम?
नई फसल की कम मात्रा में आवक और बढ़ती मांग ने गेहूं के रेट को ऊपर चढ़ा दिया है।
भारतीय खाद्य निगम (FCI) ने भी अपनी सरकारी खरीद प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिससे मंडियों में प्रतिस्पर्धा बढ़ी है।
निजी व्यापारी और आढ़ती भी किसानों से गेहूं खरीदने के लिए ज्यादा दाम दे रहे हैं।
मई में और बढ़े रेट
मई के पहले सप्ताह से ही गेहूं की कीमतों में तेजी का रुख देखा जा रहा है। जैसे-जैसे मौसम गर्म हो रहा है, वैसे-वैसे मंडी भाव भी गर्म हो रहे हैं। किसान अब तक जो रेट पा रहे हैं, वह उम्मीद से काफी ज्यादा हैं। अगर यह रुझान ऐसे ही जारी रहा तो जून-जुलाई में गेहूं के दाम 3000 रुपये प्रति क्विंटल तक भी जा सकते हैं।
किस राज्यों में क्या है गेहूं का भाव?
उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब जैसे राज्यों की मंडियों में गेहूं की आवक बढ़ी है, लेकिन वहां भी MSP से ज्यादा रेट मिल रहे हैं। उदाहरण के तौर पर:
उत्तर प्रदेश: औसतन 2700-2800 रुपये प्रति क्विंटल
हरियाणा: करीब 2750 रुपये प्रति क्विंटल
पंजाब: 2800 से ऊपर का भाव
इन राज्यों में किसान सरकारी खरीद केंद्रों से ज्यादा भरोसा अब निजी खरीद पर कर रहे हैं, क्योंकि वहां बेहतर रेट मिल रहा है।
किसानों के लिए सुनहरा मौका
इस बार किसान अच्छी क्वालिटी का गेहूं लेकर मंडियों में पहुंच रहे हैं और उसका भरपूर फायदा भी उठा रहे हैं। विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले दिनों में अगर गेहूं की डिमांड यूं ही बनी रही, तो भाव और भी ऊपर जा सकते हैं। कुछ समझदार किसान गेहूं को अभी बेचने की बजाय स्टॉक करके रख रहे हैं, ताकि आगे रेट बढ़ने पर और ज्यादा मुनाफा कमा सकें।
क्या करना चाहिए किसानों को?
मंडियों के ताजा रेट पर नजर बनाए रखें।
अगर रेट आपको लाभकारी लगते हैं तो बिक्री में देरी न करें।
अगर भंडारण की सुविधा है और बाजार में तेजी का अनुमान है तो थोड़ा स्टॉक करके रखना भी समझदारी हो सकती है।
अच्छी क्वालिटी के गेहूं की हमेशा बेहतर कीमत मिलती है, इसलिए फसल की गुणवत्ता बनाए रखें।
जानकारों की राय
मंडी विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार गेहूं की घरेलू खपत और निर्यात दोनों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसका सीधा असर बाजार भाव पर पड़ा है। गेहूं की कीमतों में तेजी फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रही, और यदि मौसम अनुकूल रहा तो यह सीजन किसानों के लिए ऐतिहासिक साबित हो सकता है।
निष्कर्ष
गेहूं की कीमतों में आई यह तेजी किसानों के लिए खुशखबरी है। जो किसान अपनी मेहनत से अच्छी फसल उगाते हैं, उन्हें अब उसका उचित मूल्य भी मिल रहा है। एमएसपी से ऊपर चल रहे रेट न सिर्फ उनकी लागत निकाल रहे हैं, बल्कि उन्हें मुनाफा भी दे रहे हैं। ऐसे में यह जरूरी हो जाता है कि किसान बाजार की चाल को समझें और समय रहते सही निर्णय लें।